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“अजगर और त्रिकालदेव” – मनोज कॉमिक्स के दो महायोद्धा (“Ajgar Aur Trikaldev” – Two Great Warriors Of Manoj Comics)

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मनोज कॉमिक्स के क्लासिक विशेषांक में जब पहली बार एक साथ नजर आएं ‘अजगर’ और ‘त्रिकालदेव’। (When ‘Ajgar’ and ‘Trikaldev’ were seen together for the first time in the classic special issue of Manoj Comics.)

1990 के दशक में भारतीय कॉमिक्स का जो स्वर्णिम युग था, उसमें मनोज कॉमिक्स ने “अजगर और त्रिकालदेव” जैसे विशेषांकों के ज़रिए अपनी खास जगह बनाई। अजगर और त्रिकालदेव मनोज काॅमिक्स विशेषांक थी, कुल 60 पृष्ठों में फैली एक वृहद चित्रकथा जिसे नब्बें के दशक में प्रकाशित किया गया था। काॅमिक्स का मूल्य था 16/- रूपये और संख्या क्रमांक था 32। इस काॅमिक्स में पहली बार अजगर और त्रिकालदेव एक साथ दिखाई पड़े थे। अजगर का असली नाम है ‘त्रिपुडं’ और वह अजगर लोक का युवराज है, दूसरी ओर त्रिकालदेव जो कौशलनगर का शूरवीर बाहुबली योद्धा है एवं उसके साथ है उसका वफादार साथी थिम्पु। अब कैसे हुआ इन दो महारथियों का परिचय, परत दर परत किस्से खुलेंगे ‘अजगर और त्रिकालदेव’ (Ajgar Aur Trikaldev) काॅमिक्स मे।

Ajgar Aur Trikaldev - Manoj Comics
Ajgar Aur Trikaldev – Manoj Comics

मुख्य पात्र (Characters):

  • अजगर / त्रिपुडं: रहस्यमयी योद्धा, अजगर लोक का रक्षक। सर्पशक्ति का स्वामी, अत्यंत गंभीर और शक्तिशाली।
  • त्रिकालदेव: तीनों कालों का ज्ञाता, बाहुबली और न्यायप्रिय योद्धा, अपने प्राचीन अस्त्रों से लैस।
  • थिम्पु: त्रिकालदेव का दोस्त, साहसी और हँसमुख साथी।
  • कौड़िया: शक्तिशाली इच्छाधारी विलेन जो गुरु को धोखा देकर मणि हासिल करता है।
  • गुरु जयद्रोण: ब्रह्मज्ञानी और मणि के संरक्षक।
Ajgar Aur Trikaldev - Manoj Comics Characters
Ajgar Aur Trikaldev – Manoj Comics Characters

कहानी (Story)

अजगर लोक में दैत्य हवाखोर ने आतंक मचा रखा है, मासूम अजगर निवासी उसके आहार बन रहे है, राजा अजगजदेव भी अपने आसीम बाहुबल और शक्तियों के बाद भी उसे हरा नहीं पा रहे है, ऐसे में प्रकट होता है अजगर और उसके कोप का भाजन बनता है हवाखोर। पर शैतान मरते मरते अजगर लोक की काफी हवा खींच लेता है। कुलगुरु जयद्रोण की आज्ञा पर अजगर कठिन तप करके प्राप्त करता है कुलदेवता से मणि जो सभी प्राणियों को हवा प्रदान करती है। अब कहानी मे आगमन होता है कौड़िया का, जो जयद्रोण का शिष्य था और इच्छाधारी शक्तियों का स्वामी। वह अपने कुटील षड्यंत्र से मणि प्राप्त करने में सफल होता है और कौशलनगर पहुँच जाता है जहाँ वह टकराता है थिम्पु और त्रिकालदेव से। मणि से जीत पाना असंभव है और तब उन्हें बचाने आता है अजगर! क्या कौड़िया अपना सम्राट बनने का सपना पूरा कर पाया? क्या अजगर और त्रिकालदेव उससे जीत पाए? अजगरलोक के प्राणियों का क्या हुआ। सभी रहस्यों से पर्दा उठाती है काॅमिक्स अजगर और त्रिकालदेव।

Ajgar Aur Trikaldev - Manoj Comics Pages
Ajgar Aur Trikaldev – Manoj Comics

टीम (Team)

  • कहानी: नाजरा खान – जिन्होंने प्लॉट को सरल लेकिन रहस्यपूर्ण और तेजी से आगे बढ़ने वाला रखा।
  • चित्रांकन: बने सिंह जी – जिनकी रेखाओं में गति और एक्शन दोनों ज़बरदस्त हैं।
  • संपादक: संदीप गुप्ता जी – जिन्होंने पात्रों और घटनाओं को अच्छे संतुलन में रखा।

काॅमिक्स का आवरण भी शानदार बना है जिसमें कौड़िया अपने इच्छाधारी रूप में है, साथ ही अजगर भी अपने सर्प रूप में। त्रिकालदेव और अजगर के हाथ में तलवार चमक रही है और पीछे थिम्पु भी नजर आ रहा है। एक एवरग्रीन क्लासिक मनोज काॅमिक्स।

Ajgar Aur Trikaldev - Manoj Comics - Panel
Ajgar Aur Trikaldev – Manoj Comics

संक्षिप्त विवरण (Details)

प्रकाशक : मनोज कॉमिक्स
पेज : 60
पेपर : नार्मल
मूल्य : 16/-
भाषा : हिंदी
कहां से खरीदें : कलेक्टर्स या फेसबुक सेलर्स!

निष्कर्ष (Conclusion)

“अजगर और त्रिकालदेव” एक शानदार क्रॉसओवर थीम वाली कॉमिक्स है जो आज भी संग्रहणीय मानी जाती है। इसमें एक्शन है, भावना है और वह रेट्रो फील है जो आज की जनरेशन शायद कभी न समझ सके। यह उन लोगों के लिए एक सुनहरी याद है, जिन्होंने मनोज कॉमिक्स के साथ बचपन जिया है। कॉमिक्स, दो महानायक और उनका पराक्रम एवं अपने नाम के साथ पूरा न्याय करती है। काॅमिक्स में जबरदस्त एक्शन है, मित्रता की मिसाल है, दैत्यों से खूंरेंजी टकराव और नब्बें के दशक का जबरदस्त एहसास हैं। आभार – कॉमिक्स बाइट!!

Ajgar Aur Trikaldev - Panel
Ajgar Aur Trikaldev

पढ़े: त्रिकालदेव (Trikaldev)

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