ड्रैकुला सीरीज: भूतमहल ‘मनोज चित्र कथा’ (Dracula Series – Manoj Chitra Katha)
ड्रैकुला (Dracula) एक ऐसा खलनायक है जिसे किताबों से लेकर वेब सीरीज तक में इस्तेमाल किया गया है. ऐसा किरदार लिखना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण था पर भारत के लगभग हर बड़े कॉमिक्स पब्लिकेशन ने ड्रैकुला पर हाथ जरुर आजमाया है. इस लेखकीय सीरीज पर बात होगी ड्रैकुला के इस सफ़र पर, क्या आप लोग तैयार है?
कॉमिक्स बाइट फैक्ट्स में पढ़ें : भूतमहल (मनोज चित्र कथा) राम-रहीम
भूतमहल (Bhootmahal)
‘भूतमहल‘ का नाम दिमाग में कौंधते ही ‘रामसे ब्रदर्स’ की याद आ जाती है. कोई पुरानी अस्सी-नब्बें के दौर की भूतिया फिल्म, पर अगर आप ऐसा सोचते है तो आपको ‘मनोज कॉमिक्स’ या ‘मनोज चित्र कथा’ के किरदार राम-रहीम के बारें में बिलकुल भी अंदाजा नहीं है क्योंकि यह कॉमिक्स किसी कॉमिक्स प्रेमी के लिए एक खज़ाने से कम नहीं. ‘भूतमहल’ (The Ghost Palace) को डबल सीक्रेट एजेंट 001/2 ‘राम-रहीम‘ की पहली कॉमिक्स होने का गौरव भी प्राप्त है.
ये ‘मनोज चित्र कथा’ या बाद में ‘मनोज कॉमिक्स’ की सबसे महानतम सीरीज में शुमार है. ऐसी जबरदस्त कहानी और रोमांच उस दौर में किसी भी कॉमिक्स प्रकाशक के पास उपलब्ध नहीं था. कसावट से लिखा गया कथानक और बेहद उम्दा चित्रांकन इस सीरीज को और बेजोड़ बना देता है.
बुनियादी जानकारी (Basic Information)
नाम: भूतमहल
प्रकाशन: मनोज चित्र कथा या मनोज कॉमिक्स
पात्र: राम-रहीम, ड्रैकुला, चीफ मुखर्जी, डॉक्टर शैतान
कवर: सी एम विठंकर, जगदीश पंकज और कदम स्टूडियोज़
कहानी (Story)
अपने दौर से कहीं आगे फंतासी वर्ग और बच्चों के साहस को टटोलती यह कहानी आज भी उतनी ही ताज़ा है जितनी आपके ‘चाय के कप की प्याली’. मिस्टर मुखर्जी जो की डबल सीक्रेट सर्विस 001/2 के चीफ पद पर भी पदस्थ थे उन्हें अपने बाल जासूस ‘राम-रहीम’ की जोड़ी पर गर्व था.
राम रहीम : डबल सीक्रेट एजेंट 001/2 बाल जासूस ‘राम-रहीम’ जिनके साहसिक कारनामों के कारण भारत का सर विश्व में ऊँचा हो गया. बड़े बड़े अपराधियों को कानून के शिकंजे में फंसा कर जेल की मजबूत सलाखों के पीछे पहुँचाने का श्रेय भी इन्हें प्राप्त था.
एक मृत बच्चे पर किया गया अनोखा प्रयोग जिसका जनक था ‘डॉक्टर शैतान’. उस बच्चे के उपर किए गए प्रयोग के कारण होते है अमूलचूल बदलाव और वह एक भयानक डील डौल प्राप्त कर लेता है, देखने में विकृत काँटों भरा जिस्म और भयानक शक्ल सूरत ले कर वह कहलाया ‘ड्रैकुला’. जिसका सिर्फ एक ही कार्य था अपने स्वामी डॉक्टर शैतान के लिए इस दुनिया से प्रतिशोध लेना एवं छोटे बालकों और नन्हें मुन्नों के खून से अपनी प्यास बुझाना.
हिंदी एवं अंग्रेजी में कॉमिक्स खरीदनें हेतु यहाँ क्लिक कीजिए – कॉमिक्स स्टोर (राज, डायमंड, अमर चित्र कथा, मार्वल, आर्ची, फैंटम, डिज्नी)
इस कारण पूरे शहर में मच जाती है सनसनी और पुलिस के भी कसबल ढीले हो जाते है, किसी को भी ‘ड्रैकुला’ की कार्यप्रणाली समझ नहीं आती और तब बात पहुँचती है चीफ मुख़र्जी तक. बाल जासूस राम-रहीम को सौंपा जाता है ये खतरनाक केस. अब एक छोर पर है डॉक्टर शैतान और ड्रैकुला एवं दुसरे छोर पर है भारत के होनहार जासूस राम-रहीम.
कॉमिक्स का नाम भूतमहल इस कारणवश रखा गया है क्योंकि यह शहर के एक वीरान हिस्से में बनी कोठी है. यहाँ पर कोई आता जाता नहीं और आस पास के लोगों का कहना है की यहाँ भूत पिशाचों को डेरा है एवं इसके तहखाने में डॉक्टर शैतान और ड्रैकुला का बसेरा है.
अपनी इस खोज में राम-रहीम की जबरदस्त टक्कर होती है ड्रैकुला से जिसे हरा पाना इन नन्हे बालकों को काफी भारी पड़ता है, ड्रैकुला से इनका टकराव और भूतमहल की गतिविधियाँ काफी डरावनी जान पड़ती है. एक रहस्यमय शख्स इन्हें भूतमहल में ना जाने की समझाइश भी देता है पर भारत के इन वीरों को भला कोई रोक पाया है?
कही अनकही
कहानी बेहद ही अच्छे तरीके से बुनी गई है और हॉरर का बेमिसाल तड़का इसे डरावना भी बना देता है, नन्हे बालक पर ग़जब के जाबांज ‘राम-रहीम’ की ड्रैकुला से पहली टक्कर, पर क्या ये इतना आसान है? कथानक की कसावट और चित्रों के बेहतरीन संगम इसे पठनीय और विशेष संस्करण के मानकों पर सटीक पाती है.
पर क्या मात्र 32 पृष्ठों पर ड्रैकुला जैसे खतरनाक राक्षस और राम-रहीम जैसे शौर्यवान बच्चों की कहानी समेटी जा सकती है? जवाब है नहीं इसलिए कहानी को इसके अगले भाग – ‘ड्रैकुला बालक’ में भी जारी रखा गया है. मनोज कॉमिक्स उस दौर में हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में प्रकाशित होती थी.
अगर लोकप्रियता का कोई पैमाना है तो निश्चित ही ‘मनोज चित्र कथा’ और ‘मनोज कॉमिक्स’ को आप इसकी कसौटी पर हमेशा खरा पाएंगे. आशा करता हूँ इस आलेख को अभी आप लोगों का स्नेह जरुर प्राप्त होगा, फिर मिलेंगे इसके अगले भाग के साथ जिसका नाम है – ‘ड्रैकुला बालक‘, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
A Must Have For Marvel Entertainment Fans – Infinity Gauntlet Paperback