आर्टिस्ट कार्नर: प्राण कुमार शर्मा (सौजन्य – बुक बाबू)
दोस्तों आज बात होगी पद्मश्री ‘प्राण कुमार शर्मा’ जी के बारे में जिसे प्रकाशित किया है – ‘बुक बाबू’ नामक संस्था ने, ये हिंदी साहित्य के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहे है और समय समय भारत के साहित्य से जुड़े लेख, लेखक, कवि एवं कवियों की रचनाएँ और उससे जुड़ी जानकारी साझा करते रहते है. ‘प्राण कुमार शर्मा’ या ‘कार्टूनिस्ट प्राण’ – कॉमिक्स जगत और इस दुनिया को छह साल पहले अलविदा कह चुके है लेकिन उनकी कालजयी कृतियाँ और सृजन उन्हें अपने अंदर हमेशा संजो कर रखेंगी.
कार्टूनिस्ट प्राण का आज जन्मदिन था (15 अगस्त) और उनके जयंती के अवसर पर ‘बुकबाबू‘ और कॉमिक्स बाइट उन्हें कोटि कोटि नमन अर्पित करती है. अगर आप भी ‘बुकबाबू‘ से जुड़ना चाहें तो नीचे दिए आइकॉन पर क्लिक कीजिए.
कार्टूनिस्ट प्राण कहा करते थे –
मैं अपना जन्मदिन नहीं मनाता, पूरा देश इसे मनाता है”
जन्मदिन विशेष : प्राण कुमार शर्मा [15 अगस्त 1938]
“यदि मैं लोगों के चेहरे पर एक मुस्कान ला सका तो मैं अपने जीवन को सफल मानूंगा।” – प्राण
प्राण कुमार शर्मा का जन्म 15 अगस्त 1938 को कसूर(अविभाजित भारत) में हुआ था । वे भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय कार्टूनिस्ट रहे । प्राण ने 1960 से कार्टून बनाने की शुरुआत की। प्राण को सबसे ज्यादा लोकप्रिय उनके पात्र चाचा चौधरी और साबू ने बनाया। सर्वप्रथम लोटपोट के लिए बनाये उनके ये कार्टून पात्र बेहद लोकप्रिय हुए और आगे चलकर प्राण ने चाचा चौधरी और साबू को केन्द्र में रखकर स्वतंत्र कॉमिक पत्रिकाएं प्रकाशित की। उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र मिलाप से कार्टून बनाने की शुरुआत की थी।
प्राण ने 1960 से कार्टून बनाने की शुरुआत की थी। पहली दफा उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित अख़बार मिलाप के लिए कार्टून बनाना आरंभ किया था। एम.ए. (राजनीति शास्त्र) और फ़ाइन आर्ट्स के अध्ययन के बाद सन 1960 से दैनिक मिलाप से उनका कैरियर आरम्भ हुआ। तब भारत में विदेशी कॉमिक्स का ही बोलबाला था। ऐसे में प्राण ने भारतीय पात्रों की रचना करके स्थानीय विषयों पर कॉमिक बनाना शुरू किया। भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय रचयिता कार्टूनिस्ट प्राण के रचे अधिकांश पात्र लोकप्रिय हैं पर प्राण को सर्वाधिक लोकप्रिय उनके पात्र चाचा चौधरी और साबू ने ही बनाया। अमेरिका के इंटरनेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ कार्टून आर्ट में उनकी बनाई कार्टून स्ट्रिप ‘चाचा चौधरी’ को स्थाई रूप से रखा गया है।
प्राण को कई पुरस्कारों से नवाजा गया था। वर्ष 1995 में उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज किया गया था। इसके अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्टूनिस्ट्स ने वर्ष 2001 में उन्हें ‘लाइफ टाईम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से नवाजा था। ‘द वर्ल्ड एनसाइक्लोपीडिया ऑफ कॉमिक्स’ में प्राण को ”भारत का वॉल्ट डिज्नी” बताया गया है और चाचा चौधरी की स्मृति पट्टी अमेरिका स्थित कार्टून कला के अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय में लगी हुई है। 2015 में उन्हें भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया गया। नमन।
जयंती । बुकबाबू
मेरी नज़र में प्राण – बायोग्राफी
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