महाराणा प्रताप (Maharana Pratap)
नमस्कार सभी मित्रों का, कॉमिक्स बाइट की ओर से महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) जयंती की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. वैसे आप सभी भारतवंशी इस नाम से परिचित होंगे, इतिहास में इनके बारे में पढ़ा भी होगा, उनके नाम पर कई किताबें छपी है लेकिन क्या आपको पता है की महाराणा प्रताप के उपर कॉमिक्स भी छपी है, जी हाँ कुछ पब्लिकेशन्स ने महाराणा प्रताप के इतिहास के मद्देनज़र कॉमिक्स भी छापी है जिनकी आज हम चर्चा जरुर करेंगे, लेकिन महाराणा प्रताप कौन है एक बार इस बात पर भी थोड़ी जानकारी प्राप्त ली जाये. (कवर पर है महाराणा प्रताप के उपर भारत सरकार द्वारा जारी किया गया हुआ 1 रूपए का सिक्का)
पूरा नाम: महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया
जन्म: 9 मई 1540 कुम्म्भलगढ़, मेवाड़
पदवी: मेवाड़ के तेरहवें महाराणा
घराना: राजपूत
कद: 7 फुट 5 इंच
वजन: 110 किलो
तथ्य –
- महाराणा प्रताप जंग में 208 किलो का वजन लेकर लड़ते थे, उनके भाले का वजन 81 किलो था, उनका कवच 72 किलो का था, अगर इसमें ढाल और तलवारों (दोनों हाँथों में) का भी वजन जोड़ दिया जाये, तो कुल वजन 208 किलो के उपर होता था.
- महाराणा प्रताप के पास एक घोड़ा भी था जिसका नाम चेतक था, चेतक द्रुतगति से दौड़ सकता था एवं स्वामीभक्त भी था, एक बार चेतक ने युद्ध में 26 फीट की घाटी, महाराणा को अपने ऊपर बैठा कर कूद के पार की थी. चेतक के सर पर हाँथी का मुखौटा लगाया जाता था ताकि युद्ध भूमि में दुश्मन भौंचक्का रह जाये और घोड़े एवं हाँथी के बीच का भ्रम बना रहे.
- दो तलवारों का भी खास तथ्य है, जब महाराणा युद्ध भूमि में होते थे और कोई निहत्था दुश्मन उनके सामने पड़ जाये तो वो उसे ललकारते हुए बराबरी का मौका देते थे.
- युद्ध क्षेत्र में जब महाराणा प्रताप का अकबर के एक सेनानायक बहलोल खान से सामना हुआ तो तब ‘महाराणा’ नें उसे उसके घोड़े सहित बीच से दो टुकड़े में बाँट दिया था.
- वक़्त पड़ने पर महाराणा को ‘गुर्रिल्ला युद्ध’ का भी सहारा लेना पड़ा और जंगलों में रह कर ‘घास की रोटी’ भी खानी पड़ी. वो इसमें काफ़ी परांगत थे एवं भीलों के साथ उन्होंने मेवाड़ से मुगलों को बहार कर दिया.
- महाराणा की सेना अकबर के मुकाबले काफ़ी कम थी लेकिन राजपूत वीर योद्धाओं ने अकबर की सेना में खलबली मचा दी थी, कई किताबों में ये भी जिक्र मिलता है की उनके सेनापति अपना शीश गवांने की बाद भी लड़ते रहे.
- महाराणा ने युद्ध भूमि में अपना घोडा अकबर के हाँथी के उपर चढ़ा दिया था, जिससे अकबर खौफ़ में आ गया था, उसे लगता युद्ध में अगर महाराणा से सीधे टक्कर ली तो मौत निश्चित है. इतिहास भी यही कहता है की अकबर ने जब तक महाराणा जीवित रहे अपनी राजधानी को लाहौर खिसका दिया था जिसे बाद में वापस आगरा लाया गया.
- अकबर महाराणा प्रताप की वीरता का कायल था, क्योंकि बस उन्होंने ही उस वक़त मुगलों के सामने समपर्ण नहीं किया बल्कि अदब से डटे रहे, वें महराणा प्रताप से हमेशा दोस्ती चाहते थे ताकि उन्हें गुजरात क्षेत्र के लिए सुगम रास्ता मिल सकें एवं अकबर की सेना और शक्तिशाली हो जाये, खैर उनका ये सपना खुशफ़हमी ही बन के रह गया और महाराणा ने 56 वर्ष की आयु में अपने प्राण त्याग दिए, महाराणा के गमन की जानकारी पाकर अकबर बहोत दुखी हुआ और रोया भी था.
- उल्लेखनीय युद्ध – हल्दीघाटी और दिवेर.
ऐसे वीर महापुरुष अपने आप में एक मिसाल होते है, हमारे कॉमिक्स के सुपर हीरो तो काल्पनिक है लेकिन जब असली ताकत, बल, कूटनीति, राजनीति और युद्धों की बात आती है तो कहीं भी इनके आगे कोई नहीं टिकता, अफ़सोस आज महाराणा प्रताप का नाम ज्यदा सुनाई नहीं पड़ता, इतने धनी इतिहास के बाद भी मुझे कॉमिक्स में महाराणा प्रताप के उपर कोई खास पब्लिकेशन का कार्य दिखाई नहीं दिया. फिर भी कुछ जानकारी सभी के साथ साझा कर रहा हूँ –
विमनिका कॉमिक्स – विमनिका कॉमिक्स ने महाराणा प्रताप के उपर शायद कोई कॉमिक्स निकली थी या मात्र पोस्टर, लेकिन उनका आर्टवर्क बेमिसाल है आप अक्सर उसे सोशल मीडिया पर यहाँ वहां घूमता देख सकते है. पोस्टर उनके वेबसाइट पर अभी भी उपलब्ध है!.
अमर चित्र कथा – अमर चित्र कथा स्टूडियो ने राणा प्रताप, राणा सांगा और राणा कुम्भा के उपर ‘सिंगल शॉट’ अंक भी निकाले एवं बाद में “राणास ऑफ़ मेवाड़” के नाम से 3 इन 1 कमबाईन्ड एडिशन भी प्रस्तुत किया. वर्ष 1973 को पहली बार अमर चित्रकथा ने महाराणा प्रताप की पतली सी कॉमिक्स निकाली थी.
मकाव पब्लिकेशन – मकाव पब्लिकेशन ने 7-9 साल के बच्चों के लिए ग्राफ़िक नावेल की सीरीज शुरू की थी, इसी कड़ी में ‘राणा प्रताप’ के उपर एक कॉमिक्स ‘महाराणा प्रताप – मिथ एंड लेजेंड्स’ भी आई थी, बाद में हिन्दू माइथोलॉजी के नाम से एक और ग्राफ़िक नावेल प्रकाशित हुई थीं जिसका नाम था “हिन्दू माइथोलॉजी महाराणा प्रताप”.
विल्को पब्लिशिंग हाउस – विल्को ने काफ़ी समय तक ग्राफ़िक नावेल के बाज़ार में आपना नाम बनाये रखा, इनके इतने सारे सेग्मेंट्स थे की आप भी आश्चर्यचकित रह जायेंगे. “विल्को पिक्चर्स लाइब्रेरी” ने ‘राणा प्रताप’ के उपर भी एक बिग साइज़ ग्राफ़िक नावेल निकाली थी.
मनोज पब्लिकेशन – मनोज पब्लिकेशन का नाम से तो वैसे सभी ने सुना है, मनोज कॉमिक्स भी उन्हीं का प्रकाशन थी, ऐसे में महाराणा प्रताप के उपर कोई कॉमिक्स न देखना थोड़ा दुखद है, लेकिन इसकी कमी आप उनके द्वारा प्रकाशित ‘महाराणा प्रताप – भारत के वीर सपूत’ नामक किताब से पूरी कर सकते है, कदम स्टूडियोज के बेमिसाल आर्टवर्क से सजी ये किताब सभी के पास होनी चाहिए.
इंडियन बुक डिपो: आप यहाँ से भारत के “गौरवशाली राजा-रानियों” के बारे में जान सकते है, ये एक चार्ट है जिसमे काफ़ी आकर्षक आर्टवर्क में सभी की जानकारी दी गई है.
द लीजेंड ऑफ़ इंडिया – ये असल में एक ब्लॉग है जिसमे कुछ बहोत ही बेहतरीन इलस्ट्रेशन दिए गए है, कॉमिक्स कहीं भी उपलब्ध नहीं है, इसके कुछ इलस्ट्रेशन यहाँ संलग्न है बाकि आप उनके ब्लॉग पर जाकर देख सकते है. इनके सृजन करता है ‘मयूर’ और मैं उम्मीद करता हूँ शायद किसी दिन ये कॉमिक्स हमें ग्राफ़िक नावेल फॉर्मेट में पढ़ने को मिले.
नीचे पेश है अमर चित्र कथा की ओर से ‘महाराणा प्रताप’ की कहानी एक एक शानदार विडियो –
उम्मीद है आपको ये लेख पसंद आया होगा, कृपया करके इस गौरवशाली इतिहास को अपने बच्चों और घर परिवार के साथ साझा कीजिये, कुछ कॉमिक्स अभी भी उपलब्ध है, आभार – कॉमिक्स बाइट!
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