जंगारू
1990 के दशक में कई कॉमिक्स कंपनियाँ सक्रिय थी, उनमे से एक था “फोर्ट कॉमिक्स” (Fort Comics) जिसने अपने ‘प्रिंट रन’ के दौरान काफ़ी अच्छी कहानियाँ दी और बहोत सारे सुपर हीरोज से पाठकों का परिचय करवाया जैसे महाबली जीको, सैंडो, विषपुत्र और ‘जंगारू‘ (Jangaroo).
फोर्ट कॉमिक्स के बारे में जानकारी के लिए पढ़े – फोर्ट कॉमिक्स
फोर्ट कॉमिक्स का इतिहास तो ज्यदा लंबा नहीं रहा क्योंकि उनकी टक्कर डायमंड कॉमिक्स, राज कॉमिक्स और मनोज कॉमिक्स जैसे कॉमिक्स पब्लिकेशन हाउसेस से थी लेकिन फोर्ट कॉमिक्स की खास बात थे उनके आर्टिस्ट जिनमें धीरज वर्मा जी और दिलीप चौबे जी जैसे नाम थे. जैसा मैंने पहले भी कहा है की कॉमिक्स में कवर्स का आकर्षण बड़ा खास होता है जो औसत दर्जे की कहानी को भी महान कॉमिक्स का दर्जा दिला सकता है क्योंकि कवर्स एक तरह का सार होते है कॉमिक्स का, आप उससे देखकर कहानी का अंदाजा लगा सकते है और नब्बें में तो ऐसे ही काम चलता था (कवर्स के उपर चर्चा किसी और दिन करेंगे).
‘जंगारू‘ फोर्ट कॉमिक्स के दुसरे सेट में प्रकाशित हुआ था और इसके पहले कॉमिक्स का नाम था ‘जंग करेगा जंगारू‘. इसकी संख्या क्रमांक #8 थी, फोर्ट कॉमिक्स में एक सेट में 6 कॉमिक्स आती थी तो उस हिसाब से ये सेट की दूसरी कॉमिक्स थी.
जंगारू के बारे में खास जानकारी –
पब्लिकेशन: फोर्ट कॉमिक्स
नाम: जंगारू
आल्टर ईगो: कुण्डल
कार्यक्षेत्र: विराट नगर (महानगर) [जंगारू घूमने का भी खासा शौक़ीन है]
घर: विराट नगर के बाहर जंगलों में
साथी: ऑई जी ‘टंडन’ और ‘स्वप्ना’
युद्ध घोष: जंग करेगा जंगारू या ‘जंगारू’
ताकत –
- जंगारू असीम शक्ति का मालिक है, कहते है उसमें कई हाथियों का बल हैं
- जंगारू के पास हथियार के नाम पर खतरनाक ब्लेड्स है जो उसके कलाई के पास फिट है, उन्हें वो बड़ा करके दुश्मनों को गाजर-मूली की तरह काट सकता है
- उसके ब्लेड के नेजों से भयानक किरणें भी निकलती है जिस कारण वो अपराधियों और आतंकवादियों को पल में धूल चटा सकता है
तथ्य –
- जंगारू के शरीर पर गोलियां असर नहीं करती क्योंकि उसकी पोशाक बुलेटप्रूफ है
- जंगारू के शरीर पर हथियार भी असर नहीं करते क्योंकि उसकी पोशाक अभेद है
- जंगारू सुपरमैन की तरह उड़ सकता है
- जंगारू सुपर स्पीड से चल भी सकता है
- भेष बदलने में माहिर
- स्वप्ना को जंगारू की प्रेयसी भी बताया गया है
- जंगारू फोर्ट कॉमिक्स के सबसे ज्यदा चर्चित किरदार में से एक है
जंगारू के जनक है धीरज वर्मा जी और ये बात उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर हाल ही में शेयर भी की थी.
जंगारू की कहानियाँ लिखते थे श्री ‘वी.के’ और चित्रकार थे धीरज वर्मा जी खुद. फोर्ट कॉमिक्स के संपादक थे श्री अजय कुमार गुप्ता जी. जंगारू को धीरज जी के अलावा दिलीप चौबे जी ने भी बनाया है जो हम पाठकों को महाडाइजेस्ट के रूप में ‘ग़दर’ कॉमिक्स में देखने को मिला.
जंगारू ने माफिया बॉस से लेकर डायनासोर और शार्क मछली से लेकर पशुमानव तक से टक्कर ली है और वो हमेशा अजेय रहा लेकिन शायद वक़्त के हाँथो वो हार गया लेकिन आज भी कुछ लोगों के पास वो संरक्षित एवं सुरक्षित है. उम्मीद है जंगारू का करैक्टर बायो आपको पसंद आया होगा, जुड़े रहिये हमसे, आभार – कॉमिक्स बाइट!
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