कॉमिक्स समीक्षा: महाबली शाका और लोहे के शैतान – डायमंड कॉमिक्स (Comics Review: Mahabali Shaka Aur Lohe Ke Shaitan – Diamond Comics)
महाबली शाखा बनाम लोहे के शैतान: डायमंड कॉमिक्स की विस्फोटक क्लासिक (Mahabali Shaka vs. Iron Devil: An Explosive Classic from Diamond Comics)
नब्बें के दशक में डायमंड कॉमिक्स ने एक धमाकेदार कॉमिक्स रिलीज़ की थी और उसका नाम था “महाबली शाखा और लोहे का शैतान”। इस कॉमिक्स का संख्या क्रमांक था D 679 एवं इसका मूल्य था मात्र 8/- रूपये। इस विशेष संस्करण के साथ स्पोर्ट्स कार का एक बेहद बड़ा और शानदार पोस्टर भी बिलकुल मुफ्त दिया गया था। यह कॉमिक्स कुल 49 पृष्ठों की थी, जो उस समय के लिहाज़ से 32 पृष्ठों के स्टैण्डर्ड से ज्यादा ही कही जाएगी है। क्या अपने महाबली शाका के बारे में पहले पढ़ा है? अगर नहीं तो हमारा पिछला आर्टिकल जरुर पढ़े।
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कहानी की शुरुआत होती है एक रहस्यमयी राउंड टेबल मीटिंग से, जिसमें एक हैट-कोटधारी व्यक्ति और उसके साथ कुछ तस्कर और माफिया सदस्य एक नए प्रयोग की योजना बना रहे होते हैं। यह प्रयोग एक जर्मन वैज्ञानिक द्वारा बनाए गए रोबोट को लेकर होता है। इस वैज्ञानिक का नाम है ‘हिटलर’, जो शुरू में इस योजना में शामिल नहीं होना चाहता, लेकिन परिस्थितियों और प्रलोभनवश वह भी इस खतरनाक मिशन का हिस्सा बन जाता है। ‘जान लीवर’ अपने साथियों से कहता है कि इस जर्मन वैज्ञानिक के लिए एक उच्च स्तरीय प्रयोगशाला बनानी होगी, जिसमें अरबों रुपये खर्च होंगे। सभी 18 माफिया सदस्य मिलकर पैसे का इंतज़ाम करते हैं और एक महीने के भीतर प्रयोगशाला तैयार हो जाती है। जर्मन वैज्ञानिक हिटलर, जो कभी देशभक्त था, अब भारत आकर रोबोट निर्माण में लग जाता है जिनका अब एक मकसद है भारत में तस्करी को बढ़ावा देना और भारतीय सेना एवं बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्सेज के प्रबंधों को नेस्तोनाबूत करना!
जल्द ही कई रोबोट तैयार हो जाते हैं और उन्हें परीक्षण के लिए कोहिमा के जंगल में ले जाया जाता है। पाठक जानते है कि वहीं रहता है उस जंगल का रक्षक – “महाबली शाका”। परीक्षण के दौरान रोबोट एक बड़ी चट्टान को उठाकर भागता है, जिससे जंगल के जानवर और आदिवासी परेशान हो जाते हैं, तस्करों का एक दल उस रोबोट पर भयंकर गोलीबारी करते है जो उनके परिक्षण का हिस्सा है। गोलीबारी में कुछ जंगली मारे जाते हैं और यह बात महाबली शाका को नगाड़ों के संदेश द्वारा पता चलती है। वह अपनी कंप्यूटर स्क्रीन पर पूरी घटना देखता है और खुद इस खतरे से निपटने का निर्णय लेता है।

उसे कई तस्कर जाने पहचाने दिखते है और वो उस जर्मन वैज्ञानिक को भी पहचान लेता है। हालाँकि जब वह घटनास्थल पर पहुँचने का निर्णय लेता है, तब तक रोबोट वहां से जा चुका होता हैं। ये वही अंतरराष्ट्रीय अपराधी हैं, जो तस्करी और हथियारों के धंधे में लिप्त हैं। साथ ही अब उनका इरादा रोबोट का भी गलत इस्तेमाल करने का है जिसे अब ‘शाका’ आक्रोश से गुजरना पड़ेगा!
बात तब बिगड़ती है जब वैज्ञानिक हिटलर, ‘जान लीवर’ को खुद के बनाए रोबोट से मरवा देता है, डबल क्रॉस! हिटलर का असली मकसद था प्रयोगशाला को वापस जर्मनी ले जाना और उसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करना। वह सभी रोबोट को एक साथ सक्रिय कर देता है। लेकिन महाबली शाका उसकी योजना पर पानी फेर देता है एवं जिस रिमोट कण्ट्रोल से वह रोबोट संचालित हो रहा था वो उसे अपने कब्ज़े में ले लेता है।
हिटलर तुरंत ही सभी रिमोट के कण्ट्रोल को नष्ट कर देता है और बस एक मुख्य स्विच से सभी रोबोट्स को एक्टिव रखता है। शाका और रोबोट्स के इसी संघर्ष में एक रोबोट की लेज़र किरण से हिटलर घायल हो जाता है और उसका स्विच भी नष्ट हो जाता है। जैसे ही रिमोट नष्ट होता है, सभी रोबोट स्वतः ही निष्क्रिय हो जाते हैं। जंगल के आदिवासी बाकी बचे माफिया तस्करों पर हमला करते हैं और अंततः महाबली शाखा इस पूरी साजिश का अंत कर देता है।
कॉमिक्स के अन्य आकर्षण
इस कॉमिक्स का आवरण (कवर आर्ट) अत्यंत शानदार है, जिसमें महाबली शाखा को एक विशाल हथौड़ा लेकर रोबोट से भिड़ते हुए दर्शाया गया है जो कि एकदम ही-मैन जैसे आकर्षक स्टाइल में है। कॉमिक्स के लेखक है आशु जी, चित्रकारी की सुरेन्द्र सुमन जी ने और संपादक थे स्वर्गीय गुलशन राय जी। फ्री स्पोर्ट्स कार पोस्टर का अपना अलग शगल था, क्या आज भी लोग पोस्टर्स अपने घर की दीवारों चिपकाते है? कॉमिक्स में एक अन्य कहानी भी है जिसका रिव्यु हम जल्दी प्रकशित करेंगे। इसे वर्ष 1993 प्रकाशित किया गया था और कॉमिक्स के बैक में एक विंटेज विज्ञापन भी दिया गया है।
इस अंक में डायमंड कॉमिक्स के अन्य पात्रों की भी झलक मिलती है जैसे:
- पिंकी और चॉकलेट टाफियाँ
- जेम्स बॉन्ड 11
- फैंटम 22
- छोटू लंब और सुपर डुपर मैन
- चाचा भतीजा और जादूगर डकाला
इनमें से कुछ कॉमिक्स में आकर्षक स्टिकर और पोस्टर भी दिए गए थे, जो उस दौर की यादों को आज भी ताज़ा कर देते हैं।

“लोहे के शैतान” एक बेहतरीन और रोमांचकारी कॉमिक्स है, जिसमें विज्ञान, देशभक्ति, जंगल की आत्मा और अपराध की साजिश का संगम देखने को मिलता है। यह डायमंड कॉमिक्स के स्वर्णिम युग की एक अनमोल धरोहर है, जो आज भी पुराने पाठकों के दिलों में बसी हुई है। नमस्कार, फिर मिलेंगे महाबली शाका के इसी अंक में प्रकाशित दूसरे शानदार कॉमिक्स ब्लॉग के साथ। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
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