किंचुलका: अंतः अस्ति प्रारंभः – फ्लाईड्रीम्स कॉमिक्स (Kinchulka: Ant: Asti Prarambha: – FlyDreams Comics)
किंचुलका: जब रक्षक ही बन जाए विनाशक, तब क्या उचित है? (Kinchulka: What is right when the protector becomes the destroyer?)
दिल्ली कॉमिक कॉन में फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन एवं फ्लाईड्रीम्स कॉमिक्स (Flydreams Comics) की नई और बहुप्रतीक्षित कॉमिक “किंचुलका: अंतः अस्ति प्रारंभः” का विमोचन हुआ। इस विशेष अवसर पर मंच पर लेखक विकास भान्ती और सम्पादक मिथिलेश गुप्ता उपस्थित थे। पाठकों के लिए इंडियन कॉमिक्स एसोसिएशन के स्टॉल पर इस कॉमिक के कुछ सैंपल प्रतियाँ भी उपलब्ध थे।
इस रोमांचक ग्राफिक नॉवेल की कुल 48 पृष्ठों की कहानी और बेहतरीन आर्टवर्क ने दर्शकों का ध्यान खींचा। फिलहाल, प्री-ऑर्डर पर 15% की छूट मिल रही है, जिसके तहत यह कॉमिक्स 299/- के बजाय केवल 254/- रूपये में उपलब्ध है। पाठक इसे फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन और अन्य प्रमुख बुक स्टोर्स से ऑर्डर कर सकते हैं।
किंचुलका का स्टोरी प्लॉट (Story Plot of Kinchulka)
“जब रक्षा करने के लिए उत्पन्न शक्ति विनाशक हो जाए, तब क्या उचित है, एक और शक्ति का उदय?”
यह सवाल इस कॉमिक की जड़ में है। कहानी के केंद्र में है किंचुलका, जो राक्षसों के खात्मे के लिए बनाया गया सर्वशक्तिशाली प्राणी है। किंचुलका की असाधारण ताकत और आकांक्षाओं के कारण देवताओं ने उसे गहरी नींद में सुला दिया था। लेकिन कलियुग में विज्ञान की आकांक्षाओं ने उसे फिर से जगा दिया। इस बार वह न केवल राक्षसों से ताकतवर है, बल्कि देवताओं से भी अधिक शक्तिशाली और भयंकर है। अब सवाल उठता है — विकास या विनाश?
🔹 कुल पृष्ठ: 48 🔹 मूल्य: 299 (प्री-ऑर्डर पर 254) 🔹 प्रकाशक: फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन
आस्था और विज्ञान के इस महायुद्ध में कौन जीतेगा? यही है “किंचुलका: अंतः अस्ति प्रारंभः” का केंद्रीय कथानक। अगर आप पौराणिक कथाओं और विज्ञान-फंतासी का संगम पसंद करते हैं, तो “किंचुलका: अंतः अस्ति प्रारंभः” आपके लिए बिलकुल उपयुक्त है। इस रोमांचक कॉमिक्स को आप फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन, अमेज़न और प्रमुख पुस्तक विक्रेताओं से खरीद कर सकते हैं।
दिल्ली कॉमिक कॉन के दौरान “लीजेंड्स फ्रॉम रामायण” सीरीज की तीसरी कॉमिक बुक “महाबली जामवंत” का ऑफिशल पोस्टर लॉन्च किया गया। इससे पहले इस श्रृंखला में “नल और नील” और “पक्षीराज जटायु” की कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें रामायण के इन किरदारों के जन्म से लेकर उनके योगदान तक के सभी पहलुओं को बेहतरीन ढंग से दिखाया गया है। “महाबली जामवंत” का विमोचन विश्व पुस्तक मेले के आसपास होने की उम्मीद है।
दिल्ली कॉमिक कॉन में “रहस्यमयी महल” नामक एक और नई कॉमिक्स का अनावरण किया गया। यह पहली बार है जब इस दिलचस्प और रहस्यमयी कहानी को कॉमिक्स फॉर्मेट में पेश किया जा रहा है जिसे ‘नॉवेल’ के रूप में लिखा था लेखक शुभानंद जी ने जो उनके ‘जावेद अमर जॉन’ सीरीज़ की श्रृंखला में प्रकाशित हुआ था। इस कॉमिक के जल्द ही प्रकाशित होने की उम्मीद है।
पौराणिक कथाओं और विज्ञान की इस दिलचस्प जुगलबंदी ने भारतीय ग्राफिक नॉवेल इंडस्ट्री को एक नई दिशा दी है। अगर आपको पौराणिक कथाओं, विज्ञान-कथा और रोमांचक ग्राफिक्स का संगम पसंद है, तो इन सभी कॉमिक्स को अपनी कलेक्शन में जरूर शामिल करें। कॉमिक्स की दुनिया से जुड़े हर अपडेट के लिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहें! आभार – कॉमिक्स बाइट!!