चंद्रकांता – बाबू देवकीनंदन खत्री – सिनेमिक्स (Chandrakanta – Babu Devkinandan Khatri – Cinemics)
दिग्गज लेखक “बाबू देवकीनंदन खत्री” के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में सिनेमिक्स द्वारा ‘चंद्रकांता’ कॉमिक्स की घोषणा! (Cinemics announces ‘Chandrakanta’ comics on the occasion of the birthday of Legendary Writer “Babu Devkinandan Khatri”!)
“चंद्रकांता की कहानी, ये माना है पुरानी, ये पुरानी होकर भी, बड़ी लगती है सुहानी..।
नौगड़, विजयगड़ में थी तकरार, नौगड़ का था जो राजकुमार, चंद्रकांता से करता था प्यार। नौगड़ का था जो राजकुमार चंद्रकांता से करता था प्यार ।।”
नब्बें के दशक में टीवी बहुत चर्चा में था और दिल्ली दूरदर्शन में अगर ‘रामयण’ और ‘महाभारत’ के बाद किसी शो ने भरपूर लोकप्रियता बटोरी तो वह ‘चंद्रकांता’ (Chandrakanta) ही था। राजा, रानी, राज्य और उनके टकराव, प्रेम, युद्ध, तिलिस्म और अय्यारों के रोमाचंक कारनामों से लबालब भरी चंद्रकांता असल में उपन्यास के क्षेत्र में वो सैलाब था जिसमें हर कोई डूब गया। चाहे वो उपन्यास पढ़ने वाले पाठक हो या टीवी में धारावाहिक देखने वाले दर्शक! ऐसा कोई भी ना था भारत में जो ‘चंद्रकांता’ के नाम से अंजान था। इसका श्रेय जाता है दिग्गज लेखक और उपन्यासकार स्वर्गीय ‘बाबू देवकीनंदन खत्री’ को, जिनका जन्म 18 जून 1861 में हुआ, उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति “चंद्रकांता” है, जो वर्ष 1888 में प्रकाशित हुई थी।
यह उपन्यास अपने रहस्य और रोमांच से भरपूर कथानक के कारण भारत में बहुत लोकप्रिय हुआ और इसे हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। कहते है मात्र इसे ही पढ़ने के लिए लाखों लोगों ने हिंदी सीखी और इस कालजयी रचना का का आनंद उठाया। आज सिनेमिक्स पब्लिकेशन ने बाबू देवकीनंदन खत्री के 163’वें जन्मदिवस पर एवं उनके सम्मान में ‘चंद्रकांता’ पर आधारित ‘कॉमिक्स’ की घोषणा की और उनके कुछ आवरण भी साझा किए।
सिनेमिक्स के संस्थापक श्री अजितेश शर्मा जी ने कहा –
चंद्रकांता और अन्य महाकाव्यों के लेखक स्वर्गीय श्री देवकीनंदन खत्री के 163वें जन्मदिन के अवसर पर, सिनेमिक्स से इस साल रिलीज होने वाली हमारी आगामी परियोजनाओं में से एक के रूप में कॉमिक्स प्रारूप में “चंद्रकांता” की घोषणा कर रहा हूँ। साथ ही, भारत में कॉमिक्स उद्योग के नौ शानदार कलाकारों द्वारा बनाए गए पहले खंड के चार आवरण आज, 18 जून, 2024 को लॉन्च किए जा रहे हैं।
चंद्रकांता 1888 में लिखी गई थी और इसने तब इतिहास रचा जब लाखों लोगों ने इसे पढ़ने के लिए हिंदी सीखी। सिनेमिक्स उन लोगों के लिए बाबू देवकी नंदन खत्री की इस अमर कहानी को कॉमिक्स प्रारूप में ला रहा है, जिन्होंने अभी तक इस उत्कृष्ट कृति का अनुभव नहीं किया है। बने रहें सिनेमिक्स के साथ ‘चंद्रकांता’ की अन्य अद्यतन (Updates) के लिए।
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ज्ञात जानकारी के अनुसार इसे हिंदी और अंग्रेजी भाषा में रिलीज़ किया जाएगा और इस कॉमिक्स(खंड) के कुल चार आवरण होंगे जिनमें वैरिएंट कवर्स भी शामिल है। प्रसिद्ध आर्टिस्ट और एनिमेटर श्री आकार अवतार जैन और कॉमिक बुक आर्टिस्ट श्री पुनीत शुक्ला के आर्टवर्क यहाँ पर देखे जा सकते है। आकार जी के आर्टवर्क में आपको ‘चंदामामा’ के क्लासिक आर्टवर्क की झलक मिलती जो वाकई में अद्भुद बन पड़ा है। सिनेमिक्स के टीम को जो बात उन्हें कई प्रकाशकों से जुदा करती है और वो है उनकी सामग्री यानि के ‘कंटेंट’, “बिली, रीवा, मौसमबाज, अद्भ्दु हिंदुत्व, महापिचाशनी, चौकड़ी और अब चंद्रकांता”। ‘विविधता की नई परिभाषा है सिनेमिक्स‘!
चंद्रकांता कॉमिक बुक कवर्स (Chandrakanta Comic Book Covers)
नमन है बाबू देवकीनंदन खत्री जैसे उपन्यासकार को जिन्होंने आज से लगभग 130 साल पहले भारत को उसका पहला तिलस्मी उपन्यास प्रदान किया जिसने शिक्षा को भी उस दौर में एक नई दिशा दी। सिनेमिक्स की सम्पूर्ण टीम को इस शानदार उपलब्धि के लिए साधुवाद। आभार – कॉमिक्स बाइट!!