ट्वेल्थ फेल – हारा वही जो लड़ा नहीं! (Twelfth Fail: Hara Vahi Jo Lada Nahi)
ट्वेल्थ फेल: हारा वही जो लड़ा नहीं, एक अद्भुद अनुभव। (Twelfth Fail: Hara Vahi Jo Lada Nahi, Not A Movie Review!!)
नमस्कार मित्रों, वैसे तो Comics Byte पर नॉवेल्स के भी कुछ ब्लॉग्स मौजूद है और आज बात होगी ऐसे ही एक नॉवेल के उपर बनी फिल्म की जो वाकई में करोड़ों पाठकों एवं दर्शकों को प्रेरित करने का माद्दा रखती है। इसके पहले भी भारत में नॉवेल के उपर कई फ़िल्मे या चलचित्र बने है और विदेश में फिक्शन नॉवेल्स के उपर तो भारी बजट में सफलता के मानदंड स्थापित करने फिल्मों की लम्बी फेहरिस्त है। मसलन लेखिका जे के रोलिंग के ‘हैरी पॉटर’ श्रृंखला को ही ले लिजिए जिसके दुनिया भर में प्रशसंक मौजूद है। 12th Fail (Twelfth Fail) भी नॉवेल के उपर बनी एक नई फीचर फिल्म है जो आई.पी.एस श्री मनोज शर्मा के जीवन पर आधारित एक सत्यकथा है। इसे लिखा है उनके परम मित्र श्री अनुराग पाठक ने और फिल्म के निर्माता है विधु विनोद चोपड़ा फिल्म्स! ऐसे प्रयास भारत के फिल्म उद्योग में कम ही देखने को मिलते है और ऐसा क्यूँ है इस लेख में इसे ही बताने का प्रयत्न किया गया है, बाकि निष्कर्ष आपका! ‘इट्स नॉट अ मूवी रिव्यू‘।
आज चंद शब्द 12th फेल फिल्म के लिए। (A few words for the 12th fail film.)
मजबूत पटकथा और शानदार अभिनय किसी भी फिल्म के आधार स्तंभ हैं और उनमें अगर साथी अभिनेताओं का भी योगदान हो तो फिल्म सफलता के नए मापदंड स्थापित कर देती है। पारिवारिक फिल्मों का दौर वैसे भी सिमट गया है और नैतिकता एवं सच्चाई से दूर होती कहानियां आजकल मनोरंजन का मुख्य व्यंजन बन चुका है। ऐसे में 12th Fail जैसी फ़िल्म रेगिस्थान की पहली बारिश के उस बहते जल के समान प्रतीत होती जहाँ कई वर्षों से सूखा पड़ा हुआ था।
यह फिल्म समाज का आईना हैं, गल्तियां होंगी इसमें भी लेकिन आम जनता समीक्षक थोड़ी है? एक सकारात्मक सोच और नैतिकता का संदेश देती यह फिल्म आज ओटीटी पर उपलब्ध है और अफसोस की इसे शायद सिनेमाघरों में वह प्रतिक्रिया ना मिल सकी जिसकी वह हकदार हैं। सत्यकथा पर आधारित 12’th फेल आने वाले दशकों में याद की जाएगी और लोग इसकी मिसाल वैसे ही देंगे जैसे की आज 3 Idiot’s कि देते हैं। निर्देशक चरित्रों को निखारकर चित्रपट पर दर्शाने में सफल हुए और दृष्टि आई.ए.स कोचिंग के कर्ता श्री विकास दिव्यकीर्ति का कैमेयो भी बढ़िया रहा।
सत्य अडिग है और हमेशा रहेगा, हो सकता है आज के कलियुग में ऐसा कम ही देखने को मिलें पर यह भी सच है कि समाज में हर कोई ‘मिसाल’ कायम कर भी नहीं सकता, इसलिए सफलता उसी के सर सजेगी जो निष्ठापूर्वक अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहेगा। अटल जी वैसै भी मेरे पसंदीदा राजनीतिज्ञ और कवि रहे है, फिल्म में उनकी कविता की पंक्तियाँ सुनना सुकून देता है और उर्जा का संचार भी करता है। नायक अकसर अटल जी के द्वारा लिखी एक कविता की कुछ पंक्तियाँ दोहराते हुए दिखाई पड़ता है और जब-जब यह शब्द आपके कानों में गूंजते है तो जैसे प्रेरणा का संचार होता है।
फेल होना विफलता का मापदंड नहीं है और क्या पता वह होना ही नियति का खेल होगा। भारतीय क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले श्री सचिन तेंदुलकर ने भी 12th Fail को प्रेरणास्पद बताया है। हिम्मत ना हारना और पुनः शुरूआत करना एक ऐसा नियम है जो अकसर सफलता का पहला अध्याय कहलाता है। रिश्ते, मित्रता, गुरूज्ञान, प्रेम, जीवटता और जुझारूपन की सटीक कल्पना है 12’th फेल। आज से अंग्रेजी का एक शब्द गांठ बांध लीजिए – #रीस्टार्ट (Restart)! चलो, फिसलो, गिरो और फिर उठ कर आगे बढ़ चलो।
श्री विधु विनोद चोपड़ा, श्री विक्रांत मैसी व अन्य कलाकारों ने एक अद्भुत फिल्म की रचना की और अब मेरे मन में इसके नाॅवेल को पढ़ने की लालसा भी बढ़ उठी है। इसके टीम से जुड़े सभी लोगों को हृदय से साधुवाद और मनोज शर्मा को शुभकामनाएं क्योंकि “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा..”, उनके बिना तो इस कहानी का औचित्य ही क्या है एवं उनके मित्र पाठक जी, जिन्होंने अगर इसे शब्दों में पिरो कर किताब की शक्ल ना दी होती तो आज हम सभी इस अद्भुत कथा और फिल्म से वंचित रह जाते।।
फिल्म और नाॅवेल के बाद इस पर एक ग्राफिक नाॅवेल भी जरूर आना चाहिए Vidhu Vinod Chopra Films।
आभार – मैनाक बनर्जी (पुणे, महाराष्ट्र)।
चित्र साभार: विधु विनोद चोपड़ा फिल्म्स, ज़ी स्टूडियोज, केआरजी स्टूडियो