हिंदी दिवस और कॉमिक्स (Hindi Diwas Aur Comics)
हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में भारतीय कॉमिक्स का महत्व! (Importance of Indian comics in the promotion of Hindi language!)
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ सभी पाठकों को। हिंदी तो वैसे पाठशालाओं में प्रथम कक्षा से ही पढ़ाई जाती है पर देश में बीते कुछ दशकों में ऐसा उदासीन महौल बना है कि हम सभी अपनी राजभाषा से काफी दूर हो गए है। भारत में 40% से ज्यादा हिंदी बोली जाती है और ये आंकड़े राज्यों के हिसाब से अलग-अलग है। अपनी भाषा को लेकर जो संकीर्ण मानसिकता भारत में दिखाई पड़ती है वो और किसी देश में नही दिखती। पता नहीं क्यों इस बात को हम समझते नहीं है या मानना नहीं चाहते की अपने इतिहास, भाषाओं और संस्कृति से ही हमेशा हमारी पहचान होती है और यह हम सभी के लिए गर्व का विषय होना चाहिए ना की इसकी बातें करते हुए शर्मिंदा।
बहरहाल हिंद से ही हिंदी की उत्पत्ति है जो संस्कृत भाषा से जन्मी है और पाठशाला के अलावा भी एक और माध्यम था जिसने हम सभी के हिंदी भाषा की पकड़ को और बेहतर बनाया। जी बिलकुल सही पहचाना आप सभी ने! यहाँ ‘काॅमिक्स‘ यानि की चित्रकथा की बात हो रही है। हालांकि काॅमिक्स भी विदेशी ही थीं पर भारत ने इसे अपने रूप में अपनाया और लगभग 7 दशकों से यह हमारे संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। इंद्रजाल काॅमिक्स इसका प्रमुख उदाहरण है जहाँ पाश्चात्य पात्र फैंटम की ऐसी दीवानगी देखी गई की इसे हिंदी/अंग्रेजी के साथ-साथ अन्य प्रादेशिक भाषाओं में भी प्रकाशित किया गया। इसके साथ बाल पत्रिकाओं ने भी हिंदी भाषा को घर-घर में प्रचारित किया जिनमें चंदामामा, नंदन, बालहंस, नन्हें सम्राट, बाल भारती और चम्पक मुख्य रहे। डायमंड काॅमिक्स, राज काॅमिक्स, मनोज कॉमिक्स, तुलसी कॉमिक्स और अमर चित्र कथा जैसे प्रकाशनों ने हम जैसे बाल पाठकों को बेहतर हिंदी और शिक्षा की ओर प्रेरित किया। भारत के चित्रकथाओं ने हमेशा अपने कहानी और चित्रों से समाज को प्रेरणा दी है।
चाचा चौधरी, नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव, राम-रहीम, हवलदार बहादुर, जम्बू, तौसी, सुप्पंदी, फौलादी सिंह, जादूगर मैंड्रेक, बहादुर और ना जाने कितने चरित्रों एवं महानायकों की इन कथाओं को पढ़कर हम सभी बड़े हुए है और आज भी इनसे जुड़े है। सितंबर माह के पूरे सप्ताह तक हिंदी पखवाड़ा चला करता है और काॅमिक्स ने उसे बीते वर्षों में और भी सशक्त किया है। काॅमिक्स बाइट के सभी पाठकों को बेहतर हिंदी और नए-नए चित्रकथाओं की सौगात यूँ भारतीय प्रकाशकों से मिलती रहे। एक बार फिर पाठकों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। कुछ अच्छा पढ़े, काॅमिक्स पढ़े। आभार – काॅमिक्स बाइट!!