जन्माष्टमी विशेष – इंडियन कॉमिक्स – कॉमिक्स बाइट (Janmashtami Special- Indian Comics – Comics Byte)
सभी मित्रों और पाठकों को जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं! (Best wishes to all friends and readers on Janmashtami festival!)
जन्माष्टमी एक हिन्दू पर्व है जिसका मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन को एक ‘उत्सव’ की तरह मनाना है। यह पर्व हर साल भगवान श्रीकृष्ण के जन्म तिथि पर मनाया जाता है, जो अगस्त या सितंबर के महीने में होता है जहाँ बारिश हमेशा संभावना रहती हैं। इसके पीछे भी उनके जन्म का रोचक किस्सा है जिसे महाभारत में बड़े ही विस्तारपूर्वक तरीके से बताया गया है। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों में हजारों सालों से बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। भक्तों के बीच भगवान की पूजा की जाती है, उन्हें छप्पन भोग लगाए जाते है और उनके जीवनकाल से जुड़ी कथाएं सुनाई जाती हैं।
रात को, विशेष आरती-आराधना के साथ भगवान की मूर्ति का अभिषेक किया जाता है और विभिन्न प्रकार के प्रसाद तैयार किए जाते हैं। भक्तगण रात के समय गीता भगवद के पाठ के साथ सुनते हैं। यह पर्व भारतीय समुदायों के लिए अतिमहत्वपूर्ण है और यह “भारत” (Bharat) के भक्ति, सनातनी परंपरा, और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जन्माष्टमी के इस महत्वपूर्ण मौके पर कॉमिक्स बाइट के सभी मित्रों और पाठकों हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयाँ।
कॉमिक्स जगत के कई प्रकाशनों/आर्टिस्टों ने अपनी ओर से पाठकों को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं, पेश हैं उन सभी के सन्देश:
अनुपम सिन्हा (Anupam Sinha)
सुपर कमांडो ध्रुव के जनक और कॉमिक बुक लीजेंड श्री अनुपम सिन्हा ने विशेष अंदाज में पाठकों को शुभकामानाएं भेजी।
फिक्शन कॉमिक्स (Fiction Comics)
फिक्शन कॉमिक्स ने अपने विशेष अंक – 33 के आवरण को साझा किया जो की भगवान श्री कृष्ण के उपर ही प्रकाशित किया गया हैं।
ग्राफ़िक इंडिया (Graphic India)
ग्राफ़िक इंडिया और टूनसूत्र ने भी अपने पूर्व प्रकाशित ग्राफ़िक नावेल 18 डेज (महाभारत पर बेस्ड) से प्रभु श्री कृष्ण का एक प्यारा सा पिन-अप इमेज साझा किया।
टिंकल (Tinkle)
नटखट सुप्पंदी अपने मित्र मंडली ‘शिकारी शंभू, विंगस्टार और तंत्री’ के साथ मटकी फोड़ते नजर आया।
अमर चित्र कथा (Amar Chitra Katha)
अंत में ‘अमर चित्र कथा’ में जन्माष्टमी की बधाइयाँ दी और पाठकों ने शायद कृष्ण के उपर प्रकाशित उनके कई कॉमिक पढ़ें भी होंगे और महाभारत के संग्राहक संस्करण की तो बात ही निराली है।
Mahabharta – 3 Volumes – Amar Chitra Katha