चाचा चौधरी और हकीम जमालघोटा – डायमंड कॉमिक्स पुराने विज्ञापन भाग – 20 (Chacha Chaudhary Aur Hakeem Jamalghota – Diamond Comics Vintage Ads)
मासिक बाल पत्रिका में चाचा चौधरी का विंटेज विज्ञापन! (Chacha Chaudhary’s Vintage Advertisement in Children Monthly Magazine!)
भारत में शायद ही ‘चाचा चौधरी’ (Chacha Chaudhary) से ज्यादा लोकप्रिय कॉमिक बुक का किरदार कोई होगा। चतुर चाचाजी हमेशा अपने दिमाग के ज़ोर पर कड़े से लेकर बड़े प्रतिद्वंदियों तक को धूल चटा देते हैं। कार्टूनिस्ट प्राण द्वारा रचित इस पात्र के लाखों प्रशंसक हैं और ‘डायमंड कॉमिक्स’ (Diamond Comics) ने इसे पाठकों के घरों तक पहुँचाने का कार्य किया हैं। वर्ष 1986 में एक अनोखे विज्ञापन ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और इस मासिक बाल पत्रिका में दिखाई पड़ा ‘चाचा चौधरी और हकीम जमालघोटा’ (Chacha Chaudhary Aur Hakeem Jamalghota) धुंधला सा आवरण, जहाँ साबू भी नदारद हैं हालाँकि कॉमिक्स के आवरण में आप उसे दरवाजे से झांकते ज़रूर देख सकते हैं (नीचे संलग्न)। हो सकता विज्ञापन के समय साबू को ना रखा गया हो या उसे बाद में जोड़ा गया हो। जमालघोटा अपने आप में एक ऐसा ‘शब्द’ हैं जिसे सुनकर कुछ लोगों की हंसी छूट जाएगी, भारत में इसे पेट साफ़ करने के लिए एक चूरन के तौर पर जाना जाता हैं लेकिन इसकी अधिक मात्रा किसी के भी कसबल ढीलें कर सकती हैं। ऐसे में किसी ‘हकीम’ का नाम ‘जमालघोटा’ होना ही व्यंग का बिंदु हैं।
चित्रकथा में ‘हकीम जमालघोटा’ अपने नौकर ‘कल्लन’ के साथ मिलकर लोगों से मक्कारी करता हैं जिसे वहां के लोग भांप जाते हैं। चाचा चौधरी इस घाघ ‘हकीम’ को सबक सिखाने की ठानते हैं और लोगों को उनके ठगे गए पैसे वापस भी दिलवाते हैं। इस कॉमिक्स में और अभी कई अन्य कॉमिक स्ट्रिप्स (Comic Strips) थीं जिसमें चाचा चौधरी और साबू अपने कारनामों को अंजाम देते हैं।
हकीम जमालघोटा के साथ-साथ डायमंड कॉमिक्स के सेट में 5 अन्य कॉमिक्स भी थीं और उनका मूल्य था 4/- रुपये। क्रिकेट, जुडो-कराटे और बाल पाठकों के नॉलेजबैंक की जानकारी भी यहाँ देखने को मिली थीं।
डायमंड कॉमिक्स के अन्य कॉमिक्स की सूची (Diamond Comics List)
- चाचा चौधरी और हकीम जमालघोटा
- महाबली शाका और मौत का देवता
- अंकुर और चतुर कासिम
- पलटू और चिंकी मिंकी
- छोटू-लंबू और स्पाइडर-मैन
- पिकलू और डरपोक शेर
Mahabali Shaka Aur Maut Ka Devta – Diamond Comics
चाचा चौधरी और डायमंड कॉमिक्स के अन्य पात्रों का वाकई में कोई जवाब नहीं हैं। सामान्य और सुलभ चित्रकथाओं में बीते 4 दशकों से हम पाठकों को हास्य और व्यंग का वो ‘पुट’ प्रदान किया हैं जिससे उस दौर की जनता ‘मनोरंजन’ कहती थीं और आज के पाठक ‘सुकून’। भले ही आज ‘सक्रिय’ पाठक ज्यादा नहीं हैं लेकिन जो भी हैं वो ‘डायमंड कॉमिक्स’ की महत्ता को भलीभांति जानते-समझते हैं। कुछ अच्छा पढ़ें, कॉमिक्स पढ़ें, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
One-Punch Man, Vol. 1 (Volume 1) [Paperback] ONE and Murata, Yusuke Paperback