पेपर स्केच कॉमिक्स – अवनि – कालकूट का उदय (Paper Sketch Comics – Avni – Rise Of Kaal Koot)
पेपर स्केच कॉमिक्स लेकर आएं हैं एक नई सुपरहीरो – अवनि, क्या आप लोग उत्साहित हैं? (Paper Sketch Comics Brings A New Super Hero – Avni! Isn’t That Exciting? Check The Details Of Their New Comic Book Rise Of Kaal Koot)
नमस्कार मित्रों, हिंदी कॉमिक्स की प्रगति देखकर बड़ा अच्छा लगता हैं, प्रकाशक पहले भी थें और प्रकाशक आज भी हैं लेकिन जब नए प्रकाशक इस क्षेत्र में उतरते हैं तो उन्हें देखकर प्रसन्नता होती हैं। कथाअनुसार पेपर स्केच कॉमिक्स ने इसी वर्ष कॉमिक्स जगत में अपना पहला कदम रखा हैं, उन्हें कॉमिक्स के प्रति लगाव हैं और वो चाहते हैं पाठक भी अपने अंदर छिपे बच्चे को हमेशा कॉमिक्स को जोड़ कर रखें। कई महीनों के अथक परिश्रम के बाद पेपर स्केच कॉमिक्स पाठकों को रामांचित करने के लिए उत्साहित हैं एवं वो आपको कॉमिक्स यूनिवर्स के अलग आयाम में ले जाएंगे। पेपर स्केच कॉमिक्स का पहला अंक तैयार हो चुका हैं और इसका प्री-ऑर्डर अब पुस्तक विक्रेताओं के पास उपलब्ध हैं। चलिए जानते हैं उनकी नई कॉमिक्स के बारें और जानकारियां।
अवनि – कालकूट का उदय (Avni – Rise Of Kaal Koot)
“बाधाओं को पार कर आगे बढ़ती कहानी”
प्राचीन पहाड़ों और उसके लोगों की एक कहानी, जिसके बारे में हमने पहले कभी नहीं सुना। जानिए कैसे एक सच्ची नायिका अपने लोगों के लिए खड़ी होती है, कैसे अपने लोगो के लिए लड़ती है। पेश है पूर्वोत्तर भारत की एक महिला सुपरहीरो की पहली कॉमिक बुक – “अवनि: काल कूट का उदय”।
कॉमिक्स को हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया जा रहा हैं और इसकी पृष्ठ संख्या हैं 56। पाठक इसे कॉम्बो या एकल प्रति के रूप में खरीद सकते हैं। कॉम्बो का मूल्य हैं 798/- रूपये हैं और एकल अंक का मूल्य 399/- रूपये रखा गया हैं। पाठकों के लिए कॉमिक्स अड्डा/उमाकार्ट व अन्य सेलर्स पर15% की छूट भी उपलब्ध हैं तो इस ऑफर का लाभ जरुर लें आप सभी।
टीम (Team)
- कथा – शुभम शर्मा
- पटकथा – अश्विन कलमाने
- आर्टवर्क – ओमकार परब
- रंगसज्जा – नवल थानावाला
- शब्दांकन और हिन्दी अनुवाद – रवि राज आहूजा
कहानी का विषय (Story Plot)
प्रतिभावान अवनि, अरुणाचल के पारंपरिक भाले और आधुनिक हथियारों, दोनों से ही लड़ सकती है। दूसरी युद्ध कलाओं में भी अवनि को महारथ हासिल है। अवनि को बचपन से ही कालकूट नामक एक प्राचीन और खतरनाक संगठन से लड़ने के लिए तैयार किया गया है। लेकिन कई सालों बाद भी काल- कूट का कहीं नामो-निशान नहीं होने के कारण अवनि दिल्ली की एक आर्ट गैलरी में काम करने चली जाती है। चीजें तब और भी बदतर हो जाती हैं जब काल- कूट की वापसी होती है और वो अवनि के गांव को तबाह कर देता है। अब अवनि को कालकूट के खिलाफ लड़ना और अपने परिवार और गाँव वालो की मौत का बदला लेना है। क्या वह एक ऐसे संगठन के खिलाफ खड़ी हो पाएगी जो समय जितना ही पुराना है? जानिए ” अवनि : कालकूट का उदय ” के इस अंक में।