बाल्मीकीय रामायण ‘सुंदरकांड’ (Valmiki’s Sunderkandam)
बाल्मीकीय रामायण ‘सुंदरकांड’ (Valmiki’s Sunderkandam): हिंदू धर्म ग्रंथो में ‘रामायण’ का बहोत महत्व है, हाल में ही दूरदर्शन ने लॉकडाउन के कारण सागर आर्ट्स कृत ‘रामायण’ का प्रसारण फिर से किया और टीवी जगत में TRP के सारे रिकॉर्ड टूट गए, कारण? ‘रामायण’ 80 के दशक में भी जीवन जीने की कला सिखाती थी और उसे दर्शकों का प्रेम और स्नेह प्राप्त था एवं वर्ष 2020 में भी लोगों ने और ज्यादा उत्साह दिखाते हुए इस कालजयी कृति को जो सम्मान दिया वो प्रशंसा योग्य है. इस तथ्य से हमें ये भी पता चलता है की भारतीयों की जड़ें कितनी मजबूत है अपनी संस्कृति और इतिहास को लेकर. रामायण को आधार लेकर कई ‘ग्राफिक नॉवेल’ और ‘कॉमिक्स’ बाज़ार में उपलब्ध है एवं कई प्रकाशकों ने इसके विभिन्न संस्करण प्रकाशित भी किये है, रामायण को 7 कांडों में बांटा गया है और हर ‘काण्ड‘ का अपना अलग महत्व और सीख है.
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“वीर हनुमान”
सुंदरकाण्ड
रामयण के 7 काण्ड –
- बाल काण्ड
- अयोध्या काण्ड
- अरण्य काण्ड
- किसकिन्धा काण्ड
- सुंदरकाण्ड
- लंका काण्ड या युद्ध काण्ड
- उत्तरकाण्ड
हम आज बात करेंगे ‘सुंदरकाण्ड‘ के उपर. इसे प्रकाशित किया थी ‘श्री विवेक कौशिक’ जी ने, जो की “शक्तिपुत्र – राधा कॉमिक्स” के मुख्य चित्रकार भी थे. ये बाल्मीकि कृत ‘रामायण‘ पर मूलतः आधारित थी और तुलसीदास कृत ‘रामचरितमानस‘ से सहयोग लेकर बनायीं गई थी. इसके 4 संस्करण आये थे जो की हिंदी, अंग्रजी, संस्कृत (अपनी तरह का इकलौता) और हिंदी (दोहे और छंद के रूप में) उपलब्ध था.
जय श्री राम का जप करते हनुमान जी लंका के ऊपर उड़ान भरते हनुमान जी
आपको इस कॉमिक्स बाबत कुछ जानकारियाँ साझा कर रहा हूँ की इसके लेखक, चित्रकार, कवर आर्टिस्ट कौन थे –
पटकथा (हिंदी): श्रीमती वत्सला कौशिक
रूपांतरण(अंग्रेजी): श्रीमती आशा पाहवा
रूपांतरण(संस्कृत): आचार्य उमाशंकर ‘मंजुल’
प्रकाशक: श्रीमती उमा शर्मा
संपादक: डॉ केशव कौशिक
चित्रांकन: श्री विवेक कौशिक
आवरण(हिंदी): श्री कृष्ण लाल वर्मा
आवरण(अंग्रेजी): श्री विजयेन्द्र शर्मा
प्रकाशन वर्ष: 1992 अक्टूबर (विजय दशमी)
स्थान: दिल्ली
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“वीर हनुमान”
सुंदरकाण्ड
इसका प्रारूप कॉमिक्स जैसा नहीं है क्योंकि इसे बड़े आकार में निकाला गया था, इसके दो आवरण थे हिंदी का अलग एवं अंग्रेजी का अलग और पीछे का कवर कॉमिक्स प्रेमियों के लिए एक तरह के बोनस जैसा ही है. ‘विजेंदर’ जी का कवर पाश्चत्य ‘ग्राफिक नॉवेल’ के कवर से ‘उन्नीस नहीं बीस’ ही लगता है, जबकि ‘लाल कृष्ण वर्मा’ जी का कवर आपको पुराने दौर के शानदार आर्टवर्क की याद दिलाएगा (किंग कॉमिक्स में गमराज के कवर्स या परंपरा कॉमिक्स एवं राधा कॉमिक्स के लगभग सभी आवरण ‘VERMA’ जी द्वारा ही बनाये जाते थे).
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“वीर हनुमान”
सुंदरकाण्ड
पिछले साल ‘एमआरपी बुक शॉप’ [शम्भू नाथ महतो और मैनाक बनर्जी] ने इसके स्पेशल ‘COA’ (Cerificate of Authenticity) एडिशन बेचे थे जिसमे श्री विवेक कौशिक और श्रीमती वत्सला कौशिक जी के हस्ताक्षर थे और साथ में था श्री विवेक कौशिक द्वारा बनाया गया ‘कॉमिक्स थ्योरी’ का एक स्पेशल कार्ड भी जिसमें ‘भरत’ जी प्रभु ‘श्री राम’ के समक्ष उनकी चरण पादुका उठा कर उन्हें प्रणाम कर रहे है और ‘श्री राम’ उन्हें आशीर्वाद दे रहे है. एमआरपी बुक शॉप के पहले, श्री ‘गौरव गंधेर’ जी के प्रयासों के कारण ‘सुंदरकाण्ड’ कई कॉमिक्स प्रेमियों तक पहले ही पहुँच गई थी और मुझे लगता है अभी और भी पाठकों तक इसे पहुँचाना जरुरी है, अगर आप भी कॉमिक्स प्रेमी है और कुछ अच्छा पढ़ना चाहते है तो एमआरपी बुक शॉप से संपर्क कर सकते है – फेसबुक पेज “एमआरपी बुक शॉप“.
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साभार: कॉमिक्स थ्योरी
कहा जाता है ‘सुंदरकाण्ड’ की कथा रामायण के सभी कांडों से अलग है और सिर्फ इसी काण्ड में वीर ‘हनुमान’ जी का शौर्य, बल और बुद्धि का अद्भुद सौंदर्य देखने को मिलता है. ये भी कहा जाता है की सुंदरकाण्ड का पाठ करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है और आज के दौर में जहाँ संस्कारों के कमी साफ़ देखी जा सकती है ऐसे महान ग्रंथ सोच और समझ को सही दिशा देने की क्षमता रखते है, आभार – कॉमिक्स बाइट!
बोनस आर्टवर्क बैक कवर – शक्तिपुत्र (राधा कॉमिक्स)
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