राज कॉमिक्स का स्वर्णिम दौर – ‘किरीगी का कहर’ – सुपर कमांडो ध्रुव (The Golden Age of Raj Comics – ‘Kirigi Ka Kahar’ – Super Commando Dhruv)
90 के दशक की वो शानदार कॉमिक्स – ‘किरीगी का कहर’! (The Exceptional Comics of 90’s – ‘Kirigi Ka Kahar’!)
कॉमिक्स बाइट के सभी पाठकों को ‘नव वर्ष’ की हार्दिक शुभकामनाएं, राज कॉमिक्स का नाम सुनते ही बचपन की यादें ताज़ा हो जाती हैं। सुपर कमांडो ध्रुव की कहानी ‘किरीगी का कहर’ उन कहानियों में से एक है, जो आज भी पढ़ने वालों को रोमांचित करती है। श्री अनुपम सिन्हा जी द्वारा रचित इस काॅमिक्स ने न केवल सुपर हीरो की अवधारणा को नया आयाम दिया, बल्कि हर उम्र के पाठकों का दिल भी जीता। “सुपर कमांडो ध्रुव” की ‘किरीगी का कहर’ एक ऐसी ही काॅमिक्स है जिसे शायद मैंने सैंकड़ों बार से ज्यादा ही पढ़ा होगा। राज काॅमिक्स एक ऐसा कथानक है जो अपने मुख्य पात्र और सभी साइड कैरेक्टर्स को एक साथ लेकर चलता है। एक्शन से लबरेज़ हर एक पैनल और चमत्कारिक शक्तियों के एक से बढ़कर एक धुरंधर, आपके पढ़ने के आनंद को कई गुना बढ़ा देते हैं। अनुपम जी ने लगभग 3 दशक पहले एक जबरदस्त और सनसनीखेज कहानी लिखी, जो वर्तमान में भी पढ़ने पर वही थ्रिल पैदा करती है। चित्रों की बात की जाए तो पहले के आर्ट की भी अपनी एक अपील थी। ध्रुव उस दौर में युवावस्था में था एवं अपराधी/खलनायक अकसर उसे बालक या छोकरा कहकर संबोधित करते। यह अलग बात है कि उन सभी ने कैप्टन से हर बार ‘मुंह की खाना’ वाली कहावत को चिरथार्थ किया है।
कहानी के मुख्य पात्र (Main Characters)
- राक्षस चंडकाल: राक्षसों का आखिरी वंशज, एक ऐसा दुश्मन जिसने अपनी तांत्रिक शक्तियों से कहानी को और भी रोमांचक बना दिया।
- निंजा किरीगी: कहानी के केंद्रबिंदु, जिसने ध्रुव के लिए कई चुनौतियां खड़ी कीं और कई योद्धाओं को पटकनी दी।
- स्वर्ण मानव ‘देव’ धनंजय: स्वर्ण नगरी के युवराज और ध्रुव के परम मित्र, दोनों ने साथ मिलकर निंजा किरीगी को कड़ी टक्कर दी।
- शक्तिशाली यति जिंगालू: ध्रुव का मित्र और हिमालय की वादियों में रहने वाले यतियों का युवराज, एक पराक्रमी योद्धा।
- माफिया बाॅस फरारी और नेपाल के गैंगस्टर रोईकारा: सा सुंक के लाल हीरे को कब्जाने वाले डॉन, कहानी को नया मोड़ देने वाले पात्र।
- जूंबी: इसे ज़ोम्बी कहना ज्यादा सही होगा, जरा सोचिये वो भी कितने वर्ष पहले! और इसने अपने डरावने व्यक्तित्व से ध्रुव को परास्त करने की कोशिश की।
बेजोड़ किरदार, सनसनीखेज कहानी! इस काॅमिक्स ने राज काॅमिक्स के लिए सफलता के नए आयाम स्थापित किए। अंत में प्रतिरूपों के साथ हुई लड़ाई इतनी खतरनाक थी कि हर पाठक का ध्यान अंत तक बंधा रहा एवं चंडकाल को पकड़ने का आईडिया भी ध्रुव के तीक्ष्ण बुद्धि का कमाल था!
90 के दशक की यादें और आज भी प्रासंगिक (Memories of the 90s)
इस कहानी का आकर्षण सिर्फ इसका प्लॉट ही नहीं, बल्कि उस समय का वातावरण भी था। दूरदर्शन (टीवी) और वीसीआर पर इसके विज्ञापनों ने उस दौर के बच्चों और किशोरों के दिलों में अपनी जगह बनाई। उस समय, ‘किरीगी का कहर’ सिर्फ एक कॉमिक्स नहीं, बल्कि कॉमिक्स के दीवानेपन का अहम अध्याय था। यह काॅमिक्स आज भी पढ़ने पर उतनी ही ताजगी और रोमांच देती है जितनी पहली बार पढ़ते समय मिली थी। श्री अनुपम सिन्हा जी की लेखनी और उस दौर के आर्टवर्क ने इस कहानी को अमर बना दिया है। यदि आप वाकई में आगामी नव वर्ष में कुछ अच्छा पढ़ना चाहते हैं या किसी को कोई किताब गिफ्ट करना चाहते हैं, तो ‘किरीगी का कहर’ से बेहतर और कुछ नहीं। राज कॉमिक्स और हमारे बचपन के सबसे शानदार पलों में से एक है यह कहानी। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
पढ़ें: पुराने टी.वी. विज्ञापन(राज कॉमिक्स) भाग-1: सुपर कमांडो ध्रुव – किरीगी का कहर