शक्तिपुत्र: ताकत का बेटा
मित्रों मेरी यही कोशिश रहेगी धीरे धीरे आपको मै भारत के सभी कॉमिक्स पब्लिशर्स और कॉमिक करैक्टर्स से मुखातिब करवाऊँ, हालाँकि इन्हें खोजना थोडा दुर्गम है लेकिन फिर भी बहोत से कॉमिक्स फैन है जिन्होंने इनके संस्करण संभाल के रखे है और हम जैसे लोगो को मुहौया करा रहे है ताकि हमें ज्यदा परेशानी न हो, एक ऐसे ही कॉमिक्स के किरदार की बात हम आज करेंगे आपसे जिसका नाम है – “शक्तिपुत्र”.
80 के दशक के मध्य से 90 के दशक तक शक्तिपुत्र को ‘राधा कॉमिक्स’ ने प्रकाशित किया था, एक मानव को यांत्रिक शक्तियों से लैस करके, जिसमे सर मानव का था और धड़ यांत्रिक, कुछ कुछ वैसा ही जैसा रोबोकोप, इंस्पेक्टर स्टील या पाश्चात्य भाषा में कहें तो एक तरह का “साईबोर्ग” जैसे डीसी कॉमिक्स का किरदार. शक्ति पुत्र का असली नाम इंस्पेक्टर विक्रम था, उसे यांत्रिक शरीर प्रदान किया प्रोफेसर पद्भनाभन ने जो की भारत के मशहूर वैज्ञानिक थे. शक्तिपुत्र सर में भी धातु का हेल्मेट पहनता था एवं हथियार के नाम पर उसके पास एक तलवार, ढाल, रिवाल्वर (जिससे लेज़र किरणे निकलती है) और उसके हेल्मेट में बसी विशेष शक्ति थी जो क्राइम फाइटिंग में बड़ी कारगर सिद्ध होती थी.
शक्तिपुत्र ने निर्दोष नागरिकों को बचाने और शहर की रक्षा के लिए अपराधियों और बुराई की अन्य ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, उसके पास विभिन्न उन्नत हथियार थे, लेकिन शक्तिपुत्र ने मुख्य रूप से कॉमिक्स में अपनी तलवार और ढाल का इस्तेमाल ही सबसे ज्यदा किया, मुझे याद है “शक्तिपुत्र और हिटलर का भूत” नाम की कॉमिक्स में शक्तिपुत्र ने अपनी तलवार बाज़ी से हिटलर द्वारा चले गए हर चाल (शतरंज का खेल) को नाकामयाब करते हुए उसका अंत किया था.
शक्तिपुत्र की कहानियां बड़ी तेज़ रफ़्तार और मनोरंजक होती थी, आर्टवर्क या इलस्ट्रेशन भी बड़े मनमोहक होते थे, कवर्स पे “कृष्ण लाल वर्मा” जी की शानदार चित्रकारी होती थी और अंदर के पृष्ठों पर “विवेक कौशिक” सर का जबरदस्त इलस्ट्रेशन, इसको चार चाँद लगाती थी “वात्सल्या कौशिक” जी की अनोखी कहानियां जो कभी शक्तिपुत्र को अपराधियों से लड़वाती, कभी कॉस्मिक यूनिवर्स के विभिन्न प्रजातियों और एलियन फ़ोर्स से.
वैसे राधा कॉमिक्स में अन्य किरदार भी थे जैसे जुडो क्वीन राधा, बौना जासूस व अन्य, पर सबसे ज्यदा पढ़े जाने वाला किरदार शक्तिपुत्र ही था. शक्तिपुत्र के पहली कॉमिक्स थी “शक्तिपुत्र और यन्त्रदानव का आतंक” और इसके बाद शक्तिपुत्र ने कई यादगार कॉमिक्सें भारतीय पाठकों को मनोरंजन के लिए प्रदान की. उसमे से कुछ तो बहोत ही बड़ी सफल रही जैसे “हिटलर का भूत”, “नया भगवान”, “अदृश्य मानव”, “दरिंदो की घाटी” और “अपराधियों का स्वर्ग”. जैसे की राधा कॉमिक्स कहती भी थी, “शक्तिपुत्र – राधा कॉमिक्स की गौरवशाली भेंट”!
शक्तिपुत्र के कुछ कॉमिक्स आवरण (कवर्स) – साभार राधा कॉमिक्स
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