Remembering Uncle Pai (अंकल पै)
Uncle Pai: दोस्तों 24 फरवरी को अंकल पै को गए 10 साल हो गए लेकिन हमारे स्मृति में उनकी आमिट छाप हमेशा के लिए बसी हुई है. भारत में कॉमिक्स की छवि और संस्कृति का अद्भुद संगम जैसा उन्होंने प्रस्तुत किया है वैसा शायद ही किसी अन्य ने किया हो. इन चित्रकथाओं के माध्यम से उन्होंने भारत के पाठकों को हमारी जड़ो से तो जोड़ा ही एवं साथ में इतिहास और पौराणिक महत्त्व को समझाने का एक सुलभ तरीका भी ईजाद किया.
अंकल पै का पूरा नाम श्री अनंत पै था और उनका जन्म 17 सितम्बर 1929 को कर्नाटक राज्य के गाँव ‘करकला’ में हुआ था. वर्ष 2011 में 24 फरवरी को वह इस दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन पीछे छोड़ गए एक बड़ा साम्राज्य जिसे संभाल पाना शायद उनके बिना बड़ा ही कठिन है. हालाँकि अंकल पै ने सिर्फ अमर चित्र कथा ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए मासिक पत्रिका टिंकल का भी प्रकाशन किया और अपने दौर के बड़े चित्रकारों और लेखकों से इन कृतियों पर कार्य करवाया.
अंकल पै का एक ही लक्ष्य था की भारत के बच्चे अगर हमारे देश के महान इतिहास, पौराणिक, व्यक्तित्व और विभूतियों के बारें में नहीं जान पाएंगे तो इस देश में ज्ञान का दिव्य प्रकाश कैसे फैलेगा. भारत भूमि ने पिछले 1000 वर्षों में बहुत से कष्ट झेलें है, विदेशी आक्रांताओं के हमलें, अंग्रेजो की गुलामी एवं और भी बहुत कुछ लेकिन हर युग में कोई महापुरुष, कोई योद्धा, कोई दैवीय अवतार प्रकट होता है इस पृथ्वी पर जो इन बुराइयों के विरुद्ध आवाज उठाता है और कोई बन जाता है – ‘अंकल पै’ (Uncle Pai).
लगभग 5 दशकों से इनका प्रकाशन जारी है जो आगे भी रहेगा. हम रहें या ना रहें ये शब्द, चित्र, अंकल पै की यादें, उनका विज़न और उनकी कृतियाँ भारत के सभी बच्चों-युवा-बूढों का मनोरंजन एवं मार्गदर्शन अवश्य करेंगी. उनके पुण्यतिथि के अवसर पर कॉमिक्स बाइट और कॉमिक्स जगत उन्हें नमन करता है, आभार – कॉमिक्स बाइट!!