रतन टाटा: एक अद्वितीय नेतृत्व जिसने भारत की वैश्विक पहचान को नया आयाम दिया (Ratan Tata: Leadership That Gave A New Dimension To India’s Global Identity)
उद्योगों में क्रांति लाने से लेकर विपत्ति के बाद पुनर्निर्माण करने तक, रतन टाटा की विरासत आज भी एक देश और दुनिया को प्रेरित करती है। (From revolutionizing industries to rebuilding after disaster, Ratan Tata’s legacy continues to inspire a nation and the world.)
रतन टाटा: भारत के अनमोल रत्न
कल रात, रतन टाटा जी का निधन हो गया जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। वे एक महान विभूति थे और भारत ने आज अपना रतन खो दिया है। मेरा करियर भी टाटा कंपनी से ही शुरू हुआ था और मुझ जैसे करोड़ों लोग उनके ऋणी हैं और सदैव रहेंगे। भारत को सशक्त बनाने में उनका अतुलनीय योगदान है और साथ ही जरूरतमंद लोगों को उनकी चैरिटी के द्वारा की कृपा प्राप्त होती रही। भारत के असली ‘रतन’, स्वयं रतन टाटा थे, हैं और हमेशा रहेंगे। उनकी पुण्यात्मा को सादर नमन।
रतन टाटा न केवल एक उद्योगपति थे बल्कि एक असली मानवतावादी भी। उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान 1500 करोड़ रुपये दान देकर यह सिद्ध किया कि वे देश के कल्याण के प्रति कितने समर्पित थे। वे जानवरों से बहुत प्रेम करते थे और हमेशा अपने पालतू कुत्तों के साथ दिखाई देते थे। इतना पैसा होते हुए भी वे साधारण जीवन जीते थे, जो पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल है।
जगुआर लैंड रोवर अधिग्रहण: एक दूरदर्शी कदम
रतन टाटा की एक और बड़ी उपलब्धि 2008 में ब्रिटिश लक्ज़री ब्रांड्स जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण था। उस समय कई लोगों को संदेह था कि यह सौदा सफल हो पाएगा। लेकिन रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा मोटर्स ने इन ब्रांड्स को नया जीवन दिया, और वे फिर से अपनी प्रतिष्ठा प्राप्त करने में सफल रहे। यह अधिग्रहण भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की वैश्विक पहचान को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हुआ। यह कदम उनके दूरदर्शी नेतृत्व और जोखिम उठाने की उनकी क्षमता का प्रतीक है। टाटा इंडिका को वर्ष 1998 में लांच करके वो ‘मेक इन इंडिया’ का कांसेप्ट कई वर्षों पहले लेकर आ चुके थे। उन्होंने भारत के ऑटोमोबाइल एवं आई टी इंडस्ट्री में क्रांतिकारी बदलाव लाकर दुनिया के नक़्शे में अपने देश को स्थापित किया।
मुंबई आतंकी हमले के बाद मानवीय पहल
2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद रतन टाटा का नेतृत्व और मानवीय दृष्टिकोण देखने लायक था। ताजमहल पैलेस होटल, जो हमले का प्रमुख लक्ष्य था, के पुनर्निर्माण के प्रयासों की उन्होंने व्यक्तिगत रूप से निगरानी की। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सभी प्रभावित कर्मचारियों और उनके परिवारों को आर्थिक और भावनात्मक रूप से समर्थन मिले। इस संकट के समय में उनकी एक प्रसिद्ध उक्ति ने उनके अडिग आत्मविश्वास और अटूट जज़्बे को व्यक्त किया।
रतन टाटा देश का गौरव और हमारा अभिमान थे। उन्होंने भारत के ऑटोमोबाइल और आईटी उद्योगों में क्रांतिकारी बदलाव लाकर दुनिया के नक्शे में भारत को मजबूती से स्थापित किया। उनका साधारण जीवन और समाज के प्रति समर्पण हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है। भारतीय कॉमिक्स जगत भी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। टिंकल और लोटपोट जैसे प्रकाशनों के साथ-साथ श्री विवेक कौशिक और श्री अनुपम सिन्हा जैसे कॉमिक बुक आर्टिस्टों ने भी चित्रों के माध्यम से अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं।
सच्चा नेतृत्व सिर्फ व्यापारिक सफलता से नहीं, बल्कि मानवता और नैतिकता के आधार पर मापा जाता है। उनका दृष्टिकोण दिखाता है कि सफलता के साथ जिम्मेदारी भी आती है, “चाहे वह कर्मचारियों की देखभाल हो, संकट के समय में देश का साथ देना हो, या पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम और आदर“। उनके पदचिह्नों पर चलकर हम न केवल अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि समाज को बेहतर बना सकते हैं। उनकी विनम्रता, दूरदर्शिता और मानवीय दृष्टिकोण देश को सही दिशा में अग्रसर कर सकते हैं। नमन – कॉमिक्स बाइट!!
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