सूरमा, निशाचर, कलियुग और कयामत के राज कॉमिक्स रजत जयंती संस्करण – राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता (Raj Comics Silver Jubilee Editions Of Soorma, Nishachar, Kaliyug And Kayamat – Raj Comics By Manoj Gupta)
राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता प्रस्तुत करते है श्री अनुपम सिन्हा के पुराने शाहकार अब ‘रजत जयंती’ संग्राहक संस्करण के रूप में! (Raj Comics By Manoj Gupta Presents the Greatest 2 IN 1 by Shri Anupam Sinha now as ‘Silver Jubilee’ Collector’s Edition!)
राज कॉमिक्स (Raj Comics) के लिए “राजनगर की तबाही, प्रलय, विनाश और तानाशाह“, जैसे अद्भुद कॉमिक्स रचने वाले भारतीय कॉमिक बुक लीजेंड श्री अनुपम सिन्हा जी के कलम और कूंची से निकले अन्य 2 इन 1 विशेषांक भी अपने समकालीन विशेषांकों से कमतर नहीं थे। वो भी जब नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव, शक्ति, परमाणु एवं डोगा एक दूसरे से टक्कर लेते दिखाई पड़े! इसमें अनुपम जी के साथ थे लीजेंडरी ‘मनु’ और ‘धीरज वर्मा’ जैसे नाम भी, तो इनकी सफलता की 100% गारंटी पक्की थी। निशाचर में जहाँ ध्रुव और डोगा आमने-सामने थे तो वही सूरमा में नागराज और परमाणु! कलियुग में टक्कर सीधे राक्षसों थीं तो कयामत में एलियन शाकूरा ग्रह के वांछित अपराधी ‘जादूगर शाकूरा’, एक नए रूप में दिल्ली शहर में आकर अपना कहर बरपा रहा था। तब ज़माना बदल रहा था और इन सभी कॉमिक बुक्स को प्रकाशित हुए लगभग 2 दशकों से उपर का समय हो चुका है, इसलिए ‘राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता’ एक बार फिर इन्हें लेकर आएं है इन सभी कॉमिक्स के नए ‘रजत जयंती’ संग्राहक संस्करण। यह बदलाव का दौर था और इस पर पाठक हमारा पूर्व प्रकाशित आलेख नीचे पढ़ सकते है।
एकल संग्राहक संस्करण का मूल्य है 600/- रूपये और कॉम्बो ऑफर का मूल्य है 2400/- रूपये, सभी कॉमिक्स 96+ पृष्ठों की है और जुलाई 31 तारीख तक इस कॉम्बो ऑफर को विशेष प्री-आर्डर मूल्य 1500/- रूपये में दिया जा रहा है। यह सेट सभी पुस्तक विक्रेता बंधुओं के पास उपलब्ध है। कॉमिक्स के साथ अन्य कई उपहार भी है –
- सिल्वर गल्डिंग
- स्टैंडी
- बिग साइज़
- रेफ्लेक्टिव टाइटल
- बोनस पेजेज
- बुकमार्क
- 1 पोस्टर
अनुपम जी इन सभी एडिशन्स के नए आवरणों पर कार्य कर रहे हैं और आज उन्होंने इस पर एक विस्तृत जानकारी भी अपने फेसबुक पेज के माध्यम से साझा की है।
नए मुखपृष्ठ (New Titles)
किसी भी कॉमिक विशेषांक का मुखपृष्ठ बनाना एक चुनौती पूर्ण कार्य होता है, खासतौर से तब जब उसमें एक से अधिक सुपर हीरो हों। इनमें पात्रों की संख्या भी अधिक होती है।
ऐसे ही जब इतने सालों बाद दोबारा इन टाइटल के डिजाइन पर काम करने बैठता हूं तो बहुत सारे ख्याल दिमाग में आते हैं । उसमें सांकेतिक कवर भी होते हैं उसमें एक्शन कवर भी होते हैं और उसमें डिस्क्रिप्टिव कवर भी होते हैं, जिसमें डिटेलिंग होती है। जब हम किसी कॉमिक का विज्ञापन बनाते हैं तो उसमें हम सांकेतिक वस्तुएं अधिक इस्तेमाल करते हैं क्योंकि विज्ञापन एक से अधिक भी बन सकते हैं और वह कौतुहल पैदा करने के लिए होते हैं। इसी की तरह जब पोस्टर बनाए जाते हैं तब अधिकतर ध्यान एक बोल्ड फिगर और उसके एक्शन पर रहता है। लेकिन जब हम किसी ऐसी कॉमिक का मुख्य पृष्ठ बनाते हैं तब हमारा पहला विचार यह होता है कि इस कॉमिक में क्या खासियत है। इसकी कहानी दूसरे से अलग कैसे हैं। इसके पात्र दूसरे से अलग कैसे दिखते हैं! उनको पाठकों तक कैसे पहुंचाया जाए! और वह भी एक ऐसे कंपोजिशन में जिसको देखकर पाठक कहें कि हां, यह वही कहानी है। यहां पर दो नई चुनौतियां भी आती हैं।
फॉलो कीजिए अनुपम सिन्हा जी को ऐसे और भी शानदार अपडेट्स और आलेखों के लिए फेसबुक पर: Anupam Sinha Profile
पहली यह होती है कि पाठकों ने यह कहानी पहले से पढ़ी हुई है, और यह एक रिप्रिंट है। पाठकों को भी मुख्य पृष्ठ देखकर ही यह रिफ्रेश हो जाना चाहिए कि, अच्छा, इस कहानी में ये पात्र थे और इस कहानी में यह वाला एक्शन देखा था! और दूसरी चुनौती यह होती है कि समय बदलने के साथ अब यह टाइटल सिंगल पेज पर बनाने पड़ते हैं और उसी में इन सारे विचारों और पात्रों को समायोजित करना पड़ता है। कोई भी मुखपृष्ठ बनाने के असंख्य तरीके हो सकते हैं, परंतु मुझे लगता है कि जब इस तरीके की कॉमिक के टाइटल बनाए जाएँ, तो वह अपने आप में ही एक कॉमिक होने चाहिए, जिसको कि प्रशंसक उठाए, निहारे और थोड़ी देर तक देखता रहे! और हर पात्र के साथ अपनी पुरानी यादों में खोता रहे।
सूरमा, निशाचर, कलियुग – नए आवरण – अनुपम सिन्हा (Soorma, Nishachar, Kaliyug – New Covers By Anupam Sinha)
पाठक बताएं क्या इनमें से कोई एक पसंदीदा कॉमिक्स खरीदेंगे या पूरा कॉम्बो! वैसे अनुपम जी द्वारा बनाए यह नए आर्टवर्क बहुत अच्छे लग रहे है, हालाँकि कुछ ऑप्शन्स और भी है, अब पाठकों के निर्णय पर निर्भर करता है की उनकों कौन से प्रकाशन की कॉमिक्स खरीदनी है। आभार – कॉमिक्स बाइट!!