पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chauhan)
चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chauhan) का जन्म ‘1166’ ईस्वी में हुआ था, वें ‘1179’ में राजा बने, जब वह सिर्फ 11 साल के थे तब उन्हें राज कार्य सौंप दिया गया था, उन्हें ‘राजपूत’ वंश से संबंधित अपने पिता ‘सोमेश्वर चौहान’ से राजगद्दी मिली थी और उनकी माता का नाम ‘कर्पूरवल्ली’ था। उन्होंने दिल्ली में किला ‘राय पिथौरा’ का निर्माण कराया, पृथ्वीराज चौहान का साम्राज्य हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात तक विस्तृत रूप से फैला हुआ था एवं उनकी राजधानी अजयमेरु (राजस्थान) में स्थित थी, हालांकि मध्ययुगीन ‘लोक किंवदंतियों’ ने उन्हें भारत के राजनीतिक केंद्र दिल्ली के राजा के रूप में वर्णित किया है जो उन्हें पूर्व-इस्लामिक भारतीय शक्ति के प्रतिनिधि के रूप में चित्रित करते हैं।
पूरा नाम: पृथ्वीराज चौहान (राय पिथौरा) और पृथ्वीराजा III
घराना: राजपूत (क्षत्रिय)
कार्यक्षेत्र: दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब के कुछ प्रांत और गुजरात
धर्म: हिन्दू धर्म
मित्र: चंदरबरदाई
तथ्य –
- पृथ्वीराज चौहान असाधारण रूप से मजबूत और एक महान योद्धा थें, कहते है उनकी छाती का आकार उनके कमर से दुगने आकार का था.
- वे तीरंदाजी में विशेष रूप से कुशल थे और शब्दभेदी बाण साधना उन्हें बाल्य काल से ही आता था.
- चौहान वंश मे जन्मे पृथ्वीराज चौहान आखिरी हिन्दू शासक भी थे.
- पृथ्वीराज चौहान के खास मित्रों में से थे ‘चंदरबरदाई’, व़े तोमर वंश से सम्बंध रखते थे और उन्होंने पृथ्वीराज चौहान के उपर ‘पृथ्वीराज रासो’ नामक काव्य ग्रंथ की रचना भी की.
- पृथ्वीराज चौहान को 14 भाषाओं का ज्ञान था (पृथ्वीराज रासो*).
- दिल्ली में प्रसिद्ध पुराना किला पृथ्वीराज चौहान ने ही बनवाया था जिसे सब ‘राय पिथौरा’ के नाम से भी जानते है.
- पृथ्वीराज चौहान बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, कहा जाता है उन्हें गणित, इतिहास, चित्रकारी, दर्शनशास्त्र, औषधिशास्त्र और सैन्य बलों को सँभालने का अच्छा ज्ञान था.
- पृथ्वीराज चौहान की सेना विशाल थी कहते है उनकी सेना में 3 लाख सैनिक और 300 हाथी थे.
- उल्लेखनीय युद्ध – “तराइन” का युद्ध, जानकारों की माने तो उनका कट्टर शत्रु ‘मुहम्मद गौरी’ (आक्रमणकारी) था जो 17 बार पृथ्वीराज चौहान से हारा और अंतिम बार अपने नापाक मंसूबों में सफल हो ही गया, इसके पीछे ‘जयचंद’ जैसे गद्दार राजाओं का हाँथ रहा. पृथ्वीराज चौहान चाहते तो ‘गौरी’ को पहले युद्ध में ही मार सकते थे पर हर बार उन्होंने उसे अभयदान दिया.
- पृथ्वीराज चौहान ने अंधे होते हुए भी ‘मुहम्मद गौरी’ को मौत के घाट उतार दिया, जैसा की उपर बताया गया है की वो शब्दभेदी बाण चलाने में निपुण थे तो अपने मित्र चंदरबरदाई के कथन पर सटीक आंकलन कर उन्होंने तीर छोड़ा और ‘गौरी’ को काल के गाल में पंहुचा दिया.
- चंदरबरदाई ब्रज भाषा के कवि थे, उन्हें हिंदी भाषा का पहला कवि या ‘महाकवि’ और ‘पृथ्वीराज रासो’ को हिंदी रचना का पहला काव्य ग्रंथ भी माना गया है (विकिपीडिया*). आज भी उनकी कही गई पंक्तियों में वही शौर्य नज़र आता है जो आज से लगभग 1000 साल पहले थीं –
चार बाँस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमान । ता ऊपर सुल्तान है, मत चूके चौहान ॥“
– चंदरबरदाई (महाकवि)
आज पृथ्वीराज चौहान की जयंती पर कॉमिक्स बाइट की टीम इन्हें नमन करती है. ऐसे वीर योद्धा के कारण ही हम महान थे, हैं और हमेशा रहेंगे. महाराणा प्रताप की तरह ही पृथ्वीराज चौहान पर भी किसी खास कॉमिक्स पब्लिकेशन ने काम नहीं किया, लेकिन जो जानकारी है उपलब्ध है उन्हें मैं आप सबके साथ साझा कर रहा हूँ –
अमर चित्र कथा: अमर चित्र कथा स्टूडियो ने पृथ्वीराज चौहान पर भी कॉमिक्स प्रकाशित की है और उपर जो तथ्य दिए है उन्हीं पर कहानी ताना बाना बुना गया है, कई जानकर ये भी कहते है की उनकी रानी ‘संयोगिता’ उनसे प्रेम करती थी और वो कन्नौज की राजकुमारी थी. जिसका जिक्र आपको ‘अमर चित्र कथा’ की इस कॉमिक्स में भी मिलता है. इसे 5 इन 1 ‘ब्रेव राजपूत्स’ नामक कलेक्टर एडिशन में भी निकाला गया था.
आप दिए गए लिंक पर जाकर इसे खरीद सकते है – हैलो बुक माइन
स्टार इंडिया: स्टार इंडिया और प्रकाश बुक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने मिलाकर स्टार प्लस पर उस समय प्रसारित होने वाले धारावाहिक एवं ऐतिहासिक मेगा-सीरीज ‘धरती का वीर योद्धा – पृथ्वीराज चौहान’ पर कॉमिक्स निकाली थी, वर्ष 2008 में इसके कुछ सेट प्रकाशित हुए थे.
विल्को पब्लिशिंग हाउस: विल्को के ग्राफ़िक नॉवेल के ऐतिहासिक सेगमेंट के अंदर ‘पृथ्वीराज चौहान’ पर कॉमिक्स प्रकाशित की गई थी इसे “विल्को पिक्चर्स लाइब्रेरी” ने छापा था.
मनोज पब्लिकेशन: मनोज पब्लिकेशन ने भी ‘पृथ्वीराज चौहान’ के जीवन पर किताब प्रकाशित की है और ये पेपरबैक संस्करण में उपलब्ध है फिर भी मुझे लगता है ‘मनोज कॉमिक्स’ में भारत के गौरवशाली इतिहास को स्थान देना चाहिए था.
उम्मीद है आपको ये लेख पसंद आया होगा, कृपया करके इस गौरवशाली इतिहास को अपने बच्चों, घर परिवार एवं मित्रों के साथ साझा कीजिये. वीरता एवं शौर्य से परिपूर्ण ये गाथाएँ जरूर पढ़े और अब तो बॉलीवुड के अभिनेता ‘अक्षय कुमार’ जी भी ‘पृथ्वीराज चौहान’ के किरदार में नज़र आने वाले है और उनका साथ देने वाली है मिस वर्ल्ड ‘मानुषी छिल्लर’ जी, आभार – कॉमिक्स बाइट!