लघु कॉमिक्स समीक्षा – हत्यारी सुरंग – तुलसी कॉमिक्स (One Shot Review – Hatyari Surang – Tulsi Comics)
तुलसी कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित कॉमिक्स “हत्यारी सुरंग” की लघु समीक्षा (Conspiracy Exposed: Review of The “Hatyari Surang” by Tulsi Comics)
तुलसी कॉमिक्स’ (Tulsi Comics) एक प्रकाशन था जिसकी कहानियों और नायकों ने अपने समकालीन प्रकाशनों के सामान प्रसिद्धि अर्जित की थी। उन्होंने कई वर्षों तक अपने प्रकाशन से कॉमिक बुक्स (कॉमिक्स) प्रकाशित की और हमें वो मनोरंजन दिया जिसकी उस दौर में काफी आवश्यकता थी, अंगारा, जम्बू, बाज़, योगा, मिस्टर इंडिया और तौसी जैसे इन किरदारों ने नायकों की बढ़ती भीड़ में अपनी जगह बनाई और पाठकों के मध्य अपना एक दर्जा स्थापित किया। इनकी जनरल कॉमिकों को भी पाठकों का अच्छा खासा प्रतिसाद मिलता था, मुल्लिक स्टूडियो, चव्हाण स्टूडियो और कदम स्टूडियो के अद्भुद चित्रांकन से सजी एवं तरुण कुमार वाही, ऋतुराज और वेद प्रकाश शर्मा सरीखे लोकप्रिय लेखकों कलम से निर्गत यह चित्रकथाएं हर घर तक पहुँची और अपनी पहचान बनाने में सफल रही। तुलसी कॉमिक्स के पुराने अंक आज राज कॉमिक्स और कॉमिक्स इंडिया के सौजन्य से फिर से उपलब्ध है और आज बात करेंगे एक ऐसे ही कॉमिक्स जो आपको भारत के सबसे चर्चित नायक झलक याद दिलाएगी।
कॉमिक्स समीक्षा – हत्यारी सुरंग – तुलसी कॉमिक्स (One Short Review – Hatyari Surang – Tulsi Comics)
कालका से शिमला के मीटर गेज़ रेलवे लाइन बिछी है, यहाँ पर रेल लगभग 100 से उपर सुरंगों होकर गुजरती है एवं इनमें से एक सुरंग बेहद लंबी है जो बड़ोंग स्टेशन के ठीक पहले पड़ती है। आज लेकिन इस सुरंग से गुजरती ट्रेन में मची है हलचल क्योंकि सुरंग में ट्रेन के आते ही सुनाई पड़ता है एक जोरदार धमाका जो किसी बंदूक से निकले शोले का था। जैसे ही ट्रेन सुरंग से बाहर आती तो सामने एक आदमी खून से लथपथ पड़ा हुआ दिखता है, उस केबिन में ज्यादा लोग नहीं थे इसलिए शक की सुई सभी टूरिस्टों के उपर घूमती है जिनमें से एक होता है हत्यारा और एक है सीक्रेट सर्विस का जल्लाद जासूस – क्रांति!
शिमला के आस-पास के क्षेत्र में ड्रग्स और नशे का धंधा बड़ी तेज़ी से फल-फूल रहा था और कानून व्यवस्था को धता बताते हुए नशे के ये सौदागर युवाओं को इसके गिरफ़्त में जकड़ते चले जा रहे थे। इसके पीछे सर्किल नाम की संस्था का नाम जुड़ा हुआ था जो बड़े ही शातिर तरीके से इन कार्यों को अंजाम दे रहा था। पुलिस मदद के लिए सीक्रेट सर्विस की मदद लेती है और उन्हें मददगार मिलता भी जिसका नाम है क्रांति। अपने इस मिशन पर क्रांति का टकराव बेहद खतरनाक मुजरिमों एवं हत्यारों होता है, साथ ही सर्किल के माफिया बॉस से फाइट में उसको अपनी जान बचाने के लिए जूझना भी पड़ता है। अंशु नाम की एक लड़की उसकी मदद को आगे आती है पर क्या एक बड़े संगठन के गलत इरादों को नेस्तनाबूद करना इतना होगा?
हत्यारी सुरंग के लेखक है श्री तरुण कुमार वाही और चित्रांकन है मुल्लिक स्टूडियोज का। कॉमिक्स के पृष्ठों पर क्रांति का खिलंदड अंदाज, फाइटिंग स्टाइल और संवाद आपको राज कॉमिक्स के नायक ‘नागराज’ की भरपूर याद दिलाते है और इसे बड़े आराम से उसके विंटेज मिशन से जोड़ कर देखा जा सकता है। इसे ‘नागराज की क्रांति’ कहना ज्यादा सही होगा जो नब्बें के पाठकों को जरुर पसंद आएगा। इस कॉमिक्स का मूल्य है 55/- रूपये और इसमें कुल 32 पृष्ठ है। इसे पहले तुसली कॉमिक्स ने प्रकाशित किया था जिसे अब कॉमिक्स इंडिया फिर से रीप्रिंट कर रही है। ‘हत्यारी सुरंग’ एक सीधी-सादी कहानी है जिसमें सिर्फ एक्शन और जुर्म को समाप्त करने का उद्देश्य दिखाई पड़ता है, खलनायक के पास ‘सर्किल’ नामक एक यंत्र गाड़ी है जो आधुनिक हथियारों से लैस है। क्या सीक्रेट सर्विस का जल्लाद ‘क्रांति’, सर्किल के इस जाल को काट पाएगा या हो जाएगा खाक शिमला की गहरी घाटियों में! अंशु कौन थीं और सर्किल से उसका क्या संबध था? इन्हीं जवाबों के साथ समाप्त होती है कॉमिक्स हत्यारी सुरंग। आभार – कॉमिक्स बाइट!!