महानागायण – राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता (Mahanagayan – Raj Comics By Manoj Gupta)
मित्रों कल यानि 22 सितम्बर को राजा पॉकेट बुक्स और राज कॉमिक्स के संस्थापक श्री राज कुमार गुप्ता जी का 75वां जन्मदिन था। उनके गौलोक गमन के बाद राज कॉमिक्स ने पिछले एक-डेढ़ वर्षों में काफी कुछ देखा हैं, बहुत सारे बदलाव हुए और अब तीन धड़े में विभाजित यह प्रकाशन अपने ओर से हिंदी कॉमिक्स में अभी भी अपने पैर जमाने के प्रयास कर रहा हैं। सभी को अपेक्षित सफलता भी मिल रहीं हैं एवं पाठकों को भी राज कॉमिक्स कई डिब्बेबंद कार्यों से एक बार रूबरू होने का मौका मिल रहा हैं। पहल अच्छी हैं और इन प्रयासों को समर्थन भी प्राप्त हैं। सर्वनायक श्रृंखला के एक कालजयी सवाल यह भी रहा की श्री अनुपम सिन्हा जी की महानागायण कब प्रकाशित हो रही हैं एवं राज जी जन्मदिन के तिथि पर इससे बेहतर मौका कोई हो भी नहीं सकता था। श्री मनोज गुप्ता जी ने ‘फाउंडर डे’ के दिन इस ख़ुशी को सभी के साथ साझा किया और एक भावनापूर्ण संदेश भी पाठकों को दिया।
मनोज जी ने लिखा –
“आज राज कॉमिक्स के संस्थापक स्वर्गीय श्री राज कुमार गुप्ता जी का 75वां जन्मदिन है। भारत के साहित्य जगत के लिए इनका योगदान अतुल्य है। पाठकों को राज कॉमिक्स और राजा पॉकेट बुक्स जैसी विरासत देने के लिए हम सदैव इनके आभारी रहेंगे। राज कॉमिक्स बाई मनोज गुप्ता इस दिन को संस्थापक दिवस के रूप में मनाती है। उनके सिखाये आदर्शों पर चलने के लिए हम आज भी प्रतिबद्ध हैं और उनके दिखाए मार्ग पर आगे बढ़ते हुए उनके लक्ष्यों को परिपूर्ण करने के लिए हम संकल्पबद्ध हैं।”
महानगायण की घोषणा ने कॉमिक्स प्रेमियों को बेहद रोमांचित कर दिया और स्वयं अनुपम जी ने भी इस शानदार खबर को सभी के साथ सोशल मीडिया में साझा किया। कई वर्षों से रुकी पड़ी इस श्रृंखला में एक बार फिर से जैसे जान आ गई हो और इसका पहला खंड – “अवतरण पर्व” प्री-आर्डर पर पुस्तक विक्रेताओं और राज कॉमिक्स के वेबसाइट पर उपलब्ध भी हो चुका हैं।
इस कॉमिक्स में 96 पृष्ठ हैं और इसका मूल्य 500/- रूपये रखा गया हैं। कुछ प्रथम सौ अंकों के प्री-आर्डर के साथ हस्ताक्षरित प्रतियाँ भी दी जा रहीं हैं। वर्ष 2019 के दिल्ली बुक फयेर में महानगायण के पोस्टर्स का विमोचन हुआ था और मनोज जी एवं अनुपम जी के साथ स्वयं राज जी उस कार्यक्रम में उपस्थित थें।
प्रीव्यू पैनल्स (Preview Panels)
बहरहाल नई कॉमिक्स आने का जोश जो कहीं लुप्तप्राय होता जा रहा था, आज अचानक से उसमें वही उबाल एक बार फिर देखने को मिल रहा हैं और यह देखना अच्छा हैं की अब लाखों लोग भले ही कॉमिक्स से दूर हों लेकिन हजारों पाठक आज भी इनका पलकें बिछाएं इंतजार करते हैं, आभार – कॉमिक्स बाइट!!