कारगिल (Kargil) – विजय दिवस
कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas)
कौन कहता है भारत में शेरों की संख्या कम हो रही है? कभी हमारी सेना की दहाड़ सुनी है! हमारा एक एक फ़ौजी उस सिंह के समान है जो पहाड़ों का भी सीना चीर दें, समुद्रों की गहराई नाप लें और नभ में भी छेद कर दें.
‘हर हर महादेव’ और ‘जो बोले सो निहाल’ के नारों से जो गर्जन होती है वो आकाशीय बिजली के नाद में भी नहीं है. कभी मेरे देश के इन वीर जवानों के कदमताल को सुन लेना, दुश्मनों के नापाक कलेजों को भी थर्रा दें ये ऐसे माटी के लाल है मेरे, हृदय में कोई शंका हो तो मिल लेना बना देंगे ये बिगड़े काम भी तेरे!!
26 जुलाई 1999 को हमने अपने पडोसी देश को ऐसी पटखनी दी जो उसके इतिहास में हमेशा दर्ज रहेगी. जो कोई भी नापाक निगाहें हमारी भारत माता के उपर उठेंगी तो उनकी आँखों से हमारे सैनिक कंचे खेलेंगे.
उन हांथो को तोड़ दिया जाएगा और उनकी गर्दनो को मरोड़ दिया जाएगा (कुछ याद आया). जैसा की हमारे देश के रक्षा मंत्री भी 21 वें कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में कहते है –
कारगिल विजय दिवस केवल एक दिन नहीं है बल्कि भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का विजयोत्सव है।”
पडोसी घुसपैठियों को करार जवाब देते हुए भारतीय सेना उनके दांत ऐसे खट्टे किए की अगले आने वाले कई सौ सालों तक उन्हें नीबूं की जरुरत नहीं पड़ेगी. उनके इस दुस्साहस का परिणाम ये हुआ इनकी बची खुची इज्ज़त भी जाती रही और हमारे पराक्रमी सेना के जांबाजों ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए मौत को गले लगा लिया लेकिन माँ भारती के ज़मीन का एक भी टुकड़ा ज़लीलों के हाँथ में ना जाने दिया.
कारगिल विजय दिवस/ शौर्य दिवस के दिन हम आज अपनी सेना और सैनिको का सम्मान करते है एवं उन वीर बलिदानियों कोटि कोटि नमन करते है जो हमारे रियल लाइफ सुपर हीरोज है. इनके जस्बे का ऋण भारतवासी कभी चुका ना पाएंगें.
राज कॉमिक्स (Raj Comics)
राज कॉमिक्स ने भी हमारे वीर सपूतों के सम्मान में एक कॉमिक्स प्रकाशित की थी जिसका नाम था – “कारगिल” (Kargil) और इस कॉमिक्स की सारी आय आर्मी सेन्ट्रल वेलफेयर फण्ड में जमा की गई थी. राज कॉमिक्स नायक ‘तिरंगा’ पर आधारित ये कॉमिक्स हमारे देश के वीर जवानों की सच्ची गाथा है.
तिरंगा के साथ हमारे देश के वीर जवान कैसे पड़ोसी देश की सेना को खदेड़ देते है ये देखना वाकई में शानदार है.
इस मामले में डोगा भी पीछे नहीं है और देशभक्ति एवं जस्बे में उसका कोई सानी नहीं है, “घुसपैठिया” (Ghuspaithiya) नामक कॉमिक्स में गोलियों की बौछारों के बीच देश के दुश्मनों को नर्क का द्वार दिखाते डोगा का अपने देश के तिरंगे को थामना और उसका सम्मान करना आपके रोम रोम को पुलकित कर देगा.
परमवीर चक्र से सम्मानित – कैप्टेन विक्रम बत्रा का कहा गया संवाद – ‘तिरंगा फेहरा कर आऊंगा या तिरंगे में लिपट कर आऊंगा’ या कैप्टेन मनोज पांडे कहे शब्द जो आज भी देशप्रेम से ओतप्रोत है – “If death strikes before I Prove my blood, I Swear, I Will Kill Death”. ऐसे ही कितने अन्य वीर बलिदानी और पुण्यआत्माओं को बारम्बार नमन.
अंत में चंद्रशेखर आज़ाद के पंक्तियों से इस लेख का अंत करूँगा –
“देश पर जिसका खून ना खौले, वो खून नहीं वो पानी है, जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी है”
नीचे दिया गया है ‘भारत के वीर‘ वेब पोर्टल का लिंक जहाँ जाकर अगर आप अपना योगदान दें सकते है, जय भारत, जय जवान, जय हिंद – कॉमिक्स बाइट!!
सेना की गौरव गाथाएँ
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