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फोर्ट कॉमिक्स

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नमस्कार मित्रों आज उपस्थित हूँ एक बार फिर आप लोगों के लिए एक नयी जानकारी के साथ. भारत में कई कॉमिक्स पब्लिकेशन हाउसेस थे, अगर किसी खास की बात करूँ तो आप राज कॉमिक्स और डायमंड कॉमिक्स का नाम ले सकते है, कुछ मनोज कॉमिक्स और तुलसी भी कहेंगे लेकिन इनके अलावा भी बहोत सी अलग अलग पब्लिकेशन हाउसेस अपने समयकाल पर सक्रिय रही जिनमें से मैंने कुछ पढ़ी है जैसे राधा कॉमिक्स, गोयल कॉमिक्स, पवन कॉमिक्स, परंपरा कॉमिक्स और फोर्ट कॉमिक्स(Fort Comics) (ये पूरा इतिहास नहीं है, सभी पब्लिकेशन हाउसेस को सूचीबद्ध किया जा रहा है).

आर्टवर्क: धीरज वर्मा सर
साभार: फोर्ट कॉमिक्स

फोर्ट कॉमिक्स को पसंद करने का बहोत बड़ा हाँथ उनके कवर्स का होता था, मेरी पहली फोर्ट कॉमिक्स का नाम था गुफ़िना और उसके पीछे ही मैंने “ग़दर” कॉमिक्स का विज्ञापन देखा था हालाँकि ग़दर मुझे काफी दिन बाद पढने को मिली (ग़दर एक महा-डाइजेस्ट थी, मल्टीस्टारर), लेकिन खास बात ये है की फोर्ट कॉमिक्स के आवरण बड़े ही गजब के होते थे, नीचे कुछ चित्र संलग्न कर रहा हूँ आपके लिए.

फोर्ट कॉमिक्स ने नब्बे के दशक के दौरान अपनी शुरुआत की, फोर्ट कॉमिक्स भी दिल्ली से प्रकाशित होती थी एवं कॉमिक्सों के श्रेणी में फोर्ट पात्र प्रमुख, हास्य, प्रेत-खौफ़-दहशत, रहस्य रोमांच, फोर्ट वॉर सीरीज, जासूसी कहानियों की भरमार रही और किरदार जैसे जंगारू, विषपुत्र, महाबली सैंडो, ज्वालापुत्र ने भी प्रभावित किया लेकिन इसके अलावा इनकी फोर्ट लव सीरीज भी काफी चर्चित रही जो पाश्चात्य सभ्यता से ज्यदा प्रभावित नजर आई, हालाँकि कॉमिक्स किरदारों में गहराई की कमी और हलकी कहानियों के कारण और यूँ कहें की बड़े पब्लिकेशन हाउसेस के सामने उन्हें कड़ी पर्तिस्पर्धा का सामना करना पड़ा (जैसे चाचा चौधरी और नागराज जिनके भारत में ही नहीं बल्कि देश से बाहर भी पाठकों के लम्बी फ़ेहरिस्त थी) और शायद यही उनके पतन का कारण बना.

साभार: फोर्ट कॉमिक्स

फोर्ट कॉमिक्स का पहले अंक का नाम था “टिंकी के कारनामे” जो की एक हास्य व्यंग की कहानी थी और इसमें छोटी छोटी कई कहानियां थी, इसके पहले सेट में 6 कॉमिक्स का समावेश था, जिसमे महाबली सैंडो को छोड़कर अन्य सभी हास्य, प्रेत-खौफ़-दहशत, रहस्य रोमांच एवं जासूसी कहानियां थी. “टिंकी के कारनामे” को लिखा था हनीफ़ अजहर जी ने और संपादक थे अजय कुमार गुप्ता. भारत के कॉमिक्स इतिहास में “महा-डाइजेस्ट” का शब्द भी फोर्ट की देंन है. धीरज वर्मा जी ने फोर्ट कॉमिक्स के काफी कवर्स बनाये है जिसमे से किरदार जंगारू के लिए उन्होंने सबसे ज्यदा आर्टवर्क किया, जैसे राज कॉमिक्स में उनका “स्टेपल” (प्रधान) करैक्टर था “भेड़िया”!

फोर्ट कॉमिक्स की ये जानकारी अगर पसंद आई तो क्या करेंगे? पता है ना? शेयर करेंगे, जी बिलकुल सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म्स पर, वाट्सएप्प पर और जहाँ भी आपकी मर्ज़ी हो. आभार – कॉमिक्स बाइट!

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A passionate comics lover and an avid reader, I wanted to contribute as much as I can in this industry. Hence doing my little bit here. Cheers!

3 thoughts on “फोर्ट कॉमिक्स

  • फोर्ट कॉमिक्स की गदर पढ़ी थी हमने और इसका स्टोरी इलेस्ट्रेट करवाया दिलीप चौबे जी ने ! खैर मानना होगा कि उस वक्त भी पब्लिशर्स और कॉमिक्स क्रियेटर्स के बीच किस तरह की गहमागहमी चलती होगी जिसको सोचने से मन एक्साइटेड होता होगा !!

    • गदर एक बेमिसाल कॉमिक्स थी अपने ज़माने की.

  • Pingback: जंगारू - Comics Byte

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