ड्रा भीष्म कांटेस्ट (Draw Bheeshma Contest)
महाभारत – गंगापुत्र भीष्म (Mahabharat – Gangaputra Bheeshma)
कॉमिक्स बाइट के सभी पाठकों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयाँ. कहते है मृत्यु को कोई रोक नहीं सकता, वो अटल है. अगर जीवन है तो मृत्यु भी है, यही इस जीवन की सबसे कठोर सच्चाई है लेकिन अगर आप इतिहास टटोले तो पाएंगे की किसी ने मृत्यु को भी अपने वश में कर रखा था. उन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था और कुरुवंश के ‘देवव्रत‘, महाभारत के अति-महारथी और ‘गंगापुत्र‘ के नाम से प्रसिद्ध हम सभी उन्हें ‘भीष्म पितामह‘ के रूप में जानते है.
वह अपने समय के सबसे महान धनुर्धर और योद्धा थे और भगवान विष्णु के छठे अवतार श्री “परशुराम” द्वारा प्रशिक्षित थे. उन्हें उनके द्वारा ली गयी ‘भीष्म प्रतिज्ञा‘ के कारण भी जाना जाता है. वो कुरुवंश के राजा ‘शांतनु’ के आठवें पुत्र थे और राजगद्दी के उत्तराधिकारी भी लेकिन अपने इस दिए गए वचन के कारण वह आजीवन अविवाहित रहें और हस्तिनापुर की सेवा में कार्यरत रहें. वो कृष्णभक्त थे और धर्म की राह पर चलने वाले योद्धा थे लेकिन हस्तिनापुर की राजगद्दी को अपने दिए गए वचन के कारण वो हमेशा अधर्म के पक्ष में रहें और कई बार विरोध के बावजूद अपनी ‘प्रतिज्ञा’ के हाथों मजबूर होकर महाराज ‘धृतराष्ट्र‘ की आज्ञा का पालन करते रहें.
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महाभारत के युद्ध में भी उनके जैसा महायोद्धा और वीर कोई ना था, इनका प्रताप इतना था की स्वयं भगवान श्री कृष्ण को अपना ‘सुदर्शन’ चक्र लेकर युद्ध के मैदान पर उतरना पड़ा. भीष्म पितामह जानते थे की जब तक वो कौरवों के साथ खड़े है पांडवों का युद्ध जीतना असंभव है इसलिए धर्म की राह पर चलते हुए वो अर्जुन के बाणों से घायल हुए और युद्ध क्षेत्र पर ही बाणों की शैया पर लेट कर ‘उतरायण’ की प्रतीक्षा करने लगे.
इस दौरान महाभारत का युद्ध समाप्त होने के पश्चात् उन्होंने पांडवों को धर्मशास्त्र की शिक्षा प्रदान की और अंततः उन्होंने मोक्ष की प्राप्ति हुई. भारत के महान इतिहास में ‘महाभारत’ जैसा युद्ध ना कभी हुआ और ना कभी होगा. महाभारत धर्म के मार्ग को प्रशस्त करने की वह कुंजी है जिस पर चलकर मनुष्य एक बेहतर समाज की रचना कर सकता है.
1980 के दशक के अंत में जब टीवी भारत के घरों में अपनी पैठ बना रहा था तब श्री बी आर चोपड़ा जी के सौजन्य से भारत के लाखों पाठकों को ‘महाभारत’ को दूरदर्शन पर सजीव देखने को सौभाग्य प्राप्त हुआ. इसके प्रसारण के पश्चात ही भारत के कोने कोने में इसकी चर्चा होने लगी एवं इनके किरदार घर घर में प्रसिद्ध हो गए लेकिन सबसे ज्यादा स्नेह अगर किसी को मिला तो वह भगवान श्री कृष्ण का किरदार निभाने वाले श्री ‘नितीश भरद्वाज‘ थे एवं हम सबके प्यारे और चहेते ‘शक्तिमान‘ के रूप में कई वर्षों बाद टीवी पर नज़र आने वाले श्री ‘मुकेश खन्ना‘ जी जिन्होंने ‘गंगापुत्र भीष्म‘ का किरदार निभाया था.
श्री मुकेश खन्ना जी द्वारा निभाएं पात्रों को उनके अभिनय के कारण भरपूर प्रसिद्धि मिली, अब चाहें वो भीष्म पितामह का किरदार हो या शक्तिमान का, दर्शकों का आपर स्नेह और प्रेम जो उन्हें तब से मिल रहा है वो आज के दिन भी लगातार जारी है और इसमें कोई शक नहीं की भारत में अगर कोई अन्य अभिनेता भी इन किरदारों को कभी निभाएगा तो जाहिर है की हमें उनमें मुकेश जी की की छवि नज़र आएगी.
ड्रा भीष्म कांटेस्ट (Draw Bheeshma Contest)
“ड्रा शक्तिमान कांटेस्ट” की आपार सफलता के बाद अब नव वर्ष के उपलक्ष्य में श्री मुकेश खन्ना जी लेकर आएं है “ड्रा भीष्म कांटेस्ट“. जी हाँ जो भी मित्र, पाठक और प्रशंसक पिछली प्रतियोगिता में अपना योगदान नहीं कर पाए थे वो अब इस मौके का फायदा जरुर उठाएं और ड्रा भीष्म कांटेस्ट में अपनी प्रविष्टियाँ जरुर भेंजे.
इस बार भी आयोजकों के रूप में आपको नज़र आएंगे भारत में शक्तिमान फैन क्लब संचालित करने वाले आकार अवतार जैन जी और उनका साथ देंगी नेपाल में शक्तिमान फैन क्लब का संचालन करने वाली रेखा लामिछाने जी.
नियम और मुख्य बिंदु
- इस प्रतियोगिता में कोई भी भाग ले सकता है और प्रतिभागी बन सकता है
- आपकों यहाँ पर महाभारत के चरित्र ‘भीष्म पितामह’ का चित्र बनाना है और इसे नीचे दिए गए ईमेल पर प्रेषित करना है
- विजेताओं का चुनाव स्वयं मुकेश जी करेंगे और इसकी सूचना आपको उनके यू ट्यूब चैनल “भीष्म इंटरनेशनल” पर दी जाएगी
- प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तिथि है 15 फरवरी 2021
- विजेता या विजेताओं की घोषणा 10 मार्च 2021 को की जाएगी
- ईमेल – [email protected]
महभारत के उपर अमर चित्र कथा में संग्राहक अंक उपलब्ध है, राज चित्र कथा में भी ‘गंगापुत्र भीष्म’ नामक कॉमिक्स प्रकाशित हो चुकी है. डायमंड कॉमिक्स ने पूर्वकाल में ‘महाभारत’ के उपर कॉमिक्स का संस्करण प्रकाशित किया हुआ है और इसके अलावा भी कई अन्य प्रकाशनों में ‘इलस्ट्रेटेड’ अंक उपलब्ध है. अपने जीवन में इसे एक बार जरुर पढ़ना चाहिए या देखना चाहिए क्योंकि जीवन दर्शन की इस से बेहतर सीख फिलहाल दूर दूर तक उपलब्ध नहीं है एवं श्री कृष्ण द्वारा दिया “गीता सार” का मंत्र भी इसी में छुपा है.
मुझे उम्मीद है सभी मित्र, पाठक, महाभारत और भीष्म पितामह को पसंद करने वाले दर्शक, कॉमिक बुक आर्टिस्ट इस प्रतियोगिता में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगे और इसे “ड्रा शक्तिमान कांटेस्ट” जैसा ही सफल बनाएंगे. इस प्रतियोगिता से जुड़ी कोई भी अन्य जानकारी आप सभी लोगों से कॉमिक्स बाइट पर विशेष तौर से साझा की जाएगी. फिर देर किस बात की, प्रविष्टियाँ भेजिए!! आभार – कॉमिक्स बाइट!!
इमेज क्रेडिट्स: भीष्म इंटरनेशनल, मुकेश खन्ना जी, बी आर फिल्म्स, अमर चित्र कथा, राज कॉमिक्स, ग्राफ़िक इंडिया
Good contest
Do Participate
Yes