डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 5
Diamond Comics Vintage Ads: मित्रों का स्वागत है एक बार फिर हमारे पुराने विज्ञापन की श्रृंखला में, आज फिर देखते है डायमंड कॉमिक्स के कुछ विंटेज विज्ञापन लेकिन उससे पहले अगर आप इसके पिछले भाग पढ़ना चाहते है तो इन दिए गए लिंक्स पर क्लिक करके आप उन्हें पढ़ सकते है –
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 1
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 2
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 3
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 4
पुराने विज्ञापन श्रृंखला
आज बात करेंगे डायमंड कॉमिक्स के सबसे पहले ‘मल्टीस्टार्रर’ कॉमिक्स की जिसका नाम है “अंकुर और चाचा चौधरी का अपहरण“. मुझे करीब 10 साल पहले इसका पता चला नहीं तो डायमंड कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित ‘महासंग्राम‘ को ही मैं सबसे पहला क्रॉस-ओवर समझता था. इसके पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है लेकिन उसकी चर्चा फिर कभी, तो जैसा की नाम से ही पता चल रहा है की कंप्यूटर से भी तेज़ दिमाग वाले चाचा चौधरी का भी अपहरण हो सकता है. सुनने में अजीब लगता है पर ये घटना घट चुकी है और बात जब चाचा चौधरी की हो तो सभी नायकों को एक जुट होना ही है. कहानी बड़ी अच्छी बुनी गई है और डायमंड कॉमिक्स यूनिवर्स के लगभग सारे नायकों को आप इस कॉमिक्स में देख सकते है.
इस कॉमिक्स का मूल्य था मात्र 3 रूपए और इसे अस्सी के दौर में प्रकाशित किया गया था, बाद में इसके काफी रीप्रिंट भी आये और कॉमिक्स के नाम से ‘अंकुर’ को भी हटा दिया गया. इस सेट के अन्य कॉमिक्स थे –
- पिंकी और साबुन के बुलबुले
- लम्बू मोटू और मौत का युद्ध
- मामा-भांजा और चालक बनिया
- माटी मेरे देश की
इन सभी का मूल्य 3 रूपए 50 पैसे था. अपने देश के सैनिकों और देशवासियों का मनोबल बढ़ाने के लिए ‘माटी मेरे देश की‘ जैसी कॉमिक्स प्रकाशित करना गर्व की बात है. आज भी हमारे देश पर जब युद्ध के बादल मंडरा रहे है तो हर भारतीय का ये फ़र्ज़ बनता है की अपने देश का साथ दें, अपनी सेना का साथ दें. राष्ट्रप्रेम एक ऐसा जस्बा है जिसे हर नागरिक को अपने सीने में जला के रखना चाहिये क्योंकि ये देश है तो हम है, जय हिन्द!
इस विज्ञापन में एक खास बात और थी, डायमंड इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स का आधे पेज का विज्ञापन भी कॉमिक्स के साथ दिया हुआ था, मुझे याद है ‘रैपिडेक्स’ करके कोई पब्लिकेशन थी पर डायमंड का मुझे कोई भी अंदाजा नहीं था. यकीन नहीं होता 21 रूपए एक बड़ी कीमत थी अंग्रेजी के हिसाब से, वो भी अस्सी के दौर में.
नीचे पेश है अंकुर और चाचा चौधरी का अपहरण के वैरिएंट कवर्स.
नन्हे मुन्नों के प्यारे साथी – डायमंड कॉमिक्स
अब देखते है एक और विज्ञापन जहाँ पर ‘अंकुर और खाजने का चक्कर‘ में वो किसी खजाने की खोज में लगा हुआ है. यहाँ पर आप डायमंड कॉमिक्स की गौरवशाली परम्परा ‘युद्ध सीरीज़’ की ‘वतन की कसम‘ चित्रकथा के विज्ञापन को भी देख सकते है जिसमे हर सेट में एक नई कड़ी दिखाई जाएगीं. उसके बाद आते है ‘बिल्लू का हंगामा‘ पर, ध्यान से पढ़े की वहां क्या लिखा है – “महान कार्टूनिस्ट प्राण का ‘पराग’ से लोकप्रियता प्राप्त चरित्र बिल्लू का नया अंक”. आप लोगों को बता दूँ की ‘पराग’ एक बाल पत्रिका थी और उसमें कार्टूनिस्ट प्राण के कार्टून स्ट्रिप्स छपा करते थे, बिल्लू भी पहले वहीँ छपता था जिसे बाद में वो डायमंड कॉमिक्स के अंतर्गत कॉमिक्स प्रारूप में लेकर आये. इसके अलावा भी इस सेट में – ‘ताउजी और शकराल की राजकुमारी’ एवं राजन इक़बाल और खतरनाक मुजरिम प्रकाशित हुई थी.
कॉमिक्स बाइट आर्काइव्ज
इसके अलावा यहाँ पर आप भारत के क्रिकेट जगत के दिग्गज ‘लिटिल मास्टर’ और ‘हरयाणा हरिकेन’ की किताबों को भी देख सकते है. जहाँ श्री सुनील गावस्कर जी की क्रिकेट सम्राट कहा गया है वहीँ श्री कपिल देव जी को युवा ह्रदय सम्राट से नवाज़ा गया है. सुनील जी की सचित्र जीवनी अप टू डेट आंकड़ों के साथ, दूसरी ओर कपिल पाजी का एक रंगीन ‘क्लोज़प’ फ्री. दोनों किताबों को मूल्य 4 रूपए था.
अंकुर बाल बुक क्लब के मेम्बर्स को भी ये बताया गया की उन्हें मेम्बर बनने के बाद फ्री स्टिकर्स प्रदान किये जायेंगे और इस विज्ञापन की एक अन्य खास बात ये थी यहाँ पर डायमंड पब्लिकेशन द्वारा प्रस्तुत बाल उपन्यास की भी जानकारी आपसे साझा की गई थी. इसके लेखक थे ‘राजीव’ और इनका मूल्य था 2 रूपए. नीचे दिये गए हैं उनके द्वारा रचित इस सेट के नये बाल उपन्यास –
- चाचा भतीजा और मनहूस खज़ाना
- फौलादी सिंह और उपग्रह ए वन
- फौलादी सिंह और रेड बॉस की टक्कर
- महाबली शाका और खूनी जनरल
डायमंड कॉमिक्स
साभार: दुर्लभ कॉमिक्स कवर
नीचे पेश है राजीव के बाल उपन्यास की एक झलक – लम्बू मोटू सीरीज
डायमंड कॉमिक्स खरीदने के लिए – Hello Book Mine पोर्टल पर विजिट जरूर करें, आभार – कॉमिक्स बाइट!!