डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 4
Diamond Comics Vintage Ads: मित्रों का स्वागत है एक बार फिर हमारे पुराने विज्ञापन की श्रृंखला में, आज फिर देखते है डायमंड कॉमिक्स के कुछ विंटेज मार्केटिंग के विज्ञापन लेकिन उससे पहले अगर आप इसके पिछले भाग पढ़ना चाहते है तो इन दिए गए लिंक्स पर क्लिक करके आप उन्हें पढ़ सकते है –
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 1
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 2
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 3
आज बात करेंगे कई डायमंड कॉमिक्स की जिसमें से एक है उनका 100 वां अंक जहाँ ‘राका’ का आगमन हुआ था. ये डायमंड कॉमिक्स का गौरवशाली 100 वां अंक था और इसकी संख्या D-100 थी, कुल पृष्ठ संख्या भी 62 थी. जैसा की विज्ञापन में लिखा था –
“मौत ने भी घुटने टेक दिए, उसके जुल्मों से विश्व के सारे राष्ट्र कांप उठे. जब सारे देश राका के अत्याचारों को रोक ना सके तब संयुक्त राष्ट्र संघ ने चाचा चौधरी को राका से मनुष्य जाती को बचाने का कार्य सौंपा. राका मर नहीं सकता – चाचा चौधरी को निर्दोष लोगों की हत्याएं रोकना है. प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट प्राण की एक अजीबोगरीब और दिलचस्प कॉमिक्स. जिसमें कंप्यूटर से भी तेज़ दिमाग वाले चाचा चौधरी और जुपिटर के साबू के साथ आ रहा है एक बिलकुल नया करैक्टर – राका”.
यहाँ विज्ञापन पे ये भी लिखा है की ये अंक उस समय अप्रकाशित था और इसका मूल्य ५ रूपए था. विज्ञापन में चाचा चौधरी, साबू और राका, इन तीनों किरदार को देखा जा सकता है. राका कॉमिक्स जगत के अपराधियों का बेताज बादशाह है उसके बारे में और जानने के लिए पढ़े – राका!
इसके अलावा भी सेट में काफी सारे कॉमिक्स थे –
- फौलादी सिंह और विनाश के पुजारी
- लम्बू मोटू और धरती का संग्राम
- अंकुर और हांथी का अंडा
- अब वतन आजाद है
गौर करने लायक बात ये भी है की अंकुर को बाल मासिक पत्रिका कहा गया वो भी बच्चों की, शायद इसलिए इसमें कई कहानियों का समावेश होता था, दूसरी तरफ देशभक्ति से ओत प्रोत ‘अब वतन आज़ाद है’ नामक कॉमिक्स जो शायद नये शुरू हुए डायमंड कॉमिक्स युद्ध श्रृंखला की दूसरी कड़ी थी.
ऑफटॉपिक
यहाँ पर मैं एक बात यह भी कहना चाहूँगा की आज देश में जब मादा ‘हांथी’ के मुहं में ‘अनानास’ में बम पटाखें भर कर उसे मौत के मुंह में ढकेल देते है वहीँ दूसरी ओर “अंकुर और हांथी का अंडा” जैसी कॉमिक्स में हमें उन्हें अच्छे से समझने का मौका भी मिलता है और जानवरों के लिए मन में सम्मान और श्रद्धा भी रहती है. टीवी, मोबाइल और आजकल नए नए OTT प्लेटफॉर्म्स पर कुछ भी दिखाया जा रहा है और लोग उसे चटखारे लेकर देख भी रहे है, ऐसे में कॉमिक्स से गुरेज क्यों? काश उन आदमखोरों ने ये पढ़ा होता तो शायद वो मादा हांथी और उसका बच्चा आज जीवित होते.
“अब वतन आज़ाद है” जैसे देशप्रेम से भरपूर कहानियों के द्वारा आप अपने बच्चों एवं बड़ो को देश का सच्चा सिपाही बनने के लिए प्रेरित कर सकते है. एक सच्चा देशभक्त – जो बॉर्डर पे खड़े हो कर दुश्मनों के दांत तो खट्टे करे ही और साथ में एक सभ्य नागरिक जो इस देश को अपना समझे, यहाँ के लोगों को अपना समझे, किसी प्रकार की हिंसा-अपराध में लिप्त ना रहे, आगजनी-दंगे-लूटपाट में शामिल ना हो. देश को बेचने/तोड़ने का भ्रम पाल के ना बैठे क्योंकि उन्हें पता नहीं है की हमने तो बचपन से ऐसी किताबें पढ़ रखी है और लोगों को ‘मुंहतोड़’ जवाब देना हम कॉमिक्स प्रेमियों को बखूबी आता है. जो कॉमिक्स पढ़ता है वो कभी गलत पक्ष का साथ कभी नहीं देगा और अगर वो दे रहा होगा तो उसे कॉमिक्स प्रेमी कहना ही गलत होगा, ऐसे ही कुछ लोग पायरेसी में भी शामिल है जो की साइबर अपराध की श्रेणी में ही आता है एवं इंडस्ट्री इससे काफी नुक्सान भी हुआ है, लेकिन कॉमिक्स प्रेमी भी जुझारू है और अपना जुनून बर्करार रखे हुए है. इस बात सबूत है ‘आउट ऑफ़ स्टॉक’ होती किताबें जो के बहोत बढ़िया संकेत है ‘नई और पुरानी’ कॉमिक्स पब्लिकेशन के लिए.
यहाँ पर एक सेट की जानकारी और देना चाहूँगा जिनमें कुल ५ कॉमिक्स प्रकाशित हुयी थी –
- पिंकी और मुफ़्त के बेर
- राजन इकबाल और काले शैतान
- मामा भांजा और जादुई तालाब
- लहू मांगे इंसाफ
- अंकुर और नागद्वीप का खज़ाना
यहाँ पर आप देखेंगे और उपर दिए गए विज्ञापन में भी की अंकुर की कॉमिक्स का मूल्य दूसरों की तुलना में .50 पैसे कम है जो उस समय बड़ी बात थी. शायद ‘अंकुर’ उस समय नया किरदार था जिसे कॉमिक्स पाठकों के बीच अपनी पैठ बनानी थी. खैर बात कोई भी हो लेकिन भारत का कॉमिक्स जगत ऐसे बहुमूल्य कॉमिक्सों और उनके बेहतरीन योगदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा. आप डायमंड कॉमिक्स नीचे दिए गए ‘लिंक्स’ पर जाकर खरीद सकते है और कई रिप्रिंट अभी भी वहां उपलब्ध है.
पेश है नीचे न्यूट्रीन गुलाब जामुन मिक्स का एक पुराना विज्ञापन, अब असली पता नहीं कब मिलेंगे, तो घर में ही बनाने पड़ेंगे. शायद ये ना मिले तो कोई और मगर स्वदेशी प्रोडक्ट ट्राई कर लीजियेगा, आभार – कॉमिक्स बाइट!
साभार: कॉमिक्स बाइट आर्काइव्स