कॉमिक्स समीक्षा: तिलिस्मा – भोकाल – राज कॉमिक्स – (Comics Review – Tilisma – Bhokal – Raj Comics)
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मित्रों आज बात करेंगे राज कॉमिक्स के ऐसे किरदार की जिसने पाठकों का पिछले कई दशकों से भरपूर मनोरंजन किया हैं। माननीय संजय गुप्ता जी के दिमाग की उपज, कदम स्टूडियोज के आर्टवर्क से सजा, महागुरु के आशीर्वाद से फलीभूत, पुरातन काल का महाबली, मित्रों के लिए शीश कटाने वाला, अपने कर्मो के लिए प्राणों की आहुति देने वाला, जिसने महारावण जैसे पापी का सर्वनाश किया, जिसकी मदद को स्वयं हनुमानजी आए और उसका पग पग में साथ दिया, वो और कोई नहीं बल्कि उस सदी का महानतम महायोद्धा, तंत्र और तलवार का धनी – “भोकाल” कहलाया!!
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पढ़ें भोकाल शादी श्रृंखला की पूर्व प्रकाशित कॉमिकों की समीक्षा:
- कॉमिक्स समीक्षा: शादी नहीं होगी – भोकाल – राज कॉमिक्स – (Comics Review – Shadi Nahi Hogi – Bhokal – Raj Comics)
- राज कॉमिक्स समीक्षा: बुद्धिपासा – युद्ध श्रृंखला – भोकाल (Raj Comics Review: Buddhipaasa – Yuddh Series – Bhokal)
तिलिस्मा – भोकाल – राज कॉमिक्स रिव्यु – (Tilisma – Bhokal – Raj Comics Review)
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भोकाल की शादी तुरीन के साथ हो चुकी है और भोकाल सभी अतिथियों को विकासनगर से विदा कर अपने दाम्पत्य जीवन में व्यस्त हो चुका है। भोकाल को कई बार विकासनगर के साथ-साथ खुद की सुरक्षा का दायित्व भी उठाना पड़ता है और उसमें ज़रा सी भी चूक घातक साबित हो सकती है, जिसके हजारों दुश्मन हों उसे तो हमेशा सतर्क रहना चाहिए और उसके मित्रों को भी जिन्होंने कदम-कदम पर उसके साथ उन मुसीबतों से लोहा लिया हो। लेकिन अपनी शादी के बाद किसे अंदेशा होगा की उसके साथ कुछ गड़बड़ होने वाला है? बिलकुल! और इसी क्षण के शायद इंतज़ार में था उसका कोई विरोधी, जो उसके घर को ही बनाएगा उसके मित्रों के साथ ‘भोकाल’ के भी अंत का कारण, जिसका नाम है – ‘तिलिस्मा‘।
कहानी (Story)
विकासनगर में खुशी की ज्योत हर ओर दिखाई पड़ रही है। भोकाल की शादी को कुछ दिन बीत चुके है पर विकासनगर में दीप हर घर में प्रज्वलित होकर अपना प्रकाश पूरे राज्य में फैला रहे है। कहते है “दिया तले अँधेरा होता है” और यह बात विकासनगर को भी बहुत जल्द समझ आने वाली थी क्योंकि एक अँधेरी कोठरी में चल रही थी’ एक गुप्त सभा, जहाँ एक रहस्यमय शख्स खुद को विकासनगर का उत्तराधिकारी घोषित कर रहा था एवं इस बात से अंजान भोकाल और उसके मित्र तिलिस्मा में ‘चौसर’ खेलने में व्यस्त थे। रात्रि के दूसरे पहर में शूतान, अतिक्रूर और भोकाल उठ कर अपने-अपने कक्ष में बढ़ चले। लड़ाकी अपने कक्ष में शूतान के बारे में सोच रही थी कि कैसे वो एक खूंखार दरिंदे से बच कर शूतान के पास पहुंची थी और कब वह उससे आधिकारिक रूप से विवाह के बंधनों में बंधेगा। कुछ ऐसा ही वेणु के मन में चल रहा था, पीकू पकोड़िया भी अपने कक्ष में स्थापित पुतलों को देखकर डर रही थी तो वहीँ तुरीन अपने स्वप्न में दो मुखी सर्पों को देखकर डर के मारे उठ कर बैठ चुकी थी। अचानक ही इन सभी के स्वप्न जैसे सच हो उठे और भोकाल के साथ उसके सभी मित्रों को जूझना पड़ा खरतनाक मुसीबतों से जिसका जनक था – ‘तिलिस्मा’। पर क्यों? कौन था इसके पीछे? विकासनगर का यह नया स्वयंभू राजा कौन था? जवाब मिलेंगे ‘राज कॉमिक्स’ द्वारा प्रस्तुत तिलिस्मा कॉमिक्स के पृष्ठों पर!
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टीम (Team)
भोकाल और वर्ष 1996, आगे कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं है। गजब की कहानियां, आर्टवर्क और आवरण, राज कॉमिक्स की बेहतरीन टीम का सहरानीय कार्य। इस कॉमिक्स के लेखक हैं श्री संजय गुप्ता, चित्र हैं कदम स्टूडियोज के और इसके संपादक हैं श्री मनीष गुप्ता। कॉमिक्स के पृष्ठों पर दिलीप कदम जी के आर्टवर्क बहुत ही जबरदस्त है। कॉमिक्स के आवरण के भी क्या ही कहने! ‘भोकाल’ का दो मुहं वाले भयानक सर्पों से टकराव और पीछे एक रहस्मय परछाई जो उन्हें अपने इशारों पर नचा रहा है। आज के नए कलाकारों को इन दिग्गजों से सीखने की ज़रूरत है, सीक्वेंशियल आर्ट में एक्सप्रेशन कितना महत्व रखते है वो इन कॉमिक्स को देखकर समझा जा सकता है। कदम स्टूडियोज को इस शानदार आर्टवर्क के लिए साधुवाद।
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संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : राज कॉमिक्स (Raj Comics)
पेज : 30
पेपर : मैट/ग्लॉसी मिक्स
मूल्य : 80/- रुपये (हिंदी)
कहां से खरीदें : राज कॉमिक्स यूनिवर्स (Raj Comics Universe)
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निष्कर्ष (Conclusion)
विकासनगर कभी बाहरी और अंदरूनी शक्तियों से खुद का बचाव कर रहा है, राजा विकासमोहन की मृत्यु के बाद हीरों जड़ित नगरी के सुरक्षा का जिम्मा अब भोकाल और उसके सहयोगियों के भरोसे है। क्या भोकाल इन चुनौतियों से निबट पाएगा? या बनेगा कभी वो भी किसी छल का शिकार? कहानी जारी रहेगी अगले अंकों में! तिलिस्मा किसी श्रृंखला का भाग नहीं है, इसे आप एक वन शॉट कहानी कह सकते है पर भोकाल के जीवन से जुड़ रहे किरदार आगे के अंकों में भी दिखाई पड़ेंगे। तिलिस्मा की पूरी शक्तियां तो भोकाल को भी पता नहीं है, तो क्या वो और उसके मित्र इस अनजान ताकत से टकरा सके? जानने के पढ़े भोकाल सीरीज की शानदार कॉमिक्स “तिलिस्मा”। भोकाल के प्रशंसकों के लिए एक बेहतरीन कहानी और कदम स्टूडियोज का जबरदस्त चित्रांकन, इस कॉमिक्स को पाठकों के संग्रह में जरुर होना चाहिए। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
Raj Comics By Sanjay Gupta | Trikaal Series Set
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