कॉमिक्स समीक्षा – शीलभंग – नागराज (राज काॅमिक्स बाय मनोज गुप्ता) – (Comics Review – Sheelbhang – Nagraj – Raj Comics By Manoj Gupta)
नागद्वीप से अपने सपनों में लगातार दिखने वाले मंदिरों की तलाश में निकल पड़ता है नागराज और इस खोज में उसे टकराना पड़ता है अपराध जगत के कई धुरंधरों से एवं साथ ही अपने परिवार के सबसे दुष्ट रिश्तेदार ‘नागपाशा’ से। अभूतपूर्व ‘खजाना’ श्रृंखला के बाद नींव पड़ी “विश्वरक्षक नागराज” (Vishwarakshak Nagraj) के आधार की जो वर्षों तक कायम रही जब तक वह ड्रैगन किंग से ना टकरा गया। मानवता का रक्षक विश्वरक्षक नागराज इस दुष्कर पथ पर महानगर के माफिया सरगनाओं से लेकर देवताओं तक से टकराता दिखा और अपने जान की परवाह किए बिना इंसानों का संरक्षक बना रहा। अब एक बार फिर कई वर्षों के अंतराल के बाद उसकी वापसी हुई है और इस बार उसका टकराव है पाताल लोक के इच्छाधारी सर्प तौसी से जिसकी कथा अभी भी जारी हैं। उसके बाद की कथा हैं नागराज की ‘शीलभंग श्रृंखला’ (Sheelbhang Series) जहाँ ‘नागराज का टकराव होगा खुद नागराज’ से और इस द्वंद का परिणाम निश्चित करेगा उसका भविष्य!!!
शीलभंग – नागराज (राज काॅमिक्स बाय मनोज गुप्ता) – (Sheelbhang – Nagraj – Raj Comics By Manoj Gupta)
अपने आतंकवाद के उन्मूलन वाले सफ़र में नागराज ने कई प्रतिद्वंदियों को धूल चटाई हैं, कई माफ़िया सरगनाओं के साम्राज्य को जमिंदोंज़ कर दिया हैं। क्रूर और खतरनाक खलनायकों एवं एलियनों से हमेशा पृथ्वी, भारत और अपने कार्यक्षेत्र महानगर को बचाया हैं। नागराज की सबसे बड़ी खासियत उसका कभी ना हार ना मानने वाला ज़स्बा हैं जो ‘अंगद के पाँव’ की तरह अडिग हैं। पर क्या हो अगर उसके इस हौंसले को तोड़ दिया जाए? उसे मानवता के रक्षक के रूप में ना जानकार एक अपराधी की नजरों से देखा जाए? जब मर्यादा के उपर भारी पड़ जाएँ शक्तियाँ और नागराज का उस पर कोई काबू ना रहें, तब यही होगा उसके लिए सबसे बड़ा ‘शीलभंग’ (Sheelbhang)!!
कहानी (Story)
कहानी महानगर में 12 वर्ष पूर्व में शरू होती हैं। एक अंजन शख़्स किसी अबोध बच्चे को वेदाचार्य भविष्य धाम में चौखट पर छोड़ कर चला जाता हैं, मौसम भी इस बात गवाही दे रहा होता हैं कि जो कुछ भी घट रहा हैं वो सामान्य से कुछ अलग हैं। महानगर ‘नागराज’ का शहर हैं जो उसका तात्कालीन कार्यक्षेत्र भी हैं, उस बच्चे को नागराज अपने साथ वेदाचार्य धाम ले आता हैं और उसके माता पिता की खोजबीन भारती कम्युनिकेशन के’ माध्यम से शुरू की जाती हैं। दादा वेदाचार्य को उस बच्चें में एक रहस्य दिखाई पड़ता हैं लेकिन उसका पता वो किसी को चलने नहीं देते और नागराज से उस बच्चे का जुड़ाव दिन-प्रतिदिन बढ़ता रहता हैं। दूसरी ओर वर्तमान में ‘स्नेक आई सिक्यूरिटी एजेंसी’ वित्तीय संकट से गुजर रही हैं, नागू, सौडांगी और शीतनागकुमार उसे बचाने में लगे हुए हैं और इसी दौरान उन्हें ‘महानगर एटॉमिक पॉवर प्लांट’ के एक बड़े कार्य के लिए बुलाया जाता हैं। नागराज भी महानगर छोड़ कर जा चुका हैं और कहीं जंगलों में अपना गुजर-बसर कर रहा हैं। अब कहानी में प्रवेश होता होता हैं ‘नाज्ञा’ नाम की बच्ची का जो नागराज को ढूँढकर उससे एक कार्य करवाना चाहती हैं। पर नागराज ने ऐसा क्यूँ किया? ये नाज्ञा कौन हैं? उस बच्चे का क्या हुआ? आगे क्या होता हैं यह तो आप ‘शीलभंग’ पढ़कर ही जान पाएंगे।
टीम (Team)
इस कॉमिक्स के लेखक हैं श्री नितिन मिश्रा और चित्रकार है श्री अनुपम सिन्हा, इस कॉमिक्स का संपादन किया है श्री मनोज गुप्ता ने। स्यहिकार हैं श्री विनोद कुमार, श्री प्रेम गुणावत और श्री रतिन सरोहा ने, रंग-सज्जा की है श्री मोहन प्रभु ने, सुलेख हैं श्री नितिश शर्मा जी द्वारा और इसमें विशेष सहयोग किया हैं प्रबंध संपादक श्रीमती मीनू गुप्ता जी एवं स्टूडियो हेड श्री आयुष गुप्ता जी ने। आवरण पर कार्य किया है अनुपम जी ने और श्री जगदीश कुमार ने, रंग हैं ईशान त्रिवेदी जी के। कॉमिक्स का आवरण बड़ा अच्छा हैं और चित्र भी बेहद सुंदर बनें हैं, कहानी भी काफी कसावट से लिखी गई हैं और राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता इस अंक के बाद अनुपम जी से इसके आगे की कहानी जारी करवाएंगे।
संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता (पिनव्हील पब्लिकेशन)
पेज : 48
पेपर : मैट ग्लॉसी
मूल्य : 249/-
भाषा : हिंदी
कहां से खरीदें : अमेज़न
निष्कर्ष (Conclusion)
विश्वरक्षक नागराज ने एक राज कॉमिक्स का एक पूरा दौर अपने कंधों पर संभाला हैं। अग्रज, मृत्युदंड और त्रिफिना श्रृंखला तो बस कुछ नाम भर हैं और वही दौर एक बार फिर से पाठकों को ‘शीलभंग’ श्रृंखला में दिखाई पड़ेगा। अनुपम जी और विनोद जी की शनदार जोड़ी का बेहतरीन कार्य आपको यहाँ भी देखने मिलेगा हालाँकि कई इंकर्स होने के कारण एक निरंतरता का आभाव कॉमिक्स के पृष्ठों में नज़र आता हैं। नितिन जी की कहनी काफी अच्छी हैं और पात्रों को दर्शाने सफल होती हैं, अनुपम जी कार्य भी लाजवाब हैं। राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता की टीम ने बेहद सराहनीय कार्य किया हैं। इस कॉमिक्स को जरुर अपने संग्रह में जोड़े और पढ़ें भी क्योंकि हो सकता हैं यह विश्वरक्षक नागराज की आखिरी गाथा हो! आभार – कॉमिक्स बाइट!!
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