छुटकी और शॉपकीपर – गार्बेज बिन – कॉमिक्स अड्डा (Chutki Aur Shopkeeper – Garbage Bin – Comics Adda)
गार्बेज बिन, कॉमिक्स अड्डा और गौरव गेरा लेकर आएं है छुटकी के चुलबुले कारनामें अब कॉमिक्स में! (Garbage Bin, Comics Adda and Gaurav Gera bring Chutki’s playful adventures now in comics!)
मित्रों, अभिनेता गौरव गेरा से भला कौन परिचित नहीं होगा। सोनी टीवी पर प्रसारित धारावाहिक ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ से वह भारत के घरों और लोगों के मध्य अपनी पहचान एवं प्रसिद्धि बनाने में सफल हुए, इसके बाद उन्हें कई अन्य शोज़ और सीरियल्स में हास्य भूमिकाओं में देखा गया। उन्होंने बॉलीवुड के कई फिल्मों में भी अभिनय किया है और यूट्यूब पर उनके अधिकारिक चैनल पर उनका निभाया एक हास्य का पात्र बेहद लोकप्रिय है जिसका नाम है ‘छुटकी’। वो अक्सर इस पात्र के रूप में अपने दर्शकों से मुखातिब होते है जिसका मकसद आजकल लोगों के व्यस्त और गंभीर हो चुके जीवन शैली में हंसी का एक मौका देना भी रहा है। वो ‘कॉमेडी नाइट्स विथ कपिल’ में दुलारी के किरदार में नजर आ चुके है जो छुटकी से काफी मिलता-जुलता नजर आता है। छुटकी के पात्र में निभाए गए उनके ‘स्किट्स’ सोशल मीडिया और अन्य हैंडल्स पर वायरल भी हुए जिससे इस पात्र ने अपना एक प्रशंसक वर्ग स्थापित किया। गौरव जी अपने इसी किरदार को लेकर आएं है कॉमिक्स के प्रारूप में जिसका नाम है “छुटकी और शॉपकीपर” (Chutki Aur Shopkeeper), जिसमें उनका सहयोग दिया है गार्बेज बिन और कॉमिक्स अड्डा जैसे कॉमिक्स जगत के स्थापित नामों ने। इसे इसी वर्ष कॉमिक कॉन में पाठकों के मध्य रिलीज़ किया गया है और वहां पर इस कॉमिक ने पाठकों से काफी प्रशंसा भी बटोरी थी। अब ये कॉमिक्स अड्डा पोर्टल के साथ-साथ यह अन्य पुस्तक विक्रेताओं के पास भी उपलब्ध है।
‘छुटकी’ के रचियता और कांसेप्ट को लेकर आएं है स्वयं गौरव जी, जिसे कहानी में संवारा है कॉमिक्स जगत के दिग्गज लेखक श्री तरुण कुमार वाही जी ने और इसे चित्रों से जीवन प्रदान किया है कॉमिक्स जगत के वेटरन कॉमिक बुक आर्टिस्ट श्री हुसैन जामिन ज़ैदी जी ने। कॉमिक्स में 32 पृष्ठ है और इसका मूल्य रखा गया है 199/- रुपये। हनुमान चालीसा ‘सचित्र’, अंतरिक्ष की बिल्ली के बाद कॉमिक्स अड्डा के द्वारा प्रकाशित यह तीसरी कॉमिक्स है जो परिवार के हर सदस्य का मनोरंजन कर सकती है। कॉमिक्स में कई पात्र है जो अंत में जाकर एक मोड़ पर टकराते है एवं हास्य के साथ एक कहानी को एक ट्विस्ट भी प्रदान करते है। हुसैन जी का आर्ट आपको उनके मधु-मुस्कान और मनोज कॉमिक्स के दौर की क्लासिक झलक देता है जो नब्बें के पाठकों को ज़रूर पसंद आएगा।
कॉमिक्स के अंत में कॉमिक्स अड्डा के निर्देशक श्री नीलेश मकवाणे जी और गुड्डू का एक शानदार कार्टून पेज भी गार्बेज बिन द्वारा साझा किया गया है जो आपको जरुर हंसा देगा। आजकल वैसे भी हिंदी कॉमिक्स में हास्य पात्र बेहद कम देखने को मिलते है, छुटकी का किरदार इसी कमी को पूरा करता है और आपको हंसाने एवं गुदगुदाने में ज़रूर कामयाब होता है। अगर आपने अभी तक इसे आर्डर नहीं किया है तो आज ही कॉमिक्स अड्डा से मंगवाए और छुटकी के चुलबुले कारनामों में खो जाएं, आभार कॉमिक्स बाइट!!
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