देवगण – परम्परा कॉमिक्स (Devgan – Parampara Comics)
देवगण (Devgan) का अर्थ होता है देव समूह या देवता का अनुचर. अंग्रेजी में इसे भगवान का दर्जा भी दिया जाता है जिसे आप सब ‘गॉड’ कहते है. परम्परा कॉमिक्स (Parampara Comics) के पहले नायकों में से एक जिसने ‘खतरों के खिलाड़ी’ नामक कॉमिक्स में अपना पदार्पण किया. परम्परा कॉमिक्स में कई नायक हुए जिसमें मुख्य थे फौजी काका, कीमती लाल, शक्तिमान और देवगण. आज हम बात करेंगे देवगण के बारें में और पढेंगे उसका करैक्टर बायो.
परम्परा कॉमिक्स के बारें में जानने के लिए पढ़े हमारा विशेष लेख – परम्परा कॉमिक्स
पात्र परिचय
देवगण एक वीर युवा और देशभक्त नौजवान है. देश को अलगाववाद, आतंकवाद, शत्रु राष्ट्र की कारस्तानियों, भटके हुए युवाओं की परेशानियों, धूर्त नेताओं के षड्यंत्रों को नाकाम करना ही उसका एक मात्र लक्ष्य है. वो अक्सर पुलिस की मदद करता और कार्य पूरा होने के बाद वहां से गायब हो जाता. अपराधियों का काल और बदमाशों का सजा देने वाला नायक है देवगण.
शैतान अकसर देवगण का नाम सुनकर घबरा जाते, बिलकुल एक छलावे जैसा किरदार था देवगण का. कंधों पर लबादा डाले और फुर्ती में चीते को भी मात देने वाले की पहली कॉमिक्स थी ‘खतरों के खिलाडी’. इस कॉमिक्स की संख्या थी #101 एवं इस का मूल्य था 7 रुपये.
पब्लिकेशन: परम्परा कॉमिक्स / परम्परा ऑफसेट प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड
नाम: देवगण
गुरु: प्रोफेसर दिवाकर
कार्यक्षेत्र: भारत
कर्म: देश के दुश्मनों का काल
परिवार एवं दोस्त: आई जी चटर्जी और प्रोफेसर दिवाकर
साथी: तिजांगी
उपनाम: खतरों का खिलाड़ी
ताकत –
- देवगण बेहद फुर्तीला है और अपराधी अक्सर उसकी फुर्ती से मात खा जाते है.
- देवगण हथियार इस्तेमाल करता है, उसके पास एक पर्सनल रिवाल्वर भी है एवं वो अपराधियों के हथियार इस्तेमाल करने से भी नहीं हिचकता है.
- देवगण के पास प्रोफेसर दिवाकर द्वारा बनाएं गए स्पेशल सूट को पहन कर उड़ सकने की क्षमता भी है.
- मार्शल आर्ट्स, कराटे एवं कुंग फूं में देवगण का कोई सानी नहीं है.
- देवगण योग का ज्ञाता है और प्राणायाम एवं अन्य साधनाओं से उसे उसकी शक्तियां प्राप्त होती है.
तथ्य –
- गोलियां देवगण को छू भी नहीं सकती, वो एक छलावा है.
- जिन घटनाओं का समाधान पुलिस नहीं कर पाती उसे अकसर देवगण हल करता है.
- प्रोफेसर दिवाकर देवगण की विज्ञान के साहारे मदद करते है, उड़ने वाला सूट भी उन्हीं की कृपा है.
- आई जी चटर्जी को देवगण ‘अंकल’ कहता है, वो देवगण को फ़ोन कर कई बार सूचना देकर बुला लेते है.
- देवगण के पास एक मोटर-साइकिल भी है जिसे वो अकसर क्राइम फाइटिंग में इस्तेमाल करता है.
- देवगण ‘सम्म्होन’ का जानकार भी है.
टीम
परम्परा कॉमिक्स के संपादक थे श्री अजय पलाहा जी और देशभक्ति और जबरदस्त हौसलें से भरपूर इन कहानियों ने कॉमिक्स पाठकों का कुछ साल तक मनोरंजन भी किया एवं समाज को देश के प्रति सम्मान का एक भाव भी प्रदान किया. इसे लेखक श्री जे पी आज़ाद जी लिखा करते थे पर बीच बीच हमें श्री हनीफ़ अजहर जी का नाम भी दिख जाता है.
चित्रकारी किया करते थे श्री जौन और योगी जी की जोड़ी एवं एक आध कॉमिक्स में स्टूडियो कॉनवे का नाम भी है. कॉमिक्स के आवरण पर भी श्री जौन और योगी जी जोड़ी ही कार्य करती थी पर यहाँ भी श्री लाल कृष्ण वर्मा जी का बेमिसाल आर्टवर्क कई कॉमिकों में देखा जा सकता है.
उम्मीद है हमारे पाठकों को देवगण का करैक्टर बायो पसंद आया होगा, फिर मिलेंगे किसी अन्य कॉमिक्स के नायक या नायिका के साथ, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
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