बांकेलाल और तिलिस्मदेव – विंटेज राज कॉमिक्स विज्ञापन (Bankelal and Tilismdev – Vintage Raj Comics Advertisement)
कॉमिक्स के विंटेज विज्ञापन – राज कॉमिक्स में पहली बार बांकेलाल और तिलिस्मदेव एक साथ! (Vintage Advertisements of Comics – Bankelal and Tilismdev together for the first time in Raj Comics!)
मित्रों राज कॉमिक्स के विशेषांक की शुरुवात भी एक ‘टू इन वन’ कॉमिक्स ‘नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव’ से हुई थी और उसके बाद उनका दूसरा विशेषांक था सुपर कमांडो ध्रुव की ‘ग्रैंड मास्टर रोबो’। दोनों ही कॉमिक्स ने अपने समय में जो आग लगाई थी उसका अंदाजा आज आप लोग नए ‘आई फ़ोन’ के वर्शन के लिए किसी ‘एप्पल’ की दुकान के बाहर लगी लाइन को देखकर लगा सकते है। हम साक्षी है उस दीवानेपन के जिसे आजकल के बच्चे ‘एड्रलिन रश’ कहते है, इन नए कॉमिक्स को हाँथ लगा पाना बिलकुल भी आसान नहीं था। किसी पुस्तक या कॉमिक्स विक्रेता के यहाँ बार-बार चक्कर लगाना और नए प्रकाशित अंकों के बारे में जानकारी लेना नब्बें के पाठकों का अनोखा शगल था। लेकिन इन नए अंकों की जानकारी पाठकों को आखिरकार मिलती कहाँ से थीं? इसका सीधा जवाब तो पुराने प्रकाशित सेट्स में कॉमिक्स के पीछे छपे विज्ञापन होते थे और ऐसा ही एक विज्ञापन छापा गया था राज कॉमिक्स विशेषांक के तीसरे अंक के लिए जहाँ पहली बार एक साथ नजर आए थे ‘बांकेलाल और तिलिस्मदेव’ (Bankelal Aur Tilismdev)।
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इस विज्ञापन को राज कॉमिक्स के एक प्रख्यात आर्टिस्ट श्री जगदीश कुमार के द्वारा कुछ वर्ष पहले साझा किया गया था। बांकेलाल के कॉमिक्स की तरह ही यह विज्ञापन भी उतना ही चुलबुला है, एक ओर जहाँ तिलिस्मदेव भगवान भोलेनाथ की भक्ति में रमे हुए है वहीँ दूसरी ओर अपना ‘बांके’ तिलिस्मदेव की प्रसिद्धि से जल-भुन कर उनका तप ख़राब करने की फ़िराक में लगा हुआ है। यह कॉमिक्स अपने समय का एक क्लासिक टू इन वन राज कॉमिक्स विशेषांक था जिसे आज भी पाठकों की मांग पर रीप्रिंट किया जाता है।
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अगर आप कॉमिक्स के आवरण को ध्यान से देखें तो पाएंगे की इस कॉमिक्स के साथ भी उस समय एक स्टैंडी मुफ्त दी जा रही थी हालाँकि विज्ञापन देखने से पता चलता है कि इसके साथ बांकेलाल के ‘फेस मास्क या मुखौटा’ को मुफ्त देने की घोषणा कि गई थी। राज कॉमिक्स अक्सर ऐसे बदलाव पहले भी किया करती थी और आज भी कई बार इसे दोहराते नजर आती है। इस विशेषांक की एक खास बात यह भी थी की इसके लिए एक और विशेष आवरण बनाया गया था लेकिन ‘फाइनल प्रिंट’ में वह अपनी जगह बनाने में नाकाम रहा जिसे कदम स्टूडियोज ने बनाया था। इसे आप लोग कॉमिक बुक क्रिएटर श्री अलोक शर्मा के ट्विटर अकाउंट पर भी देख सकते है जिसे कई वर्षों पहले साझा किया गया था।
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क्रॉसओवर इवेंट तो आज भी होते है लेकिन उस दौर में कुछ ऐसा देखना और पढ़ना वो भी अपने काल के दो अलग-अलग शैली के नायकों को लेकर, भाई कमाल ही कहा जाएगा जिसके लिए राज कॉमिक्स की सम्पूर्ण टीम बधाई की पात्र है। क्या आपने बांकेलाल और तिलिस्मदेव कॉमिक्स पढ़ी है? हमें अपने कमेंट्स में ज़रूर बताएं, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
Raj Comics | Bankelal Comics Collection | Set of 8 Origin Comics
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