बहादुर
हिंदी में बहादुर का अर्थ होता है साहसी, निडर, बेखौफ़ वीर, जो किसी से भय नहीं खाता. भारत में इंद्रजाल कॉमिक्स की स्थापना सन 1964 में हुई जो की 1990 तक जारी रही, इंद्रजाल कॉमिक्स में वेताल(फैंटम), फ़्लैश गोर्डन, मेंड्रैक, रिप किर्बी एवं दुसरे किरदारों का बोलबाला था, लेकिन बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी और टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने आबिद सुरती जी से बाकायदा गुजारिश की वह इंद्रजाल के लिए कोई देसी करैक्टर बनाये, हालाँकि जैसा मुझे पता चला की आबिद जी ने “बहादुर” का निर्माण काफी पहले ही कर लिया था लेकिन वो इसे इंद्रजाल के साथ बनाने को तैयार हो गए और उन्होंने सन 1976 को आखिरकार कॉमिक्स प्रेमियों को बहादुर से मुखातिब करवाया.
आबिद जी के अनुसार उस समय भारत के चम्बल इलाके में डकैतों का खौफ़ था, ऐसे समय में बहादुर का उनसे लड़ना बेहद बढ़िया विचार था, बहादुर ने डकैतों से लड़ने भिड़ने के लिए नागरिक सुरक्षा बल की स्थापना भी की. बहादुर के बाल थोड़े लम्बे थे, साथ में केसरी कुर्ता और जीन्स जो उसकी पहचान बन गई, आबिद जी कहते है केसरी कुर्ता उसके भारतीय होने की निशानी है जबकि जीन्स देश में हो रही प्रगति को दर्शाता है. समय के साथ बहादुर की कहानियां भी बदली और उसका गाँव धीरे धीरे शहर में बदल गया एवं उसे आधुनिक समस्याओं से दो-चार होना पड़ा.
बहादुर की कुल 75 कॉमिक्स प्रकाशित हुयी और उसमे में 12 आबिद सूरती जी ने लिखी और बाकी की जगजीत उप्पल जी ने, चित्रकारी का जिम्मा संभाला गोविन्द ब्रह्म्निया जी ने और उसके बाद उनके सुपुत्र प्रमोद जी ने. इंद्रजाल अंग्रेजी के अलावा, हिंदी, बांग्ला और मराठी में भी छापी जाती थी और बहादुर उनका पहला भारतीय एक्शन हीरो साबित हुआ.
बहादुर के पहली कॉमिक्स थी “द रेड ब्रिक्स हाउस” या “लाल हवेली का रहस्य”. 70 के दशक से 90 तक के बीच ‘इंद्रजाल कॉमिक्स’ पाठकों के बीच एक बड़ा नाम था.
बहादुर के साथी और सहायक
नागरिक सुरक्षा बल (CSF): ये दल पुलिस फ़ोर्स के साथ मिलकर दस्यु और डकैतों से मुकाबला करता था, हालाँकि बहादुर दुसरे मौके देने का पक्षधर था और डकैतों के लिए उसके मन में खास जगह थी शायद इसीलिए बहादुर का एक साथी लखन जो पहले एक डकैत था बाद में उसका सहयोगी बन गया.
बेला: बेला को बहादुर के प्रेयसी के रूप में दिखाया गया है जो की मार्शल आर्ट्स में पारंगत थी, उसने बहादुर के साथ मिलकर कई अपराधियों की छुट्टी की.
छमिया: बहादुर का कुत्ता जिसने बहादुर के अनेक मिशनों पर उसका साथ दिया
मुखिया: जयगढ़ गावं का मुख्य प्रधान, बहादुर के करीबी मित्रों में से एक.
सुखिया: जयगढ़ गावं का पुलिस प्रमुख
बहादुर जुडो कराटे एवं कुंग फु में प्रशिक्षित है, उससे हराना बहोत मुश्किल है. जयगढ़ की सुरक्षा का भार उसके कंधों पे है, आज करीब 3 दशक हो गए उसकी कोई कॉमिक्स प्रकाशित हुए लेकिन बहादुर हमारी स्मृति में सक्रिय है. आबिद सूरती जी, जगजीत उप्पल जी और गोविन्द ब्रह्म्निया जी को हम सभी कॉमिक्स प्रेमियों का प्रणाम. उम्मीद है ये जानकारी आपको पसंद आई होगी, आभार – कॉमिक्स बाइट!
बहादुर के कॉमिक्स के कुछ आवरण (साभार: गूगल)
Pingback: इंद्रजाल कॉमिक्स (Indrajal Comics) - Comics Byte