आर्टिस्ट कार्नर: कॉमिक्स की दुनिया के चित्रशिल्पी – विनोद भाटिया जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। (Artist Corner: Happy Birthday to the Landscapist of the world of Comics – Vinod Bhatia.)
जन्मदिन विशेष: कार्टूनिस्ट और कॉमिक बुक आर्टिस्ट विनोद भाटिया। (Birthday Special: Cartoonist and comic book artist Vinod Bhatia.)

3 जून 2025 को कॉमिक बुक आर्टिस्ट और कार्टूनिस्ट श्री विनोद भाटिया जी का जन्मदिन था। विनोद भाटिया जी को हम सबने बचपन से पढ़ा है और कई कॉमिक्स पब्लिकेशन के साथ वो कार्य कर चुके हैं। पेशे से विनोद जी कार्टूनिस्ट/चित्रकार है और उन्होंने कई भारतीय प्रकाशकों के साथ काम किया जिसमें डायमंड कॉमिक्स, राज कॉमिक्स और तुलसी कॉमिक्स मुख्य रहे एवं इसके अलावा भी अन्य कॉमिक्स/बाल पत्रिका प्रकाशक जैसे परम्परा कॉमिक्स एवं बाल भारती जैसे मैगज़ीन पर भी उनके कार्टून स्ट्रिप लगातार प्रकाशित होते रहे। वो हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा रहे हैं और कई कॉमिक स्ट्रिप्स पर उन्होंने लेखन और चित्रकारी का कॉम्बो पेश किया है।

विनोद भाटिया जी का जीवन-परिचय (Biography of Vinod Bhatia)
विनोद जी का जन्मस्थान मेरठ है और अपनी प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने डीएन इंटर कॉलेज मेरठ से प्राप्त की है, उसके बाद चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से उन्होंने स्नातक की डिग्री पूर्ण की। कई जानने वाले उन्हें प्रेम से ‘वीनू’ कहकर भी बुलाते है और उनकी श्रीमती का नाम इंदु भाटिया है। विनोद जी के युवा दिनों की तस्वीरें देखकर यही लगता है कि मुंबई फिल्म उद्योग उनके लिए शायद बेहतर विकल्प होता पर माता सरस्वती की कृपा से उन्होंने अपने बाल पाठकों के जीवन को सुगम बनाने लिए लिए इलस्ट्रेटर का कार्य चुना जिसके कारण लाखों-करोड़ों पाठकों को उस दौर के शुद्ध मनोरंजन के परमआनंद, यानि की उन्हें ‘कॉमिक्स’ पढ़कर ज्ञान अर्जित करने का अवसर मिला।

बचपन की वो सुनहरी यादें, जब हाथों में डायमंड कॉमिक्स की एक प्रति होती थी और पन्ना पलटते ही नजर आती थी विनोद भाटिया जी की जीवंत कलाकृति! आज हम उनके जन्मदिन के इस खास मौके पर कलाकार को नमन करते हैं, जिनकी कल्पना और चित्रकारी ने भारतीय कॉमिक्स को अमिट पहचान दी। श्री विनोद भाटिया जी का कॉमिक्स सफर बेहद कम उम्र में शुरू हुआ। उनकी पहली कॉमिक्स “जंगल की होली” थी, जिसे उन्होंने नूतन कॉमिक्स के लिए स्वयं लिखा और चित्रित किया था। इस समय वह केवल 11वीं कक्षा में पढ़ते थे,यह बात उनके भीतर के प्रतिभाशाली कलाकार को दर्शाती है। उनका प्रोफेशनल कार्टूनिंग और इलस्ट्रेशन करियर 1978-80 के दौरान शुरू हुआ, जब उनके बनाए गए कार्टून स्ट्रिप्स प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगे।

प्रमुख कॉमिक्स प्रकाशकों से जुड़ाव (Affiliations with major Comics Publishers)
भारतीय कॉमिक्स की दुनिया में कुछ नाम ऐसे हैं, जो हमारे बचपन का अहम हिस्सा बन गए। उन्हीं में से एक हैं श्री विनोद भाटिया – जिनकी बनाई कॉमिक्स आज भी लाखों दिलों की धड़कन हैं। विनोद भाटिया जी ने डायमंड कॉमिक्स, राज कॉमिक्स, तुलसी कॉमिक्स, परंपरा कॉमिक्स, फ़ोर्ट कॉमिक्स, राज किड्स यूनिवर्स (राज कॉमिक्स) और अन्य कई प्रमुख भारतीय प्रकाशनों के साथ काम किया।
उनके द्वारा चित्रित कुछ लोकप्रिय कॉमिक बुक किरदार:
- Tauji (ताउजी)
- Rajan-Iqbal (राजन-इक़बाल)
- Lambu-Motu (लम्बू-मोटू)
- Mahabali Shaka (महाबली शाका)
- Agniputra Abhay (अग्निपुत्र अभय)
- Dynamite (डायनामाइट)
- Mama-Bhanja (मामा-भांजा)
- Motu-Chotu (मोटू-छोटू)
- Taiji (ताई-जी)

इन किरदारों में उन्होंने ना केवल चित्रण किया, बल्कि उनके हाव-भाव और कहानी को भी जीवन दिया। किंग कॉमिक्स और पब्लिकेशन डिवीज़न में भी उनके कार्य और पात्र लगातार पाठकों तक पहुँचते रहे। डायमंड कॉमिक्स के लिए उन्होंने सर्वाधिक काम किया जिसमें कई मिनी कॉमिक्स में पाठकों को उनका शानदार कार्य देखने को मिला। प्रेफेट्टी इंडिया जब भारत में ‘बिग-बबल’ च्युइंगगम लेकर आई तब डायमंड कॉमिक्स और विनोद जी के साथ मिलकर उन्होंने ‘बिग-बबल बच्चे’ नाम की मिनी कॉमिक्स लांच की जो अकसर उसके 5 रूपये पैक से मुफ्त बांटी जाती थी।


विनोद जी स्ट्रिप्स में भी महारत रखते है और डायमंड कॉमिक्स के डाइजेस्ट में अकसर आप वाल्ट डिज्नी के चित्रकथाओं में उन्हीं का आर्ट देख पाएंगे। उन्होंने कुछ चाचा चौधरी के कॉमिक बुक्स पर भी कार्य किया है और प्राण साहब के कई पात्रों को डायमंड कॉमिक्स के पृष्ठों पर जीवित भी रखा, पलटू के चित्रकथाओं में भी वही आर्ट बनाते थे।

तुलसी कॉमिक्स के जनरल कॉमिक्स भी उनके कार्य की भरमार है, प्रेरक कथा या राजा-रानी की कहानियाँ, भूत के प्रसंग या नैतिक मूल्यों की कथाएं! हर जगह बस उनकी ही चित्रकारी देखने को मिलती है, शालू-कालू उनके द्वारा सृजित किये गए प्रसिद्ध पात्र है जिसे कॉमिक्स इंडिया ने 25 वर्षों बाद फिर से पुन: मुद्रित किया था।


यही नहीं राज कॉमिक्स में चेरी, टफ़ी, डमरू और बॉबी जैसे पात्रों की जनरल कॉमिक्स और विशेषांको में भी विनोद जी ने ही अपने कूंची का जादू बिखेरा है। परंपरा कॉमिक्स में फ़ौजी काका हो या फ़ोर्ट कॉमिक्स में ज्वालापुत्र, पाठक जहाँ जाएंगे वहीँ विनोद जी की कहानी और आर्ट पाएंगे।
जानवरों से प्रेम और घूमने का शौक (Animal Lover and Travel Enthusiast)
विनोद जी को जानवरों से बेहद प्रेम है। उनका चित्रण भी इस स्नेह को दर्शाता है चाहे वह कॉमिक्स में जानवरों के पात्र हों या प्राकृतिक दृश्यों की सजावट। सोशल मीडिया में अक्सर जानवरों से अच्छे बर्ताव की अपील किया करते है। वो घूमने के भी शौक़ीन हैं और हर साल दिल्ली कॉमिक काॅन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, जहाँ उनके प्रशंसक उनसे मिलने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इन दिनों वे अपना समय भारत और कनाडा में बिताते हैं और वैश्विक स्तर पर भारतीय कॉमिक्स कला का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। उनका अनुभव और कला दोनों ही नए कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

श्री विनोद भाटिया केवल एक कॉमिक आर्टिस्ट नहीं, बल्कि भारतीय बाल साहित्य और पॉपुलर आर्ट के एक ऐसे स्तंभ हैं, जिन्होंने कल्पनाओं को रंग, रेखाओं को जीवन और किरदारों को आत्मा दी। उनके बनाए चित्र सिर्फ चित्र नहीं, हमारे बचपन की स्मृतियाँ हैं – वो दुनिया जहाँ ताउजी राक्षसों से लड़ते थे, राजन-इक़बाल जासूसी करते थे और महाबली शाका हमें अदम्य साहस का पाठ पढ़ाते थे। चाहे वो 11वीं कक्षा में बनाई जानवरों पर पहली कॉमिक्स हो या डायमंड कॉमिक्स के दर्जनों लोकप्रिय किरदार, विनोद जी की कला हर पीढ़ी के पाठकों के दिलों में घर कर गई है। उनके चित्र और कहानियाँ अब भी हर भारतीय कॉमिक प्रेमी के ज़ेहन में उतनी ही ताज़ा हैं। उनकी कला एक सेतु है, अतीत की सुनहरी यादों और आने वाले कल की प्रेरणाओं के बीच, कॉमिक्स जगत की ओर से विनोद जी को उनके अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयाँ, अपना आशीर्वाद बाल पाठकों पर यूँ ही बनाएं रखिएगा सर। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
इमेज क्रेडिट्स: विनोद भाटिया फेसबुक
