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आर्टिस्ट कॉर्नर ‘बर्थडे स्पेशल’: सीमोर “साय” बैरी (Artist Corner ‘Birthday Special’: Seymour “Sy” Barry)

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Sy Barry - Phantom
Sy Barry

श्री साय बैरी एक सुप्रसिद्द अमेरिकन कॉमिक बुक लीजेंड हैं। अपने उम्र के 95 वें वर्ष में कदम रख चुके साय बैरी ने चलते फिरते प्रेत को वो पहचान दी जिसका आज पूरा विश्व मुरीद हैं। अगर आपने कभी ‘फैंटम’ की कॉमिक्स पढ़ी होगी या उसके न्यूज़ पेपर स्ट्रिप्स कहीं देखें होंगे तो लाज़मी हैं की कभी ना कभी साय बैरी का बनाया हुआ ‘वेताल’ आपकी नज़रों से गुजरा जरुर होगा। उनका जन्म अमेरिका में वर्ष 1928 को हुआ और वो डैन बैरी के भाई थें जिन्होंने किंग फीचर्स के लिए फ़्लैश गॉर्डोन इलस्ट्रेट की थीं। उन्होंने इंडस्ट्रियल आर्ट में डिग्री पूरी की और न्यू यॉर्क शहर में अपने भाई साहब का हाँथ बंटाने लगे। उन्होंने 1960 के बाद फैंटम के क्रिएटर ‘ली फॉक’ के साथ मिलकर फैंटम के कई यादगार कॉमिक स्ट्रिप्स पाठकों को प्रतुस्त किये। साय बैरी एक इंकर और इलस्ट्रेटर हैं और फ़िलहाल चित्रकारी से रिटायर हो चुके हैं। पाठक उनके वेबसाइट से जाकर उनके बनाएं आर्ट प्रिंट्स भी खरीद सकते हैं एवं आज भी भारत में भी सर साय बैरी के लाखों प्रशंसक हैं जो उनके द्वारा बनाएं कॉमिक्स की चर्चा जगह-जगह करते दिखाई पड़ते रहते हैं।

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लाइफ ऑफ़ साय: Life Of SY

साय बैरी पहले एक फ्रीलांस कॉमिक बुक आर्टिस्ट के रूप में कार्य किया करते थें और शुरुवाती दौर में उन्होंने मार्वल कॉमिक्स, डी.सी. कॉमिक्स एवं और भी अन्य कई प्रकाशनों के कार्य किया था। ली फॉक के साथ पहले चित्रकारी ‘रे मूरे’ किया करते थें, उसके बाद ‘विल्सन मकोय’ ने भी कई वर्षों तक फैंटम को विश्वभर में पाठकों तक पहुँचाया, लगभग 40 मिलियन लोग रोज फैंटम की न्यूज़ पेपर स्ट्रिप्स पढ़ा करते थें और 1960 में उनके देहांत के बाद ‘साय बैरी’ ने इसका भार उठाया और लगभग 30+ वर्षों तक वो चलते-फिरते प्रेत को चित्रित करते रहें। साय बैरी के आर्टवर्क का भूत लोगों के सर चढ़कर बोला और कुछ ही वर्षों में पाठकों यह आंकड़ा 100 मिलियन तक पहुँच गया।

The Phantom By Sy Barry
The Phantom and Devil By Sy Barry

सबसे अच्छी बात यह रही की इन स्ट्रिप्स को न्यूज़ पेपर में लाया जा रहा था जिस कारण आम नागरिक भी अब फैंटम से रूबरू हो रहा था एवं इन स्ट्रिप्स को अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ हिंदी और प्रांतीय भाषाओं में भी अनुवादित करके छापा जा रहा था। मेरी नानी भी ‘फैंटम’ की बहुत बड़ी प्रशंसक रहीं हैं और वो इसका बंगाली वर्शन पढ़ा करती थीं। हमारे घर के लोकल न्यूज़ पेपर ‘समय’ में भी फैंटम को हिंदी में ‘मृत्युंजय’ के नाम से प्रकाशित किया जाता रहा हैं।

– कॉमिक्स बाइट

यह कहना गलत नहीं होगा की फैंटम पर भले ही कितने आर्टिस्टों ने कार्य किया हो पर जो ख्याति उसे ली फॉक और साय बैरी की जोड़ी ने प्रदान की वह वक़्त के साथ कहीं धीमी पड़ती चली गई। भारत में न्यूज़ पेपर के साथ इसे बेनेट और कोलमैन द्वारा स्थापित टाइम्स ग्रुप के माध्यम से ‘इंद्रजाल कॉमिक्स’ में छापा गया जिसे कई भाषाओँ में अनुवादित भी किया गया। उसके बाद डायमंड कॉमिक्स ने करीब-करीब 75+ से ज्यादा डाइजेस्ट फैंटम पर प्रकाशित किये। आज भी रीगल कॉमिक्स साय बैरी की चित्रित कहानियां पाठकों के समक्ष ला रहा हैं और आशा हैं शक्ति कॉमिक्स भी जल्द हमें साय बैरी के आर्ट वाली चित्रकथाएँ प्रतुस्त करेगी।

The Phantom - News Paper Strips
The Phantom – News Paper Strips

उन्होंने संडे स्ट्रिप्स पर भी काफी कार्य किया – “उनका पहला फैंटम संडे पेज 20 मई, 1962 को और आखिरी 18 सितंबर, 1994 को प्रकाशित हुआ था।” उन्हें वर्ष 2005 में इंकपॉट अवार्ड से भी नवाज़ा गया और उनकी बनाई कहानियां अभी भी नियमित रूप से भारत, नॉर्वे, स्वीडन, डेनमार्क, फिनलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में प्रकाशित होती हैं एवं संकलित की जा रही हैं।

आज ‘सीमौर साय बैरी’ का 95 वां जन्मदिन हैं और कॉमिक्स बाइट, भारतीय कॉमिक्स जगत और समस्त कॉमिक्स कम्युनिटी की ओर से “सर साय बैरी” को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयाँ। उन्होंने हमारे हीरो ‘फैंटम’ को वो चेहरा दिया जिससे आज हर फैंटम ‘फैन’ वाकिफ़ हैं। भगवान से यही प्रार्थना हैं की आप स्वस्थ रहें और हम पाठकों पर अपना स्नेह बनाएं रखें, आभार – कॉमिक्स बाइट!!

Phantom: the Complete Newspaper Dailies 25 (1974-75)

Phantom: the Complete Newspaper Dailies 25

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