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अर्धसत्य – शीलभंग (नागराज) – राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता [Ardhsatya – Sheelbhang (Nagraj) – Raj Comics By Sanjay Gupta]

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शीलभंग श्रृंखला का भाग 1 ‘अर्धसत्य’ अब प्री-आर्डर पर उपलब्ध! (Part 1 of the Sheelbhang Series ‘Ardhsatya’ is now on Pre-Order!)

नमस्कार दोस्तों, सभी पाठकों और मित्रों को ‘हनुमान जन्मोत्सव’ की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयाँ। भारत में हनुमान जी को बहुत माना जाता हैं और आपको हर कहीं उनके मंदिर और भक्तगण मिल जाएंगे। असल में वो इस समाज के लिए एक ऐसे नायक हैं जिसे देखकर हर कोई प्रेरणा लेता हैं, फिर चाहे वो उनकी प्रभु श्री राम के प्रति आपार भक्ति हो या असत्य एवं अन्याय के प्रति उनका क्रोध। स्वयं सूर्यदेव उनके प्रकोप से नहीं बच पाये थें जब वो मात्र एक छोटे से बालक थें। बजरंगबली एकलौते ऐसे योद्धा हैं जिन्हें महाबली की उपाधि दी गई हैं, जिनके मात्र एक मुष्टि प्रहार से रावण जैसा मायावी योद्धा भी मूर्छित हो गया था, “वो भी जब उन्होंने वो प्रहार अपने पूरे बल के साथ नहीं किया था”। हनुमान जी को महादेव ‘आदियोगी’ का अंश भी कहा जाता हैं और उन्हें ‘कलयुग’ तक जीवित रहने का वरदान प्राप्त हैं। राज कॉमिक्स में भी महादेव के अगर सबसे बड़े भक्त की बात होगी तो अग्रिम पंक्ति आप सभी को ‘नागराज’ का नाम ही याद आएगा। नागराज अक्सर ध्यान में लीन होकर ‘महादेव’ की पूजा-अर्चना करता रहता हैं एवं योगसिद्धि से अपने आतंकवाद उन्मूलन के प्रण को और भी मजबूती से निभाने का वचन लेता हैं। पाठकों ने कई बार नागराज को योग साधना में मग्न होकर तप करते कई बार देखा होगा और पिछले वर्ष ही प्रकाशित हुआ ‘आदिपर्व‘ का आवरण भला आप सब कैसे भूल सकते हैं।

Adiparv - Nagraj taking blessings from Mahadev 'Shiva'
Cover Of Adiparv – Nagraj Taking Blessings From Mahadev/’Shiva’
Raj Comics By Sanjay Gupta

बहरहाल, इस बार नागराज को ‘महादेव’ और ‘बजरंगबली’ के आशीर्वाद बहुत आवश्यकता हैं क्योंकि ‘शीलभंग’ (Sheelbhang) श्रृंखला के पहले भाग ‘अर्धसत्य’ (Ardhstya) में वो बेहद की कमजोर और क्षणभंगुर सा दिखाई पड़ रहा हैं। कुछ वर्ष पहले राज कॉमिक्स ने इसे विश्वरक्षक नागराज की अंतिम श्रृंखला करार दिया था पर उसके बाद राज कॉमिक्स का ही विभाजन हो गया और विश्वरक्षक नागराज एक फिर से मनोज गुप्ता जी द्वारा ‘सर्पसत्र’ श्रृंखला में वापस आ गया। शीलभंग को सर्पसत्र के बाद की श्रृंखला भी बताया गया पर संजय जी ने अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की हैं। विश्वरक्षक नागराज का भविष्य अब जो भी हो पर कॉमिक्स प्रशंसक श्री ‘अनुपम सिन्हा’ के चित्रकारी में एक बार फिर ‘नागराज’ को देखने के लिए लालायित हैं और हम भी, देखते हैं ये दोनों प्रकाशन एक ही कहानी लेकर आते हैं या अलग-अलग जैसे ‘तौसी’ से नागराज के टकराव के बाद हुआ था जब प्रलय का देवता और सर्पसत्र प्रकाशित हुई थीं।

Ardhsatya - Sheelbhang - Nagraj - Raj Comics By Sanjay Gupta
Ardhsatya – Sheelbhang – Nagraj – Raj Comics By Sanjay Gupta

अर्धसत्य काॅमिक्स की पृष्ठ संख्या हैं 40 और इसका मूल्य हैं 300/- रूपये, पाठक इसपर पुस्तक विक्रेताओं से 10% प्रतिशत की छूट प्राप्त कर सकते हैं एवं कॉमिक्स के साथ एक क्यूट स्टैंडी भी मुफ्त दिया जा रहा हैं जो अब संजय जी के प्रकाशन का ‘सिग्नेचर’ बन चुका हैं। शीलभंग श्रृंखला से पाठकों की काफी अपेक्षाएं हैं और आशा करते हैं प्रकाशक उसे पूरा करने का अथक प्रयास जरूर करेंगे। कॉमिक्स का आवरण बनाया हैं कॉमिक बुक आर्टिस्ट श्री दिलदीप सिंह जी ने जो की काफी बेहतरीन बना हैं और पाठक इसे प्री-आर्डर पर बुक कर सकते हैं। आभार – कॉमिक्स बाइट!!

शीलभंग प्रीव्यू पेजेज – राज झलकियाँ (Sheelbhang Preview Pages – Raj Jhalkiyan)

कई वर्ष पहले राज कॉमिक्स ने ‘राज झलकियाँ’ नामक एक फ्री कॉमिक्स में शीलभंग के प्रीव्यू पेजेज साझा किए थें। इसमें आगामी श्रृंखलाओं की जानकारी भी थीं। शीलभंग कॉमिक्स का आर्टवर्क तभी हम सभी को देखने मिला था और अंततः लगभग 5 वर्षों के बाद यह अब प्रकाशित भी हो रही हैं।

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