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फैन कॉर्नर – राहुल चौधरी : कॉमिक्स वाले अंकल

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कॉमिक्स फैन कार्नर (Comics Fan Corner)

राहुल चौधरी (Rahul Choudhary) – श्री राहुल चौधरी उत्तर प्रदेश एक छोटे से शहर शामली के मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखते है, उनकी प्रारंभिक शिक्षा वहीँ हुई। सिक्किम यूनिवर्सिटी से बी.ए. उत्तीर्ण किया, इसके अलावा जामिया उर्दू अलीगढ़ से उर्दू शिक्षा ली और ‘अदीब’ एवं ‘अदीब माहिर’ की परीक्षाएं उत्तीर्ण की। बचपन से ही इन्हें कहानियाँ और कविताएँ पढ़ने का शौक रहा, 18 वर्ष की आयु आते आते ये लेखन में भी सक्रिय हो चुके थे। राहुल जी एक कॉमिक्स प्रेमी भी है और अपने प्रेम का प्रदर्शन यथोचित तरीके से दर्शाते भी रहते है, इन्हें ग़ज़ल लिखना भी काफी पसंद है एवं रंगमंच से भी खासा जुड़ाव रखते है। नाटकों के अलावा राहुल जी ने कई लघु फीचर फिल्म्स और एलबम्स में भी कार्य भी किया है.

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कॉमिक्स वाले अंकल….. !!“राहुल चौधरी की कलम से”

वो हमारे कॉमिक्स वाले अंकल थे। नाम तो उनका कभी पूछा नहीं। ये भी पता नहीं हिन्दू थे, मुसलमान थे या किस जाति से थे। ये सब बातें हमारे लिए बेमतलब बेमानी थीं, हम बच्चों को बस इतना ही पता था कि गली में उनकी छोटी सी दुकान थी। यूं तो दुकान किराने की थी, पर उसी के एक कोने में ढेर सारी कॉमिक्स भी रखी रहती थीं और यही बात उनकी उस छोटी पुरानी सी दुकान को खास बनाती थी।

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कॉमिक्स की पुरानी दुकान (रूपांतरण)

जब मम्मी पैसे देकर घर का कुछ सामान लाने को भेजती तो हम दूसरी बड़ी दुकानों को छोड़कर कॉमिक्स वाले अंकल की छोटी सी दुकान में घुस जाते, जब तक अंकल सामान तौलते तब तक हम कॉमिक्स उलट पलट कर देखते रहते। जाने कैसी खुशी मिलती थी वहां, अंकल की दुकान पर ग्राहक कम ही होते थे। सब कहते थे उस पुरानी दुकान में कुछ घुटन सी रहती है पर पता नही क्यों हमें वो घुटन कभी महसूस ही नहीं हुई।

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कभी जेबखर्च को कुछ पैसे मिलते तो लेकर हम सीधा अंकल की दुकान पर पहुंच जाते। उस वक्त वो 50 पैसे में कॉमिक्स किराये पर दिया करते थे। घर ले जाकर पढ़ने का एक रुपया लगता था। हम कम पैसो में ज़्यादा कॉमिक्स पढ़ने के लालच में वहीं बैठकर घण्टों कॉमिक्स पढ़ते रहते थे। वहीं बैठकर पढ़ने पर अंकल भी खुश रहते थे, शायद इस कारण उन्हें कभी अकेलापन नहीं लगता था।

गली की उस छोटी सी पुरानी दुकान में एक अलग ही किस्म का सुकून था।”

वक्त बीत गया, हम बच्चे से बड़े हो गए, पुराना शहर भी छूट गया। कॉमिक्स का शौक कुछ सालों के लिए पूरी तरह छूट कर फिर दोबारा भी शुरू हो गया पर ज़िन्दगी की भागमभाग में उन सब यादों पर जैसे धूल की परत सी जम गई थी, फिर अभी 2 साल पहले किसी काम से पुराने शहर जाना हुआ, तब फिर से कॉमिक्स वाले अंकल और उनकी दुकान की याद आई।

मन में वही पुरानी उमंगें लिए गली की उस सबसे पुरानी दुकान पर पहुंचा लेकिन अंकल अब नहीं रहे। दुकान आंटी और उनका लड़का मिलकर सम्भालते हैं, एक कोने में कुछेक कॉमिक्स भी पडी धूल खा रही हैं। पर वो पहले जैसा सुकून नहीं है। मैं ज़्यादा देर दुकान में खड़ा नहीं रह सका। उस छोटी, पुरानी दुकान की घुटन अब महसूस होने लगी है।

कॉमिक्स बाइट – कही अनकही

श्री राहुल चौधरी जी को मैं कुछ वर्षों से जनता हूँ, एक रंगमंचकर्मी और कलाप्रेमी होने के साथ साथ कॉमिक्स के लिए उनका प्रेम किसी दर्पण का मोहताज़ नहीं है, वह जो करते है बिलकुल दिल से करते है. अभी हाल ही में ज़ी टीवी पंजाबी में इनका एक धारावाहिक प्रसारित हुआ जिसे देखकर मन पुलकित हो उठा. जितना अच्छा अभिनय करते है, वैसे ही ज़मीन से जुड़े हुए विचारों के धनी है.

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राहुल जी की कहानी आपको कचोटती है, कुरेदती है, मन खट्टा कर देती है. वो अंकल जो हमें रंगबिरंगी कॉमिक्स के माध्यम से जीवन को समझने की एक समझाइश भी देते थे, अब वो किरदार हमारे जीवन से नदारद हो चुके है. समय के साथ कॉमिक्स पर एक लेबल लगा दिया गया जिसे मात्र बचपन के मनोरंजन का ज़रिया बना दिया गया, लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर दिखाई पड़ती है.

Comics Reading
पढ़ें हमारा एक विचारणीय लेख – कॉमिक्स पढ़ना क्यों है अच्छा!!

आजकल के बच्चों को खासकर इसकी ज्यादा जरुरत है, बेसिरपैर के स्मार्टफ़ोन एप्प और सोशल मीडिया के प्रचलन ने काफी कुछ बदला है. कॉमिक्स की दुकानों पर ताला जड़ चुका है या वो पान टपरी, किराना एवं अन्य किसी संसाधन के इस्तेमाल में आ रही है. जरुरत है इस संस्कृति को फिर से बढ़ावा देने की, इसके गुरुत्व को समझने की. एक कोशिश हम कॉमिक्स बाइट के माधयम से कर रहें है, एक कोशिश आप भी जरुर करें, किसी को कॉमिक्स पढ़ने के लिए प्रेरित जरुर करें, आभार – कॉमिक्स बाइट!!

Reincarnation Man – Vol. 1 Paperback – Artwork By “Manu” AKA Edison George

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A passionate comics lover and an avid reader, I wanted to contribute as much as I can in this industry. Hence doing my little bit here. Cheers!

2 thoughts on “फैन कॉर्नर – राहुल चौधरी : कॉमिक्स वाले अंकल

  • संजीव कुमार

    बहुत ही शानदार यादे

    • हार्दिक धन्यवाद संजीव जी

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