Raj Comics: Super Commando Dhruva – The Struggle with Depression – Free Comics
सुसाइड प्रिवेंशन डे (Suicide Prevention Day)
नमस्कार मित्रों, आज है ‘वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे’ यानि आत्महत्या करने से खुद को रोकने या बचाने वाला दिन. औसतन हर साल 1 मिलयन लोग आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाते है और इस अमूल्य जीवन से हाँथ धो बैठते है. हर दिन करीब 3000 हज़ार लोग आत्महत्या से अपनी जान गवां देते है और ये आंकड़े काफी पुराने है, विकिपीडिया के एक लेख के अनुसार ये भयावह आंकड़ा वर्ष 2020 (वर्तमान साल) में करीब करीब 1.5 मिलयन तक पहुँचने वाला है.
डिप्रेशन (Depression)
इसका एक बहुत बड़ा और मुख्य कारण है “डिप्रेशन”. जी हाँ मित्रों इसे हिंदी में हम आप ‘अवसाद’ के नाम से भी जानते है. ये एक बहुत गहन चिंतन का विषय है और इससे कोई भी व्यक्ति कभी भी ग्रसित हो सकता है. कई लोग इसके लिए मनोचिकित्सकों की सलाह भी लेते है पर कई खुद को दुनिया से अलग थलग कर लेते है जिसके कारण उन्हें जीवन का महत्व और इसके गुण दिखना बंद हो जाते है.
पढ़े इस संवेदनशील मुद्दे पर हमारा लेख – आत्महत्या! (भोकाल)
ऐसे हालातों में आत्महत्या जैसे विचार आना कोई बड़ी बात नहीं है. आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दे पे हम पहले भी काफी कुछ लिख चुके है पर आज ‘राज कॉमिक्स’ ने इस “कॉमिक्स” वाले माध्यम का उत्तम उपयोग करते हुए इस मुद्दे को उठाया है और साथ ही इससे लड़ने का “जुनून” भी दिखाया है.
सुपर कमांडो ध्रुव – द स्ट्रगल विथ डिप्रेशन (राज कॉमिक्स)
राज कॉमिक्स (Raj Comics) का पसंदीदा पात्र “सुपर कमांडो ध्रुव” भी इस समस्या से दो-चार हो चुका है और कैसे वो इस मानसिक दुविधा से बाहर निकलता है इसी दृष्टिकोण को लेकर श्री संजय गुप्ता पेश करते है – “सुपर कमांडो ध्रुव – द स्ट्रगल विथ डिप्रेशन“.
इस कहानी को राज कॉमिक्स ने डिजिटल प्रारूप में प्रस्तुत किया है और आप उसे उनके वेबपोर्टल से बाकायदा ‘डाउनलोड’ भी कर सकते है. लिंक नीचे दिया जा रहा है –
Super Commando Dhruva: The Struggle With Depression
इस कहानी को लिखा है श्री मनोज गुप्ता जी ने और उनका साथ दिया है श्री आयुष गुप्ता जी ने. इसके चित्रकार है श्री अश्विन अमरनाथ आर जी और सुलेख है आयुष जी के द्वारा. कहानी अंग्रेजी में है और मुझे उम्मीद है शायद इसका हिंदी वर्शन भी जल्द उपलब्ध होगा. इसे राज कॉमिक्स “स्पेशल शॉर्ट्स” की श्रृंखला के अंतर्गत प्रकाशित किया गया है.
कही अनकही
अवसाद किसी को भी हो सकता है और अगर आपको खुद या अपने आस पास ऐसे लोग दिखें तो उनसे बात करने की कोशिश कीजिए, उनकी दुविधा का कारण पूछिए, उनको जीवन के सकारात्मक पहलूओं के बारें में समझाइए और जरुरत पड़ने पर डॉक्टर/मनोचिकित्सक के परामर्श की सलाह भी दीजिए.
इस कॉमिक्स की कहानी मैं आपको नहीं बताऊंगा, इसके लिए आप कॉमिक्स पढ़ें और देखें कैसे सुपर कमांडो ध्रुव भी जो विकट से विकट परेशानियों को भी चुटकी में हल कर सकता है, उसके जैसे जीवट मनुष्य को भी अवसाद घेर सकता है. लेकिन “जहाँ चाह वहां राह”, एक मसीहा, जन्मदाता कैसे उसके मुश्किल वक़्त में उसके कंधो पर हाँथ रखकर उसे इस जीवन के सही मायने समझाता है.
ये कॉमिक्स बड़ी की खूबसूरत बात करती है और जिस तरीके से इसमें अवसाद जैसे गहन समस्या का चित्रण किया गया है वो काबिलेगौर है. मैं हमेशा कहता हूँ की कॉमिक्स मात्र मनोरंजन का जरिया नहीं बल्कि समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य भी करती है. उम्मीद है सभी मित्र इस चित्रकथा को समय देंगे और अवसाद जैसे चुनौतियों का सामना करने का साहस भी करेंगे, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
नोट* – कॉमिक्स पढ़कर भी आप अवसाद जैसे मुश्किल का सामना कर सकते है, जैसे आपके पसंदीदा पात्र इन खलनायकों से लड़ते है वैसे आप भी जीवन की कठनाइयों का डटकर सामना कीजिए, आपको कई अंक निम्नलिखित पोर्टल पर मिल जाएंगे जहाँ से आप अपने पसंद की “कॉमिक्स” मंगवा सकते है.