“त्रिशूल कुमार – भारत कुमार” भारत के पहले सुपरहीरोज – जगदीश भारती (“Trishul Kumar – Bharat Kumar” India’s first superhero – Jagdish Bharti)
त्रिशूल कुमार – भारत कुमार
जगदीश भारती जी ने हाल ही में फेसबुक पर उनके द्वारा चित्रित किए गए किरदार ‘त्रिशूल कुमार’ और ‘भारत कुमार’ पर कुछ विशेष तथ्य उजागर किए. उन्होंने बताया वर्ष 1967-69 में उन्होंने इन किरदारों की रचना की और “त्रिशूल कुमार” को उन्होंने अपने इलाहबाद प्रवास के दौरान रचा था एवं अपने एक प्रकाशक मित्र साथ मिलकर कुछ 100 कापियां भी छपवाई थी. भरत कुमार को उन्होंने दिल्ली में रचा और वों वहीँ प्रकाशित भी हुआ.

त्रिशूल कुमार – भरत कुमार
अपने लेख में उन्होंने ये भी बताया की इन्हें भारत के पहले सुपरहीरो होने का गौरव प्राप्त है एवं क्योंकि इसकी संख्या बहुत ही कम थी तो शायद ही इसका कोई मौलिक अंक अब बचा हो. “त्रिशूल कुमार” को उन्होंने ट्रेस पेपर में बनाया था और कीमत कम रखनें के लिए सिर्फ कुछ 100 कॉपी ही निकाली थी. वो दौर जासूसी कहानियों वाला था एवं वर्ष 1967 को उन्होंने इस इलाहाबाद में बनाया था जिसे आज आप प्रयागराज के नाम से भी जानते है.

जगदीश जी के विचारों में उनके बाल्यकाल की भी कुछ बातें जान पड़ी – की कैसे स्कूल में कापियों के पीछे रेखाओं को खींचने के कारण उन्हें डांट डपट का भी सामना करना पड़ा. आगे उन्होंने बताया की धीरे धीरे इन रेखाओं और चरित्रों ने सुपर हीरो का रूप लिया और इन सब को कल्पना की उड़ान देने का जो मज़ा है, उसकी बात ही निराली है.
जगदीश भारती जी ने राज कॉमिक्स, मधु मुस्कान और मधु मुस्कान कॉमिक्स के लिए – जासूस टोपीचंद, सुस्तराम-चुस्तराम, पोपट-चौपट, भारत कुमार जैसे किरदारों की रचना की.

जगदीश भारती जी ने भारत के बड़े तबके का कई दशकों तक मनोरंजन किया और अपने सटीक व्यंग से सिस्टम और समाज की बुराइयों पर प्रहार भी करते रहे. जगदीश जी एक लेखक, निर्माता और कॉमिक बुक आर्टिस्ट भी है एवं उम्मीद है की अपने ऐसे कुछ और अनकहे किस्सों को वो अपने प्रशंसकों से आगे भी साझा करते रहेंगे. आभार – कॉमिक्स बाइट!
“भारत कुमार पहले लोटपोट में प्रकाशित होता था और बाद में वो मधु-मुस्कान में आया.”

क्रेडिट्स: मूल लेख – श्री जगदीश भारती जी इमेजेज: मधु मुस्कान फेसबुक, इंडियन कॉमिक्स डाटाबेस