शक्तिमान की वापसी पर विवाद: मुकेश खन्ना जी का योगदान और कॉमिक्स जगत की नकारात्मकता (Controversy over Shaktimaan’s return: Mukesh Khanna’s contribution and the negativity of the comics world.)
मुकेश खन्ना जी के सिद्धांतों और शक्तिमान की विरासत को सलाम। (Salute to Mukesh Khanna ji’s principles and Shaktimaan’s legacy.)
हाल ही में, मुकेश खन्ना जी एक बार फिर शक्तिमान (Shkatimaan) के रूप में नजर आए, जिससे सोशल मीडिया पर चर्चा का तूफान खड़ा हो गया। कुछ ने इसे सराहा, जबकि कईयों ने इसकी आलोचना की। लेकिन क्या यह उचित है कि एक ऐसा व्यक्ति जिसने हमेशा सच्चाई, नैतिकता और भारतीय संस्कृति का प्रचार किया है, उसे केवल उसकी उम्र के आधार पर आंका जाए?
शक्तिमान: सकारात्मकता और विरासत का प्रतीक (Shaktiman: Symbol of positivity and legacy)
मुकेश खन्ना जी ने अपने करियर में कभी भी गुटखा, सिगरेट, तंबाकू, पान, या शराब जैसे नकारात्मक चीजों को बढ़ावा नहीं दिया। महाभारत में भीष्म पितामह के सिद्धांतों पर चलने वाले मुकेश जी ने हमेशा शक्तिमान के माध्यम से बच्चों और युवाओं को नैतिकता, ईमानदारी, और सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा दी। आज जब समाज में सकारात्मकता का अभाव हो रहा है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नकारात्मकता और ट्रोलिंग का अड्डा बनते जा रहे हैं, ऐसे समय में मुकेश जी जैसे व्यक्तित्व का प्रयास बेहद महत्वपूर्ण है।
सोशल मीडिया पर उनकी हालिया उपस्थिति को लेकर काफी आलोचना हुई। लेकिन सवाल यह है कि किसी कलाकार के सकारात्मक प्रयास को सराहने के बजाय, केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए आलोचना करना क्या उचित है? उनकी वीडियो में देशभक्ति और क्रांतिकारियों की बात की गई थी, जो हर भारतीय को प्रेरित करती है। हां, उनकी प्रस्तुति में सुधार हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनकी नीयत पर सवाल उठाए जाएं।
दुख की बात यह है कि भारतीय कॉमिक्स इंडस्ट्री के कुछ क्रिएटिव्स भी इस विवाद में नकारात्मकता फैलाने लगे। यह उनके खुद के दृष्टिकोण और मानसिकता की कमजोरी को दर्शाता है। आलोचना हमेशा रचनात्मक होनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत हमले और ट्रोलिंग का रूप ले। कॉमिक्स बाइट ऐसी नकारात्मकता का न कभी समर्थन करता है और न ही करेगा। हमने हमेशा पॉजिटिव प्रमोशन किया है इसलिए आज भी किसी प्रकाशक या क्रिएटिव्स का नाम नहीं लेंगे पर उन्हें काॅमिक्स बाइट पर कोई जगह अब नहीं मिलेगी।
मुकेश खन्ना जी ने हमेशा एक सच्चे सनातनी के रूप में अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने देश की परंपराओं का पालन करते हुए समाज को सकारात्मकता और नैतिकता का संदेश दिया है। शक्तिमान बड़े पर्दे पर आए या न आए, उसकी विरासत अमर है। इस आभासी सोशल मीडिया के कलियुगी दौर में, सकारात्मकता के साथ खड़ा रहना ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
आखिर में, एक पुरानी कहावत याद आती है – “हाथी चले बाजार और कुत्ते भौंके हजार।” हम इस नकारात्मकता को रॉयल इग्नोर करते हैं और मुकेश जी के साथ खड़े हैं। उनकी विरासत को हमारा सलाम। स्वस्थ रहें, सकारात्मक सोच रखें, और सच्चाई के साथ आगे बढ़ें। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
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