वर्ल्ड बुक डे 2024 (World Book Day 2024)
विश्व पुस्तक दिवस 2024 – एक दिन किताब और कॉमिक बुक्स के नाम! (Turn the Page on World Book Day 2024: Celebrate the Magic of Reading with Books & Comics!)
विश्व पुस्तक दिवस या अंग्रेजी में कहे तो ‘World Book Day‘: विश्व पुस्तक दिवस ’23 अप्रैल 1995’ को यूनेस्को द्वारा पुस्तकों को पढ़ने के लिए एक विश्वव्यापी उत्सव के रूप में बनाया गया था। विश्व पुस्तक दिवस दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है और इसकी शुरुवात यूके और आयरलैंड में हुई थी। पहला विश्व पुस्तक दिवस 1997 में युवाओं को किताबों के प्रति रुचि जगाने और पठन-पाठन के लिए उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु मनाया गया था। आज के दौर में जहाँ हम लोग एक डिजिटल युग में जी रहे है, ऐसे में कोई भी प्रेस से पाठकों के हाँथ में आती ताज़ी किताब-कॉमिक्स की खुशबू पन्नें पलटने में मजबूर करने का माद्दा रखती है। इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है चाहे दुनिया कितनी भी क्यूँ ना बदल जाएं। भारतीय प्राचीन ग्रंथ और महाकाव्यों की रचना भी मौखिक कंठस्थता के बाद काष्ठ-पत्रों में रूप में कई हज़ार वर्षों से लिखी जा रही है एवं इसका सबसे बड़ा उदाहरण तो महाभारत में मिलता है जब भगवान गणेश से महर्षि वेदव्यास जी ने इस महाकाव्य को लिखने का अनुरोध किया था।
आज किताब और कॉमिक्स कई श्रेणियों में प्रकाशित होती है, जैसे डिजिटल फॉर्मेट में ई-बुक, वीडियो बुक्स और ऑडियो बुक्स वहीँ पेपरबैक और हार्डकवर फॉर्मेट की भौतिक प्रतियाँ भी पाठकों की पसंद बनी हुई है। देखिए समय के साथ टेक्नोलॉजी का ज़ोर बढ़ता जा रहा है और कॉमिक्स बाइट भी आप अपने स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर-टेबलेट में ही पढ़ते है लेकिन हमारा यह मानना भी है की किताबों से ज्यादा दिन दूरी बिलकुल भी अच्छी नहीं है, इस ज्ञान के भंडार से समय-समय पर कुछ अंश ज़रूर ग्रहण करने चाहिए, अब वो डिजिटल हो या फिजिकल? ये पाठकों के पसंद पर निर्भर करता है लेकिन इसे एक शौक की तरह ही सही पर जारी ज़रूर रखा जाना चाहिए।
किताबों का जादू आज भी लोगों के सर चढ़कर बोलता है जिसका प्रमाण है भारत के कई राज्यों में आयोजित होते ‘विश्व पुस्तक मेले’। इन्हें हम अपने ज्ञान के लिए पढ़ें या मनोरंजन के लिए, कारण कोई भी हो बस यह स्त्रोत बना रहना चाहिए। कॉमिक्स बाइट अपने सभी पाठकों को विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करता है।
बचपन में ऐसी कई बाल पत्रिकाएं हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा रही है जैसे ‘चंपक, नन्हें सम्राट, चंदामामा, नंदन और अमर चित्र कथा’, जो आज धीरे-धीरे मंद पड़ता जा रहा है, अब हम सभी को एक स्वर में इस मुहीम में शामिल होना पड़ेगा तभी जाकर समाज में बदलाव लाया जा सकेगा। अवश्य आज कुछ अच्छा पढ़ें, कॉमिक्स भी पढ़ सकते है। आभार, कॉमिक्स बाइट!!