भोकाल – काल कुंडली और संपूर्ण कालजंत्री – राज कॉमिक्स बाय मनीष गुप्ता (Bhokal – Kaal Kundli and Sampoorn Kaaljantri – Raj Comics By Manish Gupta)
ज्वालाशक्ति की अग्नि एक बार फिर प्रज्वलित होगी एवं होगा आगमन महाबली भोकाल का! काल कुंडली और कालजंत्री कॉमिक्स एक अलग रूप में राज कॉमिक्स बाय मनीष गुप्ता की पेशकश। (The Fire of Jwalashakti will Ignite once again and Mahabali Bhokal will return! Manish Gupta presents Kaal Kundli and Kaaljantri Comics in a unique format through Raj Comics)
भोकाल राज कॉमिक्स का सदाबहार नायक रहा है और उसका पाठकों के मध्य एक अलग ही प्रशंसक वर्ग है। प्राचीन भारत का बलशाली नायक भोकाल जो पृथ्वी से नहीं अपितु परीलोक से संबंधित था और अपनी माता को खोजने जब वह विकासनगर के खौफ़नाक खेल में एक प्रतिभागी के तौर पर उतरता है तब उसकी मुलाकात होती है अपने परम मित्रों से और उसकी टोली में है ब्रम्हांड का सबसे शक्तिशाली योद्धा ‘दंताकधारी अतिक्रूर’, ‘सम्मोहन सम्राट शूतान’ और उसकी प्रेयसी ‘कपाला’ पे सवार ‘प्रहारा की स्वामिनी तुरीन’। मित्रता, प्रेम और कर्तव्य की पराकाष्ठा अकसर भोकाल की चित्रकथाओं में देखने को मिल जाती थी और ऐसे ही कुछ अंक राज कॉमिक्स ने कई वर्षों पहले काल कुंडली और कालजंत्री कॉमिक्स के माध्यम से प्रस्तुत किए थे। राज कॉमिक्स बाय मनीष गुप्ता एक बार फिर से लेकर आएं भोकाल की उन्हीं चित्रकथाओं को नए प्रारूप में जो पुस्तक विक्रेताओं के पास प्री-आर्डर पर उपलब्ध है और इनके बहुत जल्द रिलीज़ होने की संभावना है।
यह संग्राहक संस्करण बिग साइज़, मटैलिक प्रिंटिंग में गोल्ड गिल्डींग, गोल्ड कॉर्नर, फ़ोम पैडिड, ग्लिटर लैमनेशन के साथ उपलब्ध होगा, साथ ही इन चार कॉमिक्स के सिंगल इशू बिग साइज़, ग्लॉसी प्रिन्ट में भी उपलब्ध होंगे। छद्दम – काल कुंडली संयुक्त संस्करण – मूल्य 490/- और एकल अंकों के 32 पेज का मूल्य 75/- रूपये होगा।
- छद्दम
- भोकाल का काल
- काल कुंडली
- मृत्युयोग
कदम स्टूडियोज के सुंदर आर्टवर्क से सुजज्जित यह सभी कॉमिक्स संग्रह करने योग्य है और इनमें दिखाई पड़ेंगे आपको भोकाल के पुत्र और परिवार भी। सम्पूर्ण कालजंत्री संग्राहक संस्करण – मूल्य 790/- है और इनमे आपको सभी अरिजनल कवर, सेट डीटेल और अन्य सामग्री मिलेंगी। इसके एकल अंकों के 32 पेज का मूल्य 75/- होगा और 64 पेज का मूल्य 130/- रूपये होगा।
- कालजंत्री
- जिगर का टुकड़ा
- छल
- त्रिकाल