कॉमिक्स समीक्षा: प्रोफेसर अश्वत्थामा – परशुराम की वापसी – चीज़बर्गर कॉमिक्स – (Comics Review – Professor Ashwatthama – The Return Of Lord Parshuram – Cheeseburger Comics)
चीज़बर्गर काॅमिक्स (Cheeseburger Comics) भारत के एक नए उदीयमान काॅमिक्स प्रकाशक हैं जिनका पदार्पण पिछले वर्ष काॅमिक्स जगत में हुआ हैं। पहले ‘डायमंड काॅमिक्स’ के साथ, फिर बाद में ‘द राईट ऑर्डर’ के साथ उनका टाईअप देखने को मिला। अपने पहले ही अंक ‘प्रोफेसर अश्वत्थामा’ (Professor Ashwatthama) से उन्होंने पाठकों को चीज़बर्गर काॅमिक्स की ओर आकर्षित किया एवं पाठकों ने भी उनके प्रयास को ख़ूब सराहा। प्रोफेसर अश्वत्थामा, तानसेन तरंग, चहल पहल जैसे किरदारों से चीज़बर्गर काॅमिक्स अपनी कॉमिक्स इंडस्ट्री में छाप छोड़ना चाहते हैं और काॅमिक्स जगत के पाठकों को अलग-अलग वर्ग में मनोरंजित करना चाहते हैं। इनके प्रयासों को मिड डे, डेली हंट और मीडिया में भी वाह-वाही मिली और चीज़बर्गर ने ‘उकीयोटो पब्लिशिंग’ अवार्ड फंक्शन में वर्ष 2022 में ‘बेस्ट काॅमिक्स प्लाॅट’ का पुरस्कार भी अपने नाम किया।
चीज़बर्गर कॉमिक्स: प्रोफेसर अश्वत्थामा और परशुराम की वापसी – (Cheeseburger Comics: Professor Ashwatthama And Lord Parshuram)
भारत का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा हैं, यह ऋषियों की धरती हैं और यहाँ कई चिरंजीवी भी रहते हैं जिनकी उम्र हजारों वर्ष है। इन्हीं लोकप्रिय कथाओं, महाकाव्य और ऐतिहासिक पुराणों पर आधारित एक काल्पनिक कहानी कहती हैं प्रोफेसर अश्वत्थामा – ‘भगवान परशुराम की वापसी’। आज के नए युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ती यह कहानी एक बेहतरीन प्रयास हैं ‘फिक्शन’ के साथ ‘हिस्ट्री’ का भी जहाँ कई ‘अवतार’ पाठकों को नजर आएंगे। कहानी भाग 1 प्रोफेसर अश्वत्थामा – “रावण का पुनर्जनम” से आगे बढ़ती है जहाँ एक भयानक खतरा पूरे संसार को लीलने के लिए लगभग तैयार हो चुका है। क्या जलजला रुक पाएगा या फिर आना ही पड़ेगा ‘परशुधर‘ को अपने अजय फरसे के साथ! पढ़िए प्रोफेसर अश्वत्थामा – ‘भगवान परशुराम की वापसी’ में।
कहानी (Story)
चंगेज़ खान नामक राक्षस एक बार पृथ्वी पर कहर मचाने आ चुका है, जो रावण की आत्मा से मिलकर और भी प्रचंड हो गया है एवं अब उसके साथ हैं ‘यम सेना’ भी। उसे रोकने के लिए मैदान में उतरने को बाध्य हुए द्वापर युग के खलनायक जो कलियुग में अब अपने श्राप का बोझ ढो रहे है और अपने पूर्व में किए गए पापकर्म को सदकार्य से कम करने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने डॉक्टर भाभा के साथ मिलकर भारत को कई अद्भुद आविष्कार दिए और वर्तमान में वॉर सीक्रेट बेस में पृथ्वी को इस भयानक आग में झुलसने से बचाने में लगे है। इस युद्ध में जरुरत आन पड़ी एक ऐसे योद्धा की जिसने हमेशा ही जरुरत के समय अपना फरसा दुश्मनों में पर काल बनके गिराया है और अब यम सेना को रोकने के लिए आना ही पड़ेगा ‘आचार्य अद्वैत’ यानि की भगवान परशुराम को। इसमें कापियों का भी जिक्र है जो घोतक ‘कपिश्रेष्ठ’ का जिसे आगे के भाग में जरुर बताया जाएगा और क्या परशुराम एवं अश्वत्थामा रोक पाएंगे कलयुगी ‘रावण’ और उसकी यम सेना को? जानने के आपको पढ़ना होगा प्रोफेसर अश्वत्थामा – ‘भगवान परशुराम की वापसी‘।
टीम (Team)
इस बार भाग दो में ‘दो’ चित्रकार हैं जिसमें शामिल है श्री संभव सांखला और श्री पासंग अमृत लामा, कहानी लिखी हैं चीज़बर्गर काॅमिक्स के संस्थापक और प्रोफेसर अश्वत्थामा के रचियता श्री साहिल शर्मा ने। इसका हिंदी अनुवाद किया है श्री भानु प्रताप सिंह ने। अभिलेख हैं श्री रविराज आहूजा के और रंग-सज्जा है श्री उज्जवल भार्गव और श्री हरेंद्र सिंह सैनी के। आवरण पर कार्य हैं श्री सचिन कुमार, श्रीमान मार्को मिखल और श्री दिलदीप सिंह का। विशेष आभार में काफी लोगों के नाम शामिल हैं हालाँकि कॉमिक्स के पहले पृष्ठ के पिछले भाग पर कॉमिक जगत के महामानव स्वर्गीय गुलशन राय जी को श्रद्धांजलि दी गई है जो इसके पहले संस्करण में जुड़े थे, यह काफी भावनात्मक संदेश है। इस कॉमिक्स में कई पिन-अप आर्ट्स भी हैं जो की इसका बोनस कंटेंट है।
संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : चीज़बर्गर कॉमिक्स (Cheeseburger Comics) & The Write Order
पेज : 56
पेपर : मैट/ग्लॉसी मिक्स
मूल्य : 299/- (हिंदी/अंग्रेजी)
कहां से खरीदें : अमेज़न (Amazon)
निष्कर्ष (Conclusion)
कॉमिक्स का आवरण काफी अच्छा बना है जो पाठकों को पसंद आएगा। कहानी को लेखक ने बड़े ही तेज गति से चलाया है जो अंत तक बना रहता हैं लेकिन बीच में कई जगह आप भटक भी जाते है जब नए पात्रों का आगमन होता है। चित्रांकन इस कॉमिक्स या ग्राफ़िक नॉवेल का सबसे कमज़ोर पक्ष है, कहीं चित्र अच्छे बने है तो कहीं चेहरे भी नदारद है, यहाँ जल्दबाज़ी की गई है जिसे अगले भाग में सुधारने की आवश्यकता है। हिंदी अनुवाद (क्योंकि कॉमिक्स बाइट ने हिंदी एडिशन खरीदा है) पर भी कार्य करने करने की जरुरत है, शब्दवली और प्रवाह की कमी साफ़ दिखाई पड़ती है। अगर अंत में देखा जाए तो प्रोफेसर अश्वत्थामा – ‘भगवान परशुराम की वापसी‘ एक अच्छा एक्शन पैकेज है जिसमे कई कमियां भी हैं। आशा हैं भाग 3 में इन सभी का ध्यान रखा जाए, अगले भाग के लिए उन्हें शुभकामनाएं, आभार – काॅमिक्स बाइट!!
प्रोफेसर अश्वत्थामा 3 – चीज़बर्गर कॉमिक्स (Professor Ashwatthama 3 – Cheeseburger Comics)
Purcahse: Professor Ashwatthama Vol 2 Hindi