कॉमिक्स समीक्षा: रामायण – (विमानिका कॉमिक्स) – (Comics Review – Ramayana – Vimanika Comics)
विमनिका कॉमिक्स (Vimanika Comics): लगभग डेढ़ दशक पहले ‘विमनिका कॉमिक्स’ ने अपनी शुरुवात की और वो आज भी बेहद सक्रिय नजर आते हैं। वर्तमान में कॉमिक कॉन इवेंट्स से लेकर पुस्तक मेले तक में उनकी उपस्तिथि दर्ज हैं एवं ऑनलाइन उपलब्धता तो कई वर्षों से अपने पाठकों वो मुहैया करा रहे हैं। हाल ही ‘द राइट आर्डर’ ने विमनिका कॉमिक्स के साथ गठजोड़ किया हैं और अब से विमनिका कॉमिक्स के प्रिंट और डिस्ट्रीब्यूशन में वो पूर्ण रूप से भागीदार रहेंगे। पाठकों को बता दूँ की विमनिका कॉमिक्स ने हमारे त्रिदेव, देवी और देवताओं पर कई पौराणिक ग्राफ़िक नॉवेल पूर्व में प्रकाशित किये हैं जिन्हें आशातीत सफलता भी उन्हें मिली। दशावतार, कल्कि, माँ दुर्गा से लेकर भगवान भोलेनाथ की ट्रियोलाजी भी उन्होंने प्रकाशित की हैं और एक बार फिर वो लेकर आएं हैं कथा हर युग की – रामायण (Ramayana)।
कॉमिक्स समीक्षा: रामायण – बाल कांड (विमानिका कॉमिक्स) – (Comics Review – Ramayana – Bala Kand – Vimanika Comics)
“रामायण – बाल कांड” या सिर्फ रामायण के बारे में कुछ भी कहना ‘सूरज को दिया दिखाने‘ जैसा होगा। इस महाकाव्य के बारे में महान महर्षि वाल्मीकि जी से अच्छा शायद कोई लिख पाया होगा या कोई भविष्य में लिख भी पाएगा। प्रभु श्री राम का प्रेम ही रामायण का आधार हैं, उनका नम्र स्वाभाव, आज्ञाकारी पुत्र होने की कर्मठता, अपने भ्राताओं से अगाध स्नेह करना या अपने जनता के प्रति कर्तव्यों का वहन ही हमें एक सुनहरे रामराज्य के दर्शन देता हैं। लेकिन इन सब से भी उपर माता सीता के प्रति लिए गए अपने प्रण और अधर्म पर धर्म की विजय ही ‘रामायण’ का मूल मंत्र हैं। सनद रहें मनुष्य के कर्म ही उसे उपर उठाते हैं या नीचे गिराते हैं लेकिन रामायण से आपको वह ज्ञान प्राप्त होता हैं जो सद्गुणों के पथ पर चलकर आपको एक समाज के प्रति आदर्श बनता हैं। विमनिका कॉमिक्स भी ‘रामायण – बाल कांड’ से एक बार फिर इसी आदर्शों के बीज को हमारे अंदर रोपित करने की प्रेरणा देती हैं।
कहानी (Story)
वैसे तो बाल कांड की कथा को हम सभी जानते हैं, उसे टीवी पर भी देखा हैं और पढ़ भी चुके हैं। राजा दशरथ यानि प्रभु श्री राम के पिता ‘अयोध्या’ नगरी के सम्राट थें, उन्हें अपनी तीन पत्नियों( कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा) से कोई संतान नहीं थीं जिसके कारण उन्होंने यज्ञ किया और उसके फलस्वरूप उन्हें 4 पुत्ररत्नों की प्राप्ति हुई। प्रभु श्री राम इन सबमें ज्येष्ठ पुत्र थें, उसके बाद लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। बचपन से ही उनकी शिक्षा-दीक्षा गुरु श्री वशिष्ठ के आश्रम में हुई और नवयुवक के श्रेणी में आते ही महर्षि विश्वमित्र उन्हें अपने साथ पृथ्वी पर राक्षसों के उन्मूलन के लिए अपने साथ ले गए जहाँ वो ताड़का, मारीच और सुबाहु जैसे राक्षसों से टकराएं। बाद में वो अपने पथ पर अग्रसर होते हुए राजा जनक के राज्य पहुचें एवं माता सीता के स्वयंवर में भाग लिया जहाँ प्रभु श्री राम का सामना अपने ही दूसरे अवतार भगवान परशुराम से हुआ। आगे क्या हुआ ये जानने के लिए आपको कॉमिक्स के पृष्ठ पलटने होंगे।
टीम (Team)
कहानी के लेखक/लेखिका हैं श्री क्षितिज पढे और सुश्री सुरभि स्नेही, चित्रांकन है श्री वेद खंतवाल जी का जो बेहद सुंदर और जबदस्त दिखाई देता हैं, रंग सज्जा है चर्बक दीप्ता जी की और इंकिंग की हैं मंदार जी ने, शब्दांकन का कार्य है श्री रोहित रोजल का एवं इन सबको साथ मिला हैं एडिटर इन चीफ श्री करण वीर अरोरा जी का। कॉमिक्स का आवरण अद्भुद है और हमें वह काफी पसंद आया, वेद जी कार्य निखर कर दिखाई पड़ रहा हैं। कॉमिक्स अंग्रेजी भाषा के पाठकों के लिए उपलब्ध हैं जिसके आगामी वर्षों में हिंदी में भी आने की संभावना हैं द राइट आर्डर से।
संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : विमानिका कॉमिक्स (Vimanika Comics)
पेज : 64
पेपर : ग्लॉसी
मूल्य : 299/- (अंग्रेजी)
कहां से खरीदें : अमेज़न (Amazon)
निष्कर्ष (Conclusion)
इस कॉमिक्स या ग्राफ़िक नॉवेल का सीधा निष्कर्ष यही हैं की इसे खरीद लीजिये! रामायण से आज भला ही कोई भारतीय अनिभिज्ञ होगा और जो पाठक यह कहते हैं की भारतीय कॉमिक्स अंग्रेजी में नहीं प्रकाशित होती, तो उनके लिए यह और भी विशेष बन जाती हैं। कथा का अपना महत्त्व हैं एवं वेद खंतवाल जी का आर्टवर्क आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। कॉमिक्स प्रेमियों के कलेक्शन में रखने लायक किताब हैं!
गैलरी (Gallery)
Vimanika Comics Ramayana – Legends of The Maryada Purushottam