कॉमिक्स बाइट फैक्ट: “टिंकल” कॉमिक्स के नाम के आश्चर्यजनक इतिहास पर एक नज़र (Comics Byte Facts: A Look Into the Surprising History of Tinkle’s Name)
टिंकल को कैसे मिला उसका नाम? (Who Gave Tinkle His Name and Why?)
नमस्कार मित्रों, आज बात करेंगे हम सबके पसंदीदा कॉमिक्स मैगज़ीन ‘टिंकल’ (Tinkle) के बारें में! वर्ष 1980 से प्रकाशित हो रही बाल पत्रिका – टिंकल ने हमेशा से बच्चों और बड़ों का भरपूर मनोरंजन किया हैं। कालिया क्रो, तंत्री-मंत्री, सुप्पंदी, शिकारी शंभू, इंडियन फोकलोर से लेकर वर्तमान में योग योद्धाज तक का उनका सफ़र आज भी जारी हैं। लगभग 4 दशक से टिंकल हम सबका मनोरंजन कर रही हैं जिसका सारा श्रेय अंकल पाई और अमर चित्र कथा स्टूडियोज को जाता हैं। आप सभी पाठकों को पता होगा ही पूरा भारत इस पिछले वर्ष से अभी तक अपने स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने की ख़ुशी में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा हैं और उनके आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से ‘टिंकल’ पत्रिका की यह बेशकीमती जानकारी सबके साथ साझा की गई हैं।
इस पोस्ट में जैसा बताया गया हैं की दो दिवस पहले ही अनंत पाई जी की पुण्यतिथि थीं और उन्हें याद करते हुए ‘अमृत महोत्सव’ यह जानकारी सभी के साथ बांटी हैं। भारत में कॉमिक्स और संस्कारों की नीवं को मजबूत करने में ‘अंकल पाई’ और अमर चित्र कथा का बहुत बड़ा योगदान हैं, वो एक महान निर्माता थें जिन्होंने लाखों बच्चों को उस दौर में स्वस्थ मनोरंजन का जरिया दिया जिससे शायद आज की पीढ़ी दूर होती जा रही हैं।
कैसे अनंत पाई ने अपनी कॉमिक बुक सीरीज़ का नाम टिंकल रखा (How Anant Pai Named His Comic Book Series Tinkle?)
बात वर्ष 1980 की हैं जब अंकल पाई अपने कुछ मित्रों के साथ बैठ कर इस बात की चर्चा कर रहे थें की बच्चों की एक नई पत्रिका को क्या नाम दिया जा सकता हैं? काफी विचार विमर्श करने के बाद भी वो लोग किसी नतीज़े पर नहीं पहुँच सके और तभी उनके मित्र के यहाँ रखा ‘टेलीफोन’ घनघना उठता हैं! उनका मित्र फ़ोन उठा कर कहता हैं – “I’ll give you ‘tinkle’ later in the day.” जिसका अर्थ होता हैं की मैं तुम्हें दिन में बाद में ‘झंकार’ यानि ‘कॉल’ देता हूँ! और इस तरह से अंकल पाई को उनका टिंकल कॉमिक्स का नाम प्राप्त हुआ। हैं ना ये बड़ा ही अनोखा फैक्ट!!
अंकल पाई को उनके पुण्यतिथि पर हृदय से नमन और कॉमिक्स जगत की ओर से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि। आजकल एक चीज़ जो बड़ी अच्छी लग रही हैं, वो ये कि भारतीय कॉमिक्स को भी अब कई प्लेटफार्म पर ‘सेलिब्रेट’ किया जा रहा हैं और उनके क्रिएटिव्स को भी सम्मान दिया जा रहा हैं। कॉमिक्स का सूर्योदय फिर से अपनी नई किरणें बिखेर रहा हैं, आभार – कॉमिक्स बाइट!!