निनाद जाधव की प्रेमपूर्ण स्मृति में (In Loving Memory Of Ninad Jadhav)
“निनाद जाधव – फॉरएवर इन अवर हार्ट्स” (Ninad Jadhav – Forever in our Hearts)
निनाद! यह नाम सबसे पहले मैंने सुपर कमांडो ध्रुव की काॅमिक्स काल ध्वनि में सुना था। इसका अर्थ होता है तेज आवाज या ध्वनी! नताशा का ‘निनाद’ में बदलना और ध्रुव का उसे फिर से अपने स्वरूप में लाना अद्भुत था, इस काॅमिक्स में ध्वनिराज की वापसी हुई थी। राज कॉमिक्स ने इसे लगभग 2 दशक पहले प्रकाशित किया था जो मेरे काॅमिक्स प्रेम में चक्कर में पिताजी ने मुझे खरीदवाया था। खैर, इस बात को कई वर्ष बीत गए और मेरी बातचीत काॅमिक्स थ्योरी के संचालक श्री शंभुनाथ महतो से वर्ष 2017 में शुरू हुई। वो ‘घोस्ट ऑफ इंडिया’ काॅमिक्स निकाल चुके थे और लीजेंड कैलेंडर निकालने की प्रक्रिया मे व्यस्त थे। उसी दौरान मैंने ‘निनाद जाधव’ जी नाम उनके मुंह से कई बार सुना, जो कदम-कदम उन्हें प्रोत्साहित और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते थे। एक बार काॅनफ्रेंस काॅल में उनसें चर्चा हुई और यह मेरी श्री ‘निनाद जाधव’ से पहली वार्ता भी बनी। कहते है रिश्तों का खून से कोई संबंध नहीं होता और यह बात बिल्कुल खरी कही गई है, निनाद जी से मित्रता तो शुरु हो ही चुकी थीं पर कब वह एक आदरणीय बड़े भाई के रूप में मेरे इस जीवन में समाहित हो गए एवं इन बीतें वर्षों तक सदैव मेरे साथ खड़े रहे, हमेशा किसी भी कठिन परिस्थिति में मेरा मनोबल बढ़ाने का कार्य किया एवं हालातों के आगे कभी टूटने नहीं दिया, एक बात वो हर बार कहते ‘मैं आपके साथ हूँ मैनाक भाई’, जिससे काफी बल मिलता। खुशी के पल तो सभी बांटते है पर आपके नाजुक क्षणों बस आपके पारिवारिक लोग ही मदद एवं साथ के लिए खड़े रहते है। निनाद जी भी मेरे परिवार का हिस्सा थे और 26 फ़रवरी की तारीख की एक मनहूस घड़ी ऐसी खबर लेकर आई जिसने ‘निनाद’ जी हमेशा के लिए हमसे दूर कर दिया, इसका कारण एक भयानक दुर्घटना बनी, पर लगता इस कलयुगी संसार से उन्होंने जाने का मन ऐसा बनाया की किसी ने सपने में भी इसकी कल्पना ना की थी। यह दुःख तो अब शायद ही कभी समाप्त होगा पर जीवन चक्र आगे की ओर अग्रसर है और रहेगा। अपने पीछे निनाद जी एक भरा पूरा परिवार भी छोड़ गए है जो उनकी कमी को उम्रभर महसूस करेगा और हम सभी अनुज अब उनसे कभी रुबरु नहीं हो पाएंगे और ना ही कभी उस शानदार ‘निनाद यानि आवाज’ को सुन पाएंगे।
रिकार्ड्स बनाना उनका शग़ल था, वैसे तो निनाद जी पेशे से अध्यापक थे पर एक समाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी उनका काफी नाम था। नारायण राव बहुउद्देशीय एजुकेशन सोसयटी, नागपुर के माध्यम से उन्होंने स्कूलों, एक्सीबीशन्स और अन्य प्लेटफार्मों पर सैंकड़ों कार्यक्रम किए। बच्चों को काॅमिक्स और उसकी उपयोगिता समझाने के वो हर क्षण तत्परता से लगे रहते थे। उनके कारण ही कॉमिक्स बाइट को प्रोत्साहन और रिकार्ड्स बुक में जगह मिली और भविष्य को लेकर भी उन्होंने कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रखी थी। उनके असमय चले जाने इन प्रयासों को धक्का लगा है और जिस तरह से जमीनी स्तर पर उन्होंने कार्य किया शायद इस काॅमिक्स इंडस्ट्री के लिए किसी ने किया होगा। ऐसा आगे होना भी संभव नहीं लगता क्योंकि सभी इसे एक व्यवसाय की तरह देखते हैं लेकिन निनाद जी के लिए यह जीवन जीने का तरीका था।
भारत में लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स से लेकर, इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एवरेस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड, ओ माॅय गाॅड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड व अन्य लगभग सभी रिकार्ड्स होल्डिंग संस्थानों के साथ उनके प्रगाढ़ संबंध थे। उनके एवं परिवार के नाम दर्जनों रिकॉर्ड्स इन बुक्स मे सम्मिलित है जिन्हें शायद ही कोई तोड़ पाएगा। वह मेरे लिए तो किसी सेलिब्रिटी से कम ना थे और कई बार जब उनसे मैं ऐसा कहता था तो बड़े ही सम्मानपूर्वक तरीके से इसे हंसी मजाक में टाल जाते थे। चाहे गर्ल राईजिंग के इंवेट्स हो या काॅमिक्स को लेकर कोई स्कूली शिक्षा का कार्यक्रम, वह हर बार इसे मीडिया और रिकार्ड्स बुक में दर्शाते और कवरेज देते ताकि अन्य बच्चों को उनसे प्रेरणा मिले।
निनाद जी शौकिन मिज़ाज के धनी थे और उनके जैसा कलेक्शन शायद ही कुछ लोग बना पाएं या कम ही होंगे। यह उनका जुनूँन ही था जो ‘काॅमिक्स’ से लेकर ‘घड़ीयों’ तक और फिल्मों से लेकर ‘आजाद हिंद फौज’ तक फैला हुआ है। उनकी पहचान काफी बड़े लोगों में थी और वह बड़ी ही आत्मीयता से उन लोगों से जुड़े हुए थे। आबिद सुरती जी (इंद्रजाल काॅमिक्स के लेखक – बहादुर फेम), अभिनेता शम्मी कपूर जी का परिवार, अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती जी, अभिनेता रघुबीर यादव जी, प्रसिद्ध लेखिक ऑयवर यूशियल जी और कार्टूनिस्ट सुखवंत कलसी जी, ऐसे ही ना जानते कितने अनगिनत लोगों के साथ वह जुड़े हुए थे। उनके पुणे प्रवास के दौरान ‘काॅमिक्स’ को लेकर काफी चर्चाएं हुई एवं किसी भी विषय में उनके ज्ञान को देखकर मैं खुद बड़ा अचंभित था। उन्होंने ही मुझे आजाद हिंद फौज के परिवार वालों और कई वाॅर हीरोज से मिलवाया जो भारत की सेना से थे। ली फॉक कृत फैंटम और इयान फ्लेमिंग कृत जेम्स बांड के वह बड़े प्रशंसक रहे, यहाँ तक एक रिकॉर्ड उन्होंने जेम्स बांड का किरदार निभा चुके अभिनेता पियर्स ब्रोसनन के नाम पर भी बनाया था। कोविड काल के दौरान भी वह लगातार लोगों की सहयता एवं उन्हें जागरूक करते रहे एवं उसी खंड में सौ से भी ज्यादा ऑनलाइन कोर्सेज के सर्टिफिकेशन लेकर, उन्होंने समाज में एक नई मिसाल कायम की।
एक बड़े भाई का रूप में उन्होंने वह सब किया जो वह कर सकते थे। एम आर पी बुक शाॅप और काॅमिक्स बाइट के वह मुख्य काउंसलर थे। हम लोगों का मार्गदर्शन और मनोबल बढ़ाने में उनका अतुल्य योगदान है और आज के कलियुग में जहां आज भी लोग सिर्फ मतलब के लिए संबंध रखते है वहां उनकी उपस्थिति एक संतुलन और संतुष्टि का अनुभव प्रदान करती थी। इन 6-7 वर्षों में एक बार भी उन्होंने मुझे “मैनाक” नाम से संबोधित नहीं किया और हमेशा ‘मैनाक जी या भाई’ ही कहा जो उनके बडप्पन को उदाहरण पेश करता है, जबकि वह मुझसे उम्र में कुछ वर्ष बड़े थे और मेरे कई बार मना करने पर भी वह कभी इसे माने नहीं। शायद यह विचार मेरे निजी है पर उनसे जुड़े सैंकड़ों लोगों का मत भी बिलकुल ऐसा ही है, ना लेश मात्र घमंड एवं ना ही किसी बात का कोई अभिमान। ऐसे लोग बड़े ही विरले पाए जाते है और शायद इसी कारण से हरिलोक में उन लोगों को जल्दी बुला लिया जाता होगा। निनाद जी एक अच्छे लेखक भी थे जो हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में लिखते थे, काॅमिक्स बाइट पर उनके द्वारा लिखित और प्रकाशित कई आर्टिकल्स भी है। भविष्य में अपने बेटी अक्षरा जो की भारत में ‘गर्ल राइजिंग’ की दूत भी है, उसके नाम से उनका प्रकाशन में आने का विचार भी था जिसे वह जरुर पूरा करते और भारत की बेटियों में एक उर्जा का संचार भरते।
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लिखने बैठूं तो शायद उनपर कई किताबें लिखी जा सकती है पर मन और शब्द आज साथ नहीं दे रहे है। कभी सोचा भी नहीं था की अपने किसी प्रिय श्रेष्ठ के लिए मुझे यह सब लिखना पड़ेगा। जीवन बड़ा निष्ठुर है और गीता के उपदेशों का कलियुग में पालन करना बड़ा ही कष्टप्रद। प्रभु कहते जिसकी जैसी नियति, पर इस सत्य को मानना बड़ा कठिन है। किसी का अचानक चले जाना उनके परिजनों और मित्रों के लिए दुःखद और असहनीय होता है पर परिस्थितियों पर किसका जोर चला है। आशा है मैं आगे भी निनाद जी के दिखाए पथ और सपने पर चल सकूंगा और अपने कार्य को जारी भी रखूंगा। आखिरकार यह निनाद जी उद्देश्य भी था और मेरी ताकत भी। एक बात आपको बतानी रह गई की कॉमिक्स बाइट पर हमने 1000 से ज्यादा आर्टिकल्स पूर्ण कर लिए जिसकी चर्चा आप हर बार अपने संवादों में करते थे, आशा करता हूँ कैसे भी यह संदेश आप तक जरुर पहुंचे एवं आपका आशीर्वाद मुझ पर हमेशा बना रहे, आपके कहे अनुसार इसे ‘रिकार्ड्स’ बुक में जगह दिलवाने की मैं पूरी कोशिश करूँगा।
भगवान आपको अपने श्री चरणों में स्थान दें निनाद जी और आपकी आत्मा को सदगति मिलें। ॐ शांति, ॐ शांति, ॐ शांति। खुश रहिएगा निनाद जी आप जहाँ भी हों, आप सदैव हमारे ह्रदय पर निवास करेंगे एवं अपने किए गए कार्यों से अमर रहेंगे। आपको इस कॉमिक्स बाइट परिवार और कॉमिक्स जगत की ओर से भावपूर्ण एवं अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि।
आपका अनुज, मैनाक!!
I know you are watching over me from heaven, I will cherish all your moments & In my garden of memories, you will bloom forever my dear brother.”