श्रद्धांजलि – श्री महेंद्र कपूर जी – “मालिक साहिब” – मधु मुस्कान – (Tribute – Shri Mohinder Kapur Ji – Madhu Muskaan)
श्री “मोहिंदर कपूर” जी को शायद आज के युवा ना जानते हों लेकिन सत्तर से लेकर नब्बें के दशक तक भारत के बच्चे, युवा और प्रौढ़ उनसे हर हफ्ते मुखातिब होते थे। जी हाँ एक दौर था जब “मधु-मुस्कान” बाल पत्रिका हिंदुस्तान के हर राज्यों तक अपनी पहचान बना चुकी थी और बतौर संपादक श्री “मोहिंदर कपूर” जी उसे उच्च गुणवत्ता के साथ पाठकों तक लगातार पहुंचा रहें थे। मधु-मुस्कान में कहानियाँ, प्रतियोगिता, रोचक जानकारी के साथ चित्रकथाओं का भी समावेश होता था जो प्रशंसकों को बड़ा लुभाता था। इसे गोवरसंस समूह का एक सहभागी संगठन भी कहा जा सकता है जिसके संस्थापक श्री गोवर्धन कपूर जी थे।
गोवरसंस समूह एक विशाल और वृहद् व्यापारिक गतिविधियों का पहले भी केंद्र रहा है और अभी भी वो प्रगतिपथ पर अग्रसर है। यहाँ कई संगठन सक्रिय हैं जिसके निर्देशक के पद पर मोहिंदर कपूर जी, सतीश कपूर जी और दीपक कपूर जी नामित हैं। बहरहाल अगर मैं कॉमिक्स पाठकों की बात करूँ तो वह मोहिंदर जी से पत्र व्यहार के द्वारा जुड़े हुए थे जिन्हें मधु मुस्कान पत्रिका में जगह भी दी जाती थी। मनोरंजन के क्षेत्र में एक ज़माने में मधु मुस्कान पत्रिका, मधु-मुस्कान कॉमिक्स और गोवरसंस कॉमिक्स ने काफी नाम अर्जित किया था।
इनकी सफलता का सारा श्रेय श्री मोहिंदर कपूर जी को ही जाता है। भारत के बहुत से मशहूर कॉमिक बुक क्रिएटिव्स “गुलाब हाउस”, मायापुरी के दफ्तर में एक समय साथ में कार्य किया करते थे जिनमें श्री जगदीश भारती जी, श्री हरीश एम सूदन जी, श्री हरविंदर मांकड़ जी, श्री हसन पाशा जी और श्री हुसैन ज़मीन जी जैसे एक से बढ़कर एक कलाकारों ने कई दशकों तक इस स्थान से भारत एवं विदेशों में रह रहें लोगों का भरपूर आमोद-प्रमोद किया है।
कल ही श्री जगदीश भारती जी के फेसबुक पर जब मैंने यह खबर देखी तो एक बारगी विश्वास नहीं हुआ। ‘गुलाब हाउस’ में उन्हें सभी ‘मालिक साहिब’ कहके ही बुलाते थे और ऐसा कई क्रिएटिव अपने भिन्न भिन्न संस्मरणों में पहले भी बता चुके है। दुनिया में हर किसी का एक लक्ष्य होता है और मुझे तो पूर्ण विश्वास है की मोहिंदर जी ने कॉमिक्स जगत और बाल पत्रिका के क्षेत्र में इस देश में एक क्रांति लाई जिसे हम चित्रकथा के रूप में आज भी बड़े चाव से पढ़ते हैं।
अंत में बस इतना ही लिखूंगा की आपका जाना इस जगत की एक अपूर्णीय क्षति है सर और बहुत ‘विरले’ ही ऐसी सोच रखते हैं और उसे सफलतापूर्वक पूर्ण भी करते हैं। आप अपने कार्यों और कर्मों के लिए हमेशा याद रखें जाएंगे एवं हमेशा कॉमिक्स प्रेमियों के ह्रदय में वास करेंगे जिनको आपने अपने मार्गदर्शन से जीवन की सही राह बताई हैं। कॉमिक्स जगत के सभी प्रशंसक और कॉमिक्स बाइट की टीम की ओर से आपको अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि और नमन!!
चित्र साभार: श्री जगदीश भारती जी और मधु-मुस्कान